भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के मुताबिक "दोनों विधायकों की सदस्यता खत्म करने के लिए कांग्रेस एक-दो दिन में पत्र विधानसभा अध्यक्ष को सौंपेगी. अब रामनिवास राव और निर्मला सप्रे कांग्रेस के विधायक नहीं है, वे दोनों बीजेपी में जा चुके हैं. इसलिए दोनों की सदस्यता समाप्त कराने पार्टी विधानसभा को पत्र सौंपेंगी."
कांग्रेस अपने साथ नहीं बैठाएगी दोनों विधायकों को
कांग्रेस अपने पत्र के साथ पूर्व में हुए इस तरह के प्रकरणों से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के निर्णय और अन्य विधानसभाओं में हुई कार्रवाई का हवाला देगी और इनको सम्मिलित कर आवेदन तैयार किया जा रहा है. उधर यदि इसके बाद उन पर कार्रवाई नहीं होती है, तो कांग्रेस दोनों विधायकों को बैठने के लिए दूसरा स्थान दिए जाने का आवेदन देगी. कांग्रेस दोनों विधायकों को अपने साथ नहीं बैठाएगी. इसके पहले बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिव बिरला के साथ भी ऐसा हो चुका है. विधानसभा ने उनके मामले में भी सदस्यता निरस्ती की कार्रवाई नहीं की थी. बाद में उन्हें सदन में अलग स्थान दिया गया था.
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रामनिवास बोले- समय आने पर देंगे इस्तीफा
उधर, रामनिवास रावत ने कहा है "वे समय आने पर विधानसभा से इस्तीफा देंगे. कांग्रेस में उनकी बार-बार उपेक्षा की गई. ऐसे दो से तीन मौके आए जब उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता था, लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया. जब मौका आएगा तब इस्तीफा दूंगा, कांग्रेस को जो करना है कर ले". गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के 6 बार के विधायक रामनिवास रावत ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक सभा में बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसी तरह बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे भी चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल हो गई थीं.