लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जनवरी में आयोजित होने वाले महाकुंभ को इस बार दिव्य और भव्य बनाना चाहती है, इसके लिए लगातार सरकार की तरफ से दिशा निर्देश जारी किया जा रहे हैं. महाकुंभ में उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश और विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, ऐसे में उन श्रद्धालुओं को महाकुंभ तक पहुंचने में किसी तरह की कोई दिक्कत न होने पाए इसके लिए बेहतर बस सुविधा देने के लिए परिवहन निगम की तरफ से तैयारी की जा रही है. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 7000 महाकुंभ स्पेशल बसों का संचालन करेगा साथ ही 750 शटल बस सेवाएं संचालित की जाएंगी. इससे श्रद्धालुओं को महाकुंभ तक पहुंचने में किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी. बसों की संख्या के लिहाज से कहा जा सकता है कि हर 30 सेकेंड में रोडवेज की एक बस उपलब्ध होगी.
7000 बसें चलेंगी: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने बताया कि परिवहन निगम दिव्य, भव्य और ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए कुम्भ मेला में सात हजार बसों को संचालित करेगा. परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती और आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराएगा. मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं इसे ध्यान में रखकर पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है.
महिलाओं और बुजुर्गों को सुविधाः महिला और बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गई है.उन्होंने बताया कि महाकुम्भ मेला के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच पड़ रहे हैं जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी और बसंत पंचमी का शाही स्नान तीन फरवरी को है. महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें और लगभग 200 वातानुकूलित बसें का संचालन किए जाने की योजना है. पहले चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक, दूसरे चरण में 24 जनवरी से सात फरवरी तक और तीसरे चरण में आठ फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बांटा गया है. निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जाएगा.
550 शटल बसें भी चलेंगीः एमडी परिवहन निगम ने बताया कि सात हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई और अस्थाई बस स्टेशनों व विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क और भारत स्काउट गाइड कॉलेज बैक रोड तक और लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है.
8 अस्थायी बस अड्डे बनेंगेः उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल और यमुना पुल यातायात के लिए प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल आठ अस्थाई बस स्टेशन गठित किया जाएगा. झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू और लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं.
किसी रूट की बस किस बस अड्डे से मिलेगीः एमडी मासूम अली सरवर ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा. दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा. सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग व वाराणसी और संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जाएगा.
नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर और कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा. नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन की तरफ से रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जाएगा.
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