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UP के लखनऊ-नोएडा में अपना घर बनाने का सपना होगा पूरा, मिलेंगे 2 लाख फ्लैट-प्लॉट - LUCKNOW NEWS

पूरे प्रदेश में कुल 259 परियोजनाएं होंगी लांच, 45 हजार करोड़ का होगा निवेश

लखनऊ-नोएडा में मिलेंगे प्लॉट-फ्लैट.
लखनऊ-नोएडा में मिलेंगे प्लॉट-फ्लैट. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2025, 11:28 AM IST

लखनऊ : यूपी के बड़े शहरों में अपना घर लेने की चाहत रखने वालों का सपना जल्द पूरा होगा. खासकर लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर के बड़े पैमाने पर योजनाएं लांच की गई हैं. इसमें लखनऊ में सबसे ज्यादा 61 रियल एस्टेट की परियोजनाएं हैं. जबकि गौतमबुद्ध नगर में 51 हैं, वर्ष 2024 में रेरा में इनका पंजीकरण कराया गया है. जबकि पूरे प्रदेश की बात करें तो 259 रियल एस्टेट परियोजनाएं हैं. इन परियोजनाओं के जरिए में लगभग 2 लाख 70 हजार से अधिक प्लॉट-फ्लैट मिलेंगे. पंजीकृत नयी परियोजनाओं में लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा. इन परियोजनाओं के लिए पजीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने से पहले रेरा द्वारा अच्छे से छानबीन भी की गई है. इस तरह घर खरीदारों के लिए जोखिम नहीं होगा.

प्रदेश का रियल एस्टेट सेक्टर एक बार फिर से तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2024 में प्रोमोटर्स द्वारा अपनी 259 रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण उप्र रेरा में कराया गया. यह संख्या पिछले वर्षों में पंजीकृत कराई गई परियोजनाओं से अधिक है. खास बात यह है कि पहले के वर्षों में लगभग 50 प्रतिशत परियोजनाएं गौतमबुद्धनगर में आती थीं. ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि अब सबसे बड़ी संख्या में परियोजनाएं लखनऊ में आ रही हैं, लेकिन अगर घरों की संख्या के हिसाब से देखा जाए तो गौतमबुद्धनगर की 51 परियोजनाओं में लगभग 1 लाख 10 हजार घर बनेंगे, जबकि लखनऊ की 61 परियोजनाओं में लगभग 54 हजार घर बनेंगे.

परियोजनाओं की लागत देखी जाए तो लखनऊ की परियोजनाओं की लागत 6140 करोड़ रुपये, जबकि गौतमबुद्धनगर की परियोजनाओं की लागत लगभग 21 हजार करोड़ रुपये है. लखनऊ की इन परियोजनाओं में भूमि का क्षेत्रफल लगभग दस लाख वर्ग मी. तथा गौतमबुद्धनगर की परियोजनाओं का क्षेत्रफल लगभग साढ़े तेरह लाख वर्ग मीटर है. आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि गौतमबुद्धनगर में बिल्डिंग्स की ऊंचाई अधिक है और मध्य व उच्च वर्ग के उपभोक्ताओं की मांग को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है. लखनऊ और गौतमबुद्धनगर के बाद गाजियाबाद में परियोजनाओं तथा इकाइयों की संख्या सबसे अधिक है.

उप्र रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्‌डी ने बताया कि सरकार की विकाससोन्मुखी नीतियों और प्रदेश के सभी क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के निमार्ण और सुधार के फलस्वरूप सभी क्षेत्रों में रियल एस्टेट सेक्टर के विकास को गति मिल रही है. नोएडा या गाजियाबाद के अलावा दूसरे शहरों में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं तथा अन्य आधारभूत सुविधाओं में विकास के कारण मझोले और छोटे शहरों में भी घर खरीदारों की रुचि बढ़ रही है. सरकार के निवेश को आकर्षित करने का भी सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है. इसके साथ ही नोएडा तथा गाजियाबाद में दिल्ली या आसपास के क्षेत्रों में निवेश की प्रवृत्ति के चलते अधिक दाम वाले घरों की मांग अधिक है.

