प्रयागराज: महाकुंभ में निर्वाणी अनी अखाड़े के महासचिव व अयोध्या की हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अभी हमने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनवाया है. अब काशी में भगवान भोले का और मथुरा में भगवान कृष्ण का मंदिर डंके की चोट पर बनेगा. अभी यह पहले चरण का कार्यक्रम है. अब हम 3 मंदिर नहीं 30 हजार मंदिर बनाएंगे.
इसके साथ ही महंत राजू दास ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को प्रणाम किया. कहते हैं कि अखिलेश ने गंगा स्नान करके अपनी पार्टी के ही उन नेताओं को सबक सिखाया है जो सनातन धर्म को गाली देते हैं. आज हम उन्हें दंडवत प्रणाम करते हैं.
महाकुंभ 2025 की व्यवस्थाओं पर बोले, हम लोग दो माह से प्रयाग में हैं. निर्वाणी अनी अखाड़ा के महासचिव होने के नाते सरकार से जमीन लेकर, भूमि पूजन करके ध्वज पूजन करके, छावनी प्रवेश करके हम लोगों ने महाकुंभ में भक्तों के साथ मां गंगा में डुबकी लगाई. तीर्थराज प्रयाग में संगम के तट पर आनंदपूर्वक भजन कीर्तन करते हुए जय जय श्री राम करते हुए हर हर महादेव का उद्घोष करते हुए शंख ध्वनि के साथ आनंदपूर्वक संगम तट पर पहुंचे और स्नान किया. अपने जीवन को धन्य किया. जो लोग अभी तक तीर्थराज प्रयाग नहीं आ पाए हैं, उन सबके लिए मैं कहूंगा कि वह यहां जरूर आएं और आकर दर्शन करें, चिंतन करें, मनन करें. मां गंगा का स्मरण करें और अपने जीवन को धन्य करें.
साधु-संतों के स्नान के लिए सुरक्षित स्थान पर आम श्रद्धालुओं के आने से संतों की नाराजगी पर राजू दास ने कहा कि संतो को थोड़ी सी समस्या इसलिए हुई कि आम श्रद्धालु गृहस्थ हैं. जूता चप्पल पहने रहते हैं. हमारा विजयपथ का ध्वज चलता है. इसको लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति की होगी, लेकिन बहुत आनंद आया. खूब भक्तों के साथ भजन संकीर्तन करते हुए भक्त भी आनंद विभोर होकर कोई पुष्प की वर्षा कर रहे थे. कोई प्रणाम कर रहा था, कोई रो रहा था.
कोई हर हर महादेव कर रहा था. कोई जय श्री राम बोल रहा था. ऐसे करके सारे भक्त लगे हुए थे. दुनिया के कोने-कोने से महामंडलेश्वर शंकराचार्य जगदगुरु राम भद्राचार्य, रामानंदाचार्य सब आए हुए थे. किसी संत ने शिकायत की होगी, वह इसलिए की होगी क्योंकि जूता चप्पल पहने श्रद्धालु वहां पर आते हैं तो जो हमारा निशान होता है वह हनुमान जी, जो हमारे साक्षात ईष्ट होते हैं उनको लेकर चलते हैं. इसी नाते किसी ने कहा होगा. बाकी खूब आनंद आया.
मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस महाकुंभ के प्रथम चरण के भव्य दिव्य स्नान करने के लिए, सकुशल स्नान करने के लिए, व्यवस्थित स्नान करने के लिए, निर्विघ्न स्नान करने के लिए साधुवाद देता हूं. प्रधानमंत्री को भी संतों की तरफ से आशीर्वाद है कि उत्तर प्रदेश में आपने ऐसा मुख्यमंत्री दिया. पहले ऐसा कुंभ होता था कि आए दिन चोरी हो जाती थी, कहीं झोल गायब हो जा रहा था, कहीं वस्त्र घाट से गायब हो जा रहे थे. यहां इतनी विशाल संख्या में भक्त आए थे. कहीं कुछ नहीं हुआ. शांतिपूर्वक स्नान दान अनुष्ठान लोग कर रहे हैं. पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन का भी आभार.
अखाड़ों की संख्या बढ़ने और नए-नए अखाड़ों के जन्म लेने पर महंत राजू दास ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो अखाड़े बनाए थे अब किसी भी प्रकार से अखाड़े और बढ़ाने की जरूरत नहीं है. मैं निवेदन पूर्वक कहना चाहूंगा कि अखाड़े जो थे वही रहें. अनर्गल लोगों को संतों की भीड़ में नहीं लाना चाहिए. जिससे संतों के इस महासंगम में कुछ ऐसे लोग आ जाते हैं जो गंदगी फैलाते हैं, जो हैं वही रहें. इसी में सहयोग और सेवा करें. इसी में आनंद लें और अपने जीवन को धन्य करें.
अखिलेश यादव के हरिद्वार में गंगा स्नान करने पर बोले, वे अगर हिंदू है तो गंगा नहाना ही पड़ेगा. यह तो उनके लिए अखिलेश यादव ने सीख दी है जो सनातन को इनकार करते हैं. उन्हीं की पार्टी में ऐसे लोग हैं जो सनातन को गाली देते हैं. उनके मुंह पर अखिलेश यादव ने जूता मारा है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री आपको बहुत-बहुत साधुवाद, आभार, धन्यवाद. आपने मां गंगा का मकर संक्रांति पर स्नान किया.
आपकी पार्टी में ऐसे भी लोग हैं जो देवी देवताओं पर टिप्पणी करते हैं. आपने जूता निकालकर इतना सुंदर मारा है कि मैं हर बार आपका विरोध करता था. लेकिन, इस बार मैं आपको प्रणाम कर रहा हूं. मामूली बात नहीं है. क्योंकि उनके पार्टी के लोग ट्वीटर पर जो करते हैं उससे तकलीफ होती है. अखिलेश यादव की फोटो लगाते हैं, साइकिल की फोटो लगाते हैं और गाली सनातन को देते हैं.
अखिलेश जी आपने अपनी पार्टी के सेकुलर नेताओं को ऐसा जूता मारा है कि अब वह सब समझ जाएंगे सेकुलर का मतलब यह बिल्कुल नहीं है किसी धर्म, किसी संस्कृति या किसी जात को गाली दो. सेकुलरिज्म का पैमाना सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामया. जो सनातन शुरू से कहता चला आ रहा है. वसुधैव कुटुंबकम सबको गले लगाना. तुम सनातन को गाली देते हो कि यह ढकोसला है. कुंभ ढकोसला है. मैं उनकी पार्टी के नेताओं से पूछता हूं कि जो कहते थे कि क्या करोगे कुंभ में गंगा स्नान करके? मैं अब अखिलेश जी को प्रणाम करता हूं कि ऐसे लोगों को उन्होंने अच्छा जूता मारा.
ग्लैमर की दुनिया छोड़कर युवाओं के साधु संत बनने पर महंत राजू दास बोले, यह भक्ति कल्प चल रहा है. मैं युवाओं से निवेदन करता हूं कि सनातन के मार्ग पर चलेंगे तो सत्य के मार्ग पर चलेंगे, नहीं तो बड़े-बड़े देश बहुत परेशान हैं. जो अपने आप को इस्लामिक और ईसाई मानने वाले हैं. किस प्रकार से लड़ रहे हैं. कट रहे हैं, मर रहे हैं. सीरिया में, ईरान इराक और लेबनान में लोग आपस में ही लड़ रहे हैं.
कभी वे इस सनातन को मानने वाले थे अब उस धर्म संस्कृति को मानने लगे हैं. कभी मंदिर को तोड़कर मस्जिद बना दिया, वही सब परेशान हैं. जब आप सनातन संस्कृति के साथ चलोगे, पद्धति के साथ ठीक से चलोगे, निष्ठा से चलोगे तभी अमन रहेगा चैन रहेगा, शांति रहेगी. अगर सनातन को अपनाओगे तो शांतिपूर्वक रहोगे, आनंदपूर्वक अपने जीवन को ठीक से रख पाओगे.
देश के मंदिरों को लेकर राजू दास बोले, भव्य राम मंदिर बनने के बाद आने वाले दिनों में भगवान कृष्ण के भव्य मंदिर का हम निर्माण करेंगे. दुनिया की कोई ताकत कृष्ण जन्मभूमि पर मंदिर बनने से नहीं रोक सकती. दुनिया की कोई ताकत भगवान विश्वनाथ भगवान भोले का मंदिर बनने से नहीं रोक सकती. अब तीन नहीं अब लेंगे 30 हजार. पूरे हिंदुस्तान में नहीं बचेगा एक भी आक्रांता, आक्रमणकारी.
संभल में भगवान विष्णु श्री हरि का मंदिर बनेगा. अभी तो पहला चरण है. अभी तो साढ़े पांच हजार वर्ष बीता है. चार लाख 84 हजार कलयुग की आयु है. अभी तो प्रथम चरण है प्रथम चरण में मुझे लग रहा है कि सनातनी जाग रहे हैं. धर्म रक्षति रक्षिता धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करेगा, नहीं तो यह राक्षस हमें समाप्त कर देंगे. एक समय हुआ करता था इस्लामिक कंट्री बहुत कम हुआ करते थे.
आज 57 से 58 कंट्री हैं. उन कंट्री में सनातन नहीं बचा है. सभी को मार दिया गया है काट दिया गया है. हमारा सनातन कहता है. धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो इस भाव से चलिए. सनातन है तो पूरा विश्व है, संस्कृति है, मानवता है. सनातन नहीं है तो कोई किसी को काटेगा मारेगा, इसलिए सनातन को बचाने के लिए सनातनी एकजुट रहें. एकत्रित रहें, लोगों को जागरूक करें.
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