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Mahalaya 2024: महालया आज, जानिए क्यों धार्मिक दृष्टि से खास होता है ये दिन - Mahalaya 2024

आज महालया है. इसे लेकर लोगों में खासा उत्साह है. माना जाता है कि इस दिन मां दुर्गा धरती पर आगमन होता है. इसके बाद ही दुर्गा पूजा की शुरुआत होती है. महालया पर रांची के दुर्गा बाड़ी में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

Mahalaya 2024
मां दुर्गा की तस्वीर (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 2, 2024, 7:03 AM IST

रांची: आज महालया है. बंगाली समुदाय में महालया को लेकर खासा उत्साह रहता है. मां दुर्गा के आगमन की स्वागत के लिए बड़े ही श्रद्धा एवं भक्ति के साथ बंगाली समुदाय कई दिन पहले से ही तैयारी में लगे रहते हैं. इसका उदाहरण है रांची का अलबर्ट एक्का चौक, जहां लंबे समय से मां दुर्गा के आगमन के अवसर पर पारंपरिक रूप से महिषासुर मर्दिनी का मंचन होता है. इस साल भी यहां खास तैयारियां की गई हैं. इस अवसर पर होने वाले विशेष कार्यक्रम को लेकर कलाकारों के द्वारा पिछले कई दिनों से तैयारियां की जा रही है. बुधवार शाम 06 बजे से यहां महिषासुर मर्दिनी का मंचन होगा.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महालया का खास महत्व है. पितृपक्ष का समापन और देवी पक्ष की शुरुआत के मिलन काल को महालया कहा जाता है. संस्कृत के दो शब्द महा और आलय से महालया बना है जिसका शाब्दिक अर्थ महान निवास है. जो हर साल आश्विन माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन मां दुर्गा का आगमन होता है.

इस साल महालया 2 अक्टूबर को पितृपक्ष के समापन के साथ होगा. पंडित निर्भय कुमार झा कहते हैं कि इस साल अमावस्या 01 अक्टूबर को रात 09.38 मिनट से शुरू होगा जो 02 अक्टूबर को रात 12 बजकर 19 मिनट तक है. इस वजह से महालया का सबसे उत्तम समय रात 12 बजकर 19 मिनट जो पितृ पक्ष और मातृ पक्ष जिसे देवी पक्ष के रूप में भी कहा जाता है के मिलन काल के समय होगा. हालांकि सूर्योदय काल में अमावस्या होने की वजह से महालया 2 अक्टूबर को ही सुबह से माना जायेगा. इस वजह से 03 अक्टूबर से मां दुर्गा की आराधना कलश स्थापना के साथ शुरू हो जाएगी. महालया पर दुर्गाबाड़ी में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

रांची: आज महालया है. बंगाली समुदाय में महालया को लेकर खासा उत्साह रहता है. मां दुर्गा के आगमन की स्वागत के लिए बड़े ही श्रद्धा एवं भक्ति के साथ बंगाली समुदाय कई दिन पहले से ही तैयारी में लगे रहते हैं. इसका उदाहरण है रांची का अलबर्ट एक्का चौक, जहां लंबे समय से मां दुर्गा के आगमन के अवसर पर पारंपरिक रूप से महिषासुर मर्दिनी का मंचन होता है. इस साल भी यहां खास तैयारियां की गई हैं. इस अवसर पर होने वाले विशेष कार्यक्रम को लेकर कलाकारों के द्वारा पिछले कई दिनों से तैयारियां की जा रही है. बुधवार शाम 06 बजे से यहां महिषासुर मर्दिनी का मंचन होगा.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महालया का खास महत्व है. पितृपक्ष का समापन और देवी पक्ष की शुरुआत के मिलन काल को महालया कहा जाता है. संस्कृत के दो शब्द महा और आलय से महालया बना है जिसका शाब्दिक अर्थ महान निवास है. जो हर साल आश्विन माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन मां दुर्गा का आगमन होता है.

इस साल महालया 2 अक्टूबर को पितृपक्ष के समापन के साथ होगा. पंडित निर्भय कुमार झा कहते हैं कि इस साल अमावस्या 01 अक्टूबर को रात 09.38 मिनट से शुरू होगा जो 02 अक्टूबर को रात 12 बजकर 19 मिनट तक है. इस वजह से महालया का सबसे उत्तम समय रात 12 बजकर 19 मिनट जो पितृ पक्ष और मातृ पक्ष जिसे देवी पक्ष के रूप में भी कहा जाता है के मिलन काल के समय होगा. हालांकि सूर्योदय काल में अमावस्या होने की वजह से महालया 2 अक्टूबर को ही सुबह से माना जायेगा. इस वजह से 03 अक्टूबर से मां दुर्गा की आराधना कलश स्थापना के साथ शुरू हो जाएगी. महालया पर दुर्गाबाड़ी में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

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