यह भी पढ़ें : एडीजी जोन मेरठ का Instagram पेज 7 घंटे तक हैक, साइबर ठगों ने दिया गेमिंग के जरिए फ्री क्रिप्टोकरेंसी का झांसा - ADG INSTAGRAM PAGE HACKED

लखनऊ : यूपी के बड़े शहरों में अपना घर लेने की चाहत रखने वालों का सपना जल्द पूरा होगा. खासकर लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर के बड़े पैमाने पर योजनाएं लांच की गई हैं. इसमें लखनऊ में सबसे ज्यादा 61 रियल एस्टेट की परियोजनाएं हैं. जबकि गौतमबुद्ध नगर में 51 हैं, वर्ष 2024 में रेरा में इनका पंजीकरण कराया गया है. जबकि पूरे प्रदेश की बात करें तो 259 रियल एस्टेट परियोजनाएं हैं. इन परियोजनाओं के जरिए में लगभग 2 लाख 70 हजार से अधिक प्लॉट-फ्लैट मिलेंगे. पंजीकृत नयी परियोजनाओं में लगभग 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा. इन परियोजनाओं के लिए पजीकरण प्रमाण-पत्र जारी करने से पहले रेरा द्वारा अच्छे से छानबीन भी की गई है. इस तरह घर खरीदारों के लिए जोखिम नहीं होगा.

प्रदेश का रियल एस्टेट सेक्टर एक बार फिर से तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2024 में प्रोमोटर्स द्वारा अपनी 259 रियल एस्टेट परियोजनाओं का पंजीकरण उप्र रेरा में कराया गया. यह संख्या पिछले वर्षों में पंजीकृत कराई गई परियोजनाओं से अधिक है. खास बात यह है कि पहले के वर्षों में लगभग 50 प्रतिशत परियोजनाएं गौतमबुद्धनगर में आती थीं. ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि अब सबसे बड़ी संख्या में परियोजनाएं लखनऊ में आ रही हैं, लेकिन अगर घरों की संख्या के हिसाब से देखा जाए तो गौतमबुद्धनगर की 51 परियोजनाओं में लगभग 1 लाख 10 हजार घर बनेंगे, जबकि लखनऊ की 61 परियोजनाओं में लगभग 54 हजार घर बनेंगे.

परियोजनाओं की लागत देखी जाए तो लखनऊ की परियोजनाओं की लागत 6140 करोड़ रुपये, जबकि गौतमबुद्धनगर की परियोजनाओं की लागत लगभग 21 हजार करोड़ रुपये है. लखनऊ की इन परियोजनाओं में भूमि का क्षेत्रफल लगभग दस लाख वर्ग मी. तथा गौतमबुद्धनगर की परियोजनाओं का क्षेत्रफल लगभग साढ़े तेरह लाख वर्ग मीटर है. आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि गौतमबुद्धनगर में बिल्डिंग्स की ऊंचाई अधिक है और मध्य व उच्च वर्ग के उपभोक्ताओं की मांग को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है. लखनऊ और गौतमबुद्धनगर के बाद गाजियाबाद में परियोजनाओं तथा इकाइयों की संख्या सबसे अधिक है.

उप्र रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्‌डी ने बताया कि सरकार की विकाससोन्मुखी नीतियों और प्रदेश के सभी क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं के निमार्ण और सुधार के फलस्वरूप सभी क्षेत्रों में रियल एस्टेट सेक्टर के विकास को गति मिल रही है. नोएडा या गाजियाबाद के अलावा दूसरे शहरों में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं तथा अन्य आधारभूत सुविधाओं में विकास के कारण मझोले और छोटे शहरों में भी घर खरीदारों की रुचि बढ़ रही है. सरकार के निवेश को आकर्षित करने का भी सकारात्मक प्रभाव देखा जा सकता है. इसके साथ ही नोएडा तथा गाजियाबाद में दिल्ली या आसपास के क्षेत्रों में निवेश की प्रवृत्ति के चलते अधिक दाम वाले घरों की मांग अधिक है.

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