जयपुर: जिले के सत्र न्यायालय ने रायसर थाना इलाके में घर में घुसकर सरिया, कुल्हाड़ी व लाठियों से एक परिवार पर जानलेवा हमला और छेड़छाड़ से जुड़े 4 आरोपियों को जमवारामगढ़ के न्यायिक मजिस्ट्रेट की ओर से 15 जुलाई, 2024 को दी गई जमानत आदेश रद्द कर दिया है. सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार हिंगर ने कहा कि मजिस्ट्रेट ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर आरोपियों को जमानत पर छोड़ने का आदेश दिया है. इस आदेश को विधि सम्मत नहीं कहा जा सकता. इसलिए मजिस्ट्रेट के आदेश को निरस्त कर आरोपियों को निर्देश दिए जाते हैं कि वह मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश हों और मजिस्ट्रेट उन्हें पुलिस थाना रायसर में दर्ज केस में पुन: जेल में दाखिल कराए. अदालत ने यह आदेश आरोपियों की जमानत रद्द करने के प्रार्थना पत्र पर दिए.
मामले से जुड़े अधिवक्ता ने बताया कि पीड़ित पक्ष ने 18 मई, 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि आरोपी रवि उसकी कॉलेज में पढ़ने वाली बेटी को ढाई साल से परेशान कर रहा है और अश्लील हरकतें करता है. इसकी शिकायत उसके पिता से की तो उसने 9 मई को उसकी बेटी को रास्ते में परेशान किया और परिजनों को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी. इसके बाद 16 मई को सुबह 11 बजे आरोपी रवि अपने भाई मनीष और राहुल व विकास के साथ करीब एक दर्जन लड़कों को लेकर उनके घर में घुस आया और कुल्हाड़ी, सरिया व लाठियों से उन पर वार किए.
राहुल ने पीड़ित पक्ष की महिला के सिर पर कुल्हाड़ी से और विकास ने अन्य जगह पर सरिए से वार किए. इससे उसके सिर में 15-16 टांके आए, वहीं उसके पति के पैर में भी सरिए से वार किया गया. वहीं उसके देवर व दोनों बेटों पर भी आरोपियों ने सरियों व कुल्हाड़ी से वार कर उन्हें चोटिल किया. गंभीर हालत में उन्हें एसएमएस अस्पताल रैफर किया गया. मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उन्हें जमानत दे दी.