उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में हुए अग्निकांड के बाद सुरक्षा उपायों को लेकर कई काम किए जा रहे हैं. हाल ही में देश के चार बड़े प्रमुख मंदिरों का दौरा कर लौटे अफसरों ने जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. अधिकारियों ने मंदिर की सुरक्षा के संबंध में कई सुझाव दिए हैं. इस बात पर भी गौर किया गया कि मंदिर के गर्भगृह में पुजारियों की संख्या ज्यादा होने के कारण दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही दोबारा अग्निकांड जैसी घटना न हो, इसके लिए फायर सेफ्टी के अधिकारियों की नियुक्ति की गई है.
गर्भगृह में पुजारियों की संख्या सीमित करने पर जोर
महाकालेश्वर मंदिर में अग्निकांड के बाद जिला प्रशासन ने चार सदस्यीय दल को देश के चार प्रमुख बड़े मंदिरों में दर्शन व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने भेजा था. इन मंदिरों में पुजारियों के गर्भगृह में पूजन पाठ के टाइम टेबल से लेकर तमाम विषयों पर अफसरों ने जानकारी इकट्ठा की. अफसरों ने रिपोर्ट में गर्भगृह में पुजारियों की सीमित संख्या, फायर सेफ्टी सिस्टम पर जोर दिया है. इसके साथ ही तिरुपति बालाजी मंदिर की तरह टोकन सिस्टम का सुझाव दिया है. महाकाल मंदिर प्रशासक मृणाल मीणा ने बताया "चार बड़े मंदिरों में टीम भेजी थी. उन मंदिरों में दर्शन व्यवस्था का जायजा लिया गया. वहां पर सुरक्षा की क्या व्यवस्था रहती है, एंट्री व एग्जिट गेट पर क्या व्यवस्था रहती है, इन बातों को देखा."
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महाकाल मंदिर के हर प्वाइंट पर श्रद्धालुओं की संख्या होगी तय
अफसरों की टीम ने सुझाव दिया है कि इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर रोक लगानी चाहिए. इसके साथ ही मंदिर समिति की प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी के साथ पुलिस का कोऑर्डिनेशन कैसा होना चाहिए, इस पर सुझाव दिया है. पुजारियों की संख्या मंदिर में ज्यादा है तो उनमें काम का विभाजन किया जाना चाहिए. प्रशासक ने बताया "एनबीसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है, जिसकी टीम यहां जांच करने के लिए आ रही है. मंदिर कैंपस की कैपेसिटी पर भी फोकस किया जाएगा. एनबीसी की टीम ये भी बताएगी कि एक प्वाइंट पर कितने लोगों को रोकना चाहिए. अभी मैन फोकस मंदिर परिसर पर है. सभा मंडप, नदी मंडप के साथ ही महाकाल लोक कॉरिडोर में कितने श्रद्धालु होने चाहिए, इस बारे में रिपोर्ट तैयार की जाएगी."