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जबलपुर में 11 बजे तक 27 फीसदी वोटिंग, धूप चढ़ते ही बूथों पर सन्नाटा, अल्पसंख्यक इलाकों में कम रुझान - Jabalpur LOK SABHA seat VOTING - JABALPUR LOK SABHA SEAT VOTING

जबलपुर में लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को सुबह से ही वोटिंग चल रही है. लेकिन जबलपुर के अल्पसंख्यक इलाकों में लोगों के बीच वोटिंग को लेकर रