भोपाल। शिक्षा विभाग एमपी के स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने का प्रयास में जुटा है. इसी सिलसिले में मध्यप्रदेश के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर्स की भी क्लॉसेस लगने जा रही हैं. इसमें इन टीचर्स को सिखाया जाएगा कि आखिर बच्चों को पढ़ाते कैसे हैं. इन टीचर्स में खासतौर से गणित, विज्ञान और अंग्रेजी की टीचर्स होंगे, जिन्हें क्लॉस लगाकर पहले पढ़ाया जाएगा और फिर उनकी एग्जाम भी लिया जाएगा कि जो पढ़ाया गया वह उन्हें कितना समझ आया. टीचर्स की यह ट्रेनिंग 1 जून से प्रदेश के सभी संभाग स्तर पर होगा.
इसलिए करानी पड़ रही ट्रेनिंग
दरअसल टीचर्स की ट्रेनिंग की जरूरत एमपी बोर्ड के 10 वीं और 12वीं क्लॉस के रिजल्ट के बाद महसूस हुई है. 10 वीं कक्षा का रिजल्ट पिछले 6 सालों में सबसे खराब आया है. माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा रिजल्ट के एनालिसिस से जो तथ्य सामने आए, उससे विभाग चिंतित हो उठा. 10 वीं की परीक्षा में बैठे स्टूडेंट्स में से 41.9 फीसदी बच्चे पास ही नहीं हो सके. इसमें गणित, अंग्रेजी और विज्ञान विषय में ही 40 फीसदी से ज्यादा बच्चे फेल हुए हैं. गणित सब्जेक्ट में 8.222 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे, जिसमें से 2.91 लाख बच्चे फेल हो गए. इसी तरह अंग्रेजी विषय में 8.22 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए, जिसमें से 3.05 स्टूडेंट्स फेल हो गए. सामाजिक विज्ञान में 8.28 लाख बच्चों में से 1.19 लाख बच्चे फेल हो गए. इसको देखते हुए अब विभाग सबसे पहले टीचर्स को प्रशिक्षित करने जा रहा है.
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30 दिन तक चलेगी ट्रेनिंग
स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अब स्कूल शिक्षा विभाग कक्षा 9 वीं और दसवीं की टीचर्स को ट्रेनिंग देने जा रहा है, जिसमें उन्हें उनके विषय से संबंधित तमाम जानकारियां दी जाएंगी. यह ट्रेनिंग प्रदेश में संभाग स्तर पर होगी. इसकी शुरूआत 1 जून से अंग्रेजी सब्जेक्ट के टीचर्स की ट्रेनिंग से होगी. इसके बाद 5 जून से विज्ञान सब्जेक्ट के टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर 12 जून से गणित सब्जेक्ट के टीचर्स का प्रशिक्षण होगा. राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान के संचालक प्रमोद सिंह के मुताबिक, ''इस ट्रेनिंग में सभी टीचर्स को शामिल होना होगा, ट्रेनिंग 30 जून तक चलेगी. इसमें टीचर्स का प्री और पोस्ट टेस्ट भी लिया जाएगा.''