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यूपी फायर ब्रिगेड ने 20 मिनट में कैसे बुझाई महाकुंभ में आग, क्या AI तकनीक ने रोकी भयानक तबाही - MAHA KUMBH MELA 2025 FIRE

महाकुंभ 2025 अग्निकांड; 50 फायर स्टेशन, 2100 जवान... 52 वॉच टावर के फायर सिस्टम को सबसे पहले कैसे दिखी आग, एक मिनट में पहुंची गाड़ी.

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महाकुंभ 2025 में तगड़े फायर सिस्टम ने बचाई बड़ा तबाही. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 20, 2025, 10:50 AM IST

Updated : Jan 20, 2025, 11:24 AM IST

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में रविवार को लगी आग भयावह हो सकती थी. लेकिन, आग से निपटने के हाईटेक सिस्टम की वजह से केवल 20 मिनट में ही भयावह आग पर काबू पाया जा सका. महाकुंभ में बने वॉच टावर से ही आग को थर्मल इमेजिंग के माध्यम से देखा गया और अगले एक मिनट में खुद फायर की एक गाड़ी वहां पहुंच गई और आग बुझाने का काम शुरू हो गया.

अगले 5 मिनट में फायर की 10 गाड़ियां पहुंच गईं. स्पेशियली ट्रेंड रेस्क्यू ग्रुप (STRG) के 100 जवान और फायर की छोटी बड़ी 45 फायर टेंडर्स की मदद से सिर्फ 20 मिनट में ही आग पर काबू पा लिया गया. आईए अब सबसे पहले जान लेते हैं कि महाकुंभ में आग की घटनाओं को रोकने के लिए किस तरह के इंतजामात किए गए हैं.

महाकुंभ 2025 में लगी आग का ड्रोन से लिया गया नजारा.
महाकुंभ 2025 में लगी आग का ड्रोन से लिया गया नजारा. (Photo Credit; ETV Bharat)

महाकुंभ में स्थापित हैं 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट: चीफ फायर ऑफिसर, महाकुंभ प्रमोद शर्मा ने बताया कि 25 सेक्टर्स और 25 किलोमीटर के दायरे में फैले मेला क्षेत्र में सूचना के भरोसे रहने पर आग की घटना को रोकना काफी मुश्किल टास्क है. महाकुंभ में सभी अस्थाई झोपड़ियां, बांस बल्ली और कपड़ों, घास-फूस से बनाए जाते हैं. आग लगने पर बहुत तेजी से उसका फैलाव होता है. यही कारण है कि अग्निशमन विभाग ने महाकुंभ क्षेत्र में कुल 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट स्थापित किए हैं. इसके अलावा 80 फायर बाइकर्स भी हैं जो मेला क्षेत्र में बंटे हुए सेक्टर्स में हमेशा पेट्रोलिंग करते रहते हैं.

महाकुंभ क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं 52 वॉच टावर: महाकुंभ में आग लगते ही उसका पता लग सके इसके लिए 52 वॉच टावर लगाए गए हैं. इन वाॅच टावर्स पर हमेशा अग्निशमन कर्मी बैठे रहते हैं. हाईटेक एआई बेस्ड सीसीटीवी कैमरों से लैस इन वॉच टावर्स से ही महाकुंभ में लगी आग को सबसे पहले देखा गया. खुद फायर कर्मियों ने अधिकारियों को इसकी सूचना दी और अगले एक मिनट में फायर की एक गाड़ी पहुंच गई.

महाकुंभ 2025 में लगी आग की भयावहता.
महाकुंभ 2025 में लगी आग की भयावहता. (Photo Credit; ETV Bharat)

अगले 10 मिनट में छोटी बड़ी 45 गाड़ियां मौके पर पहुंचकी आग लगने वाले एरिया को चारों तरफ से घेर लिया. यातायात विभाग ने पूरे एरिया को सील कर दिया ताकि फायर टेंडरों को घटना स्थल तक पहुंचने में मदद मिल सके. इसका भी फायद मिला और मौके पर समय रहते मदद मिल सकी. पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, अग्निशमन विभाग, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें एकजुट होकर आग पर काबू पाने में लगी रहीं. सभी ने बखूबी अपना काम किया.

