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आज घोषित होगी मदमहेश्वर- तुंगनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि, पूरी हुई तैयारियां - Madmaheshwar And Tungnath Dham - MADMAHESHWAR AND TUNGNATH DHAM

Tungnath Dham Latest News, Madmaheshwar doors उत्तराखंड में धार्मिक स्थलों के कपाट खुलने की तिथियां घोषित होने लगी हैं. चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हो रही है. इसी कड़ी में आज मदमहेश्वर व तुंगनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की जाएगी.

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तुंगनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 12, 2024, 6:23 PM IST

Updated : Apr 13, 2024, 6:20 AM IST

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर एवं तृतीय केदार तुंगनाथ धामों के कपाट खोलने और चल विग्रह उत्सव डोलियों के शीतकालीन गद्दी स्थलों से हिमालय रवाना होने की तिथि आज बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थलों में पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जायेगी.

मंदिर समिति कार्यधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार विद्वान आचार्यों, मन्दिर समिति के पदाधिकारी, अधिकारियों तथा हक-हकूधारियो की मौजूदगी में घोषित की जायेगी. उन्होंने बताया कपाट खोलने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से धाम रवाना होने की तिथि घोषित करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. भगवान केदारनाथ व द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में शीतकाल में 19 हजार 407 तीर्थ यात्रियों ने पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर मनौती मांगी तथा विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की.

मन्दिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि ओंकारेश्वर मन्दिर में शीतकालीन यात्रा के दौरान 9818 पुरुषों, 6986 महिलाओं, 2484 नौनिहालों व 119 विदेशी सैलानियों ने दर्शन किए. तुंगनाथ धाम के प्रबंधक बलवीर सिंह नेगी ने बताया पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के मक्कूमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में पंचाग गणना के अनुसार विद्वान आचार्यों, मन्दिर समिति के अधिकारियों व हक-हकूधारियों की मौजूदगी में घोषित की जायेगी. कालीमठ मन्दिर समिति प्रबंधक प्रकाश पुरोहित ने बताया चैत्र नवरात्रों में प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्री सिद्धपीठ कालीमठ पहुंच कर भगवती महाकाली, महालक्ष्मी व महासरस्वती की पूजा-अर्चना कर मनौती मांग रहे हैं. प्रति दिन सैकड़ों भक्तों की आवाजाही होने से कालीमठ घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है.

पढे़ं-सर्दी में धधके उत्तराखंड के जंगल, कैंची धाम के वन में आग, मदमहेश्वर फॉरेस्ट भी सुलगा

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर एवं तृतीय केदार तुंगनाथ धामों के कपाट खोलने और चल विग्रह उत्सव डोलियों के शीतकालीन गद्दी स्थलों से हिमालय रवाना होने की तिथि आज बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थलों में पंचाग गणना के अनुसार घोषित की जायेगी.

मंदिर समिति कार्यधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट खोलने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार विद्वान आचार्यों, मन्दिर समिति के पदाधिकारी, अधिकारियों तथा हक-हकूधारियो की मौजूदगी में घोषित की जायेगी. उन्होंने बताया कपाट खोलने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से धाम रवाना होने की तिथि घोषित करने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. भगवान केदारनाथ व द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में शीतकाल में 19 हजार 407 तीर्थ यात्रियों ने पूजा-अर्चना व जलाभिषेक कर मनौती मांगी तथा विश्व समृद्धि व क्षेत्र के खुशहाली की कामना की.

मन्दिर समिति के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि ओंकारेश्वर मन्दिर में शीतकालीन यात्रा के दौरान 9818 पुरुषों, 6986 महिलाओं, 2484 नौनिहालों व 119 विदेशी सैलानियों ने दर्शन किए. तुंगनाथ धाम के प्रबंधक बलवीर सिंह नेगी ने बताया पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने तथा चल विग्रह उत्सव डोली के मक्कूमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ में पंचाग गणना के अनुसार विद्वान आचार्यों, मन्दिर समिति के अधिकारियों व हक-हकूधारियों की मौजूदगी में घोषित की जायेगी. कालीमठ मन्दिर समिति प्रबंधक प्रकाश पुरोहित ने बताया चैत्र नवरात्रों में प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्री सिद्धपीठ कालीमठ पहुंच कर भगवती महाकाली, महालक्ष्मी व महासरस्वती की पूजा-अर्चना कर मनौती मांग रहे हैं. प्रति दिन सैकड़ों भक्तों की आवाजाही होने से कालीमठ घाटी का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है.

पढे़ं-सर्दी में धधके उत्तराखंड के जंगल, कैंची धाम के वन में आग, मदमहेश्वर फॉरेस्ट भी सुलगा

Last Updated : Apr 13, 2024, 6:20 AM IST
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