महाकुंभ में हैं 351 अलग-अलग प्रकार के फायर व्हीकल: चीफ फायर ऑफिसर, महाकुंभ प्रमोद शर्मा ने बताया कि हमारे बेड़े में 351 फायर टेंडर्स हैं. ये अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं. 4 आर्टीकुलेटिंग वाटर टावर (AWT) भी तैनात किए गए हैं जो वीडियो थर्मल इमेजिंग जैसे एडवांस सिस्टम से लैस हैं. इसमें वीडियो थर्मल इमेजिंग कैमरे लगे हैं. इसका इस्तेमाल बहुमंजिला इमारतों में आग लगने पर किया जाता है.

ये भी पढ़ेंः महाकुंभ में लगी आग की भयावह तस्वीरें; चारों तरफ धुआं और राख का अंबार, नीचे जल रही थी आग और ऊपर चल रही थी ट्रेन

यह ऊंचे भवनों, टेंटों में आग पर काबू पाने में काफी मददगार है. यह जोखिम भरे फायर ऑपरेशंस में अग्निशमन कर्मियों की मदद भी करता है और उनकी सुरक्षा भी. इसे भी महाकुंभ में पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है. शनिवार की आग में इस फायर व्हीकल का भी प्रयोग किया गया.

स्पेशियली ट्रेंड रेस्क्यू ग्रुप के 100 मेंबर्स महाकुंभ में तैनात: सीएफओ प्रमोद शर्मा ने बताया कि महाकुंभ में आग से निपटने के लिए स्पेशल ट्रेंड रेस्क्यू ग्रुप के 100 जवान तैनात किए गए हैं. यह किसी भी तरह की फायर की घटना होने पर निपटने में ट्रेंड हैं. इसके अलावा 2000 फायर कर्मियों को भी महाकुंभ में सेक्टर वाइज बांटा गया है.

मेले में लगी आग की होगी मजिस्ट्रेटी जांच: महाकुंभ मेला के सेक्टर 19 में लगी भीषण आग की मजिस्ट्रेटी जांच होगी. इसके लिए मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने एडीएम प्रशासन और सेक्टर मजिस्ट्रेट की टीम गठित कर दी है. अभी तक की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आग लगने के दो ही कारण हो सकते हैं. पहले खाना बनाते समय सिलेंडर में रिसाव, दूसरा बिजली पर अधिक लोड होने के कारण शॉर्ट सर्किट. आग लगने के बाद झोपड़ियाें में रखें गैस सिलेंडरों में धमाके होते गए और आग तेजी से फैलती गई. गीता प्रेस के शिविर में काफी मात्रा में पुआल भी रखा गया था. उससे भी आग काफी तेजी से फैली.

ये भी पढ़ेंः महाकुंभ में गीता प्रेस के टेंट में भीषण आग; 25 से ज्यादा टेंट स्वाहा, कई सिलेंडर फटे, PM मोदी ने CM योगी से की बात

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में रविवार को लगी आग भयावह हो सकती थी. लेकिन, आग से निपटने के हाईटेक सिस्टम की वजह से केवल 20 मिनट में ही भयावह आग पर काबू पाया जा सका. महाकुंभ में बने वॉच टावर से ही आग को थर्मल इमेजिंग के माध्यम से देखा गया और अगले एक मिनट में खुद फायर की एक गाड़ी वहां पहुंच गई और आग बुझाने का काम शुरू हो गया.

अगले 5 मिनट में फायर की 10 गाड़ियां पहुंच गईं. स्पेशियली ट्रेंड रेस्क्यू ग्रुप (STRG) के 100 जवान और फायर की छोटी बड़ी 45 फायर टेंडर्स की मदद से सिर्फ 20 मिनट में ही आग पर काबू पा लिया गया. आईए अब सबसे पहले जान लेते हैं कि महाकुंभ में आग की घटनाओं को रोकने के लिए किस तरह के इंतजामात किए गए हैं.

महाकुंभ 2025 में लगी आग का ड्रोन से लिया गया नजारा.
महाकुंभ 2025 में लगी आग का ड्रोन से लिया गया नजारा. (Photo Credit; ETV Bharat)

महाकुंभ में स्थापित हैं 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट: चीफ फायर ऑफिसर, महाकुंभ प्रमोद शर्मा ने बताया कि 25 सेक्टर्स और 25 किलोमीटर के दायरे में फैले मेला क्षेत्र में सूचना के भरोसे रहने पर आग की घटना को रोकना काफी मुश्किल टास्क है. महाकुंभ में सभी अस्थाई झोपड़ियां, बांस बल्ली और कपड़ों, घास-फूस से बनाए जाते हैं. आग लगने पर बहुत तेजी से उसका फैलाव होता है. यही कारण है कि अग्निशमन विभाग ने महाकुंभ क्षेत्र में कुल 50 फायर स्टेशन और 20 फायर पोस्ट स्थापित किए हैं. इसके अलावा 80 फायर बाइकर्स भी हैं जो मेला क्षेत्र में बंटे हुए सेक्टर्स में हमेशा पेट्रोलिंग करते रहते हैं.

महाकुंभ क्षेत्र में स्थापित किए गए हैं 52 वॉच टावर: महाकुंभ में आग लगते ही उसका पता लग सके इसके लिए 52 वॉच टावर लगाए गए हैं. इन वाॅच टावर्स पर हमेशा अग्निशमन कर्मी बैठे रहते हैं. हाईटेक एआई बेस्ड सीसीटीवी कैमरों से लैस इन वॉच टावर्स से ही महाकुंभ में लगी आग को सबसे पहले देखा गया. खुद फायर कर्मियों ने अधिकारियों को इसकी सूचना दी और अगले एक मिनट में फायर की एक गाड़ी पहुंच गई.

महाकुंभ 2025 में लगी आग की भयावहता.
महाकुंभ 2025 में लगी आग की भयावहता. (Photo Credit; ETV Bharat)

अगले 10 मिनट में छोटी बड़ी 45 गाड़ियां मौके पर पहुंचकी आग लगने वाले एरिया को चारों तरफ से घेर लिया. यातायात विभाग ने पूरे एरिया को सील कर दिया ताकि फायर टेंडरों को घटना स्थल तक पहुंचने में मदद मिल सके. इसका भी फायद मिला और मौके पर समय रहते मदद मिल सकी. पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, अग्निशमन विभाग, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें एकजुट होकर आग पर काबू पाने में लगी रहीं. सभी ने बखूबी अपना काम किया.

महाकुंभ में हैं 351 अलग-अलग प्रकार के फायर व्हीकल: चीफ फायर ऑफिसर, महाकुंभ प्रमोद शर्मा ने बताया कि हमारे बेड़े में 351 फायर टेंडर्स हैं. ये अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं. 4 आर्टीकुलेटिंग वाटर टावर (AWT) भी तैनात किए गए हैं जो वीडियो थर्मल इमेजिंग जैसे एडवांस सिस्टम से लैस हैं. इसमें वीडियो थर्मल इमेजिंग कैमरे लगे हैं. इसका इस्तेमाल बहुमंजिला इमारतों में आग लगने पर किया जाता है.

ये भी पढ़ेंः महाकुंभ में लगी आग की भयावह तस्वीरें; चारों तरफ धुआं और राख का अंबार, नीचे जल रही थी आग और ऊपर चल रही थी ट्रेन

यह ऊंचे भवनों, टेंटों में आग पर काबू पाने में काफी मददगार है. यह जोखिम भरे फायर ऑपरेशंस में अग्निशमन कर्मियों की मदद भी करता है और उनकी सुरक्षा भी. इसे भी महाकुंभ में पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है. शनिवार की आग में इस फायर व्हीकल का भी प्रयोग किया गया.

स्पेशियली ट्रेंड रेस्क्यू ग्रुप के 100 मेंबर्स महाकुंभ में तैनात: सीएफओ प्रमोद शर्मा ने बताया कि महाकुंभ में आग से निपटने के लिए स्पेशल ट्रेंड रेस्क्यू ग्रुप के 100 जवान तैनात किए गए हैं. यह किसी भी तरह की फायर की घटना होने पर निपटने में ट्रेंड हैं. इसके अलावा 2000 फायर कर्मियों को भी महाकुंभ में सेक्टर वाइज बांटा गया है.

मेले में लगी आग की होगी मजिस्ट्रेटी जांच: महाकुंभ मेला के सेक्टर 19 में लगी भीषण आग की मजिस्ट्रेटी जांच होगी. इसके लिए मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने एडीएम प्रशासन और सेक्टर मजिस्ट्रेट की टीम गठित कर दी है. अभी तक की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आग लगने के दो ही कारण हो सकते हैं. पहले खाना बनाते समय सिलेंडर में रिसाव, दूसरा बिजली पर अधिक लोड होने के कारण शॉर्ट सर्किट. आग लगने के बाद झोपड़ियाें में रखें गैस सिलेंडरों में धमाके होते गए और आग तेजी से फैलती गई. गीता प्रेस के शिविर में काफी मात्रा में पुआल भी रखा गया था. उससे भी आग काफी तेजी से फैली.

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Last Updated : Jan 20, 2025, 11:24 AM IST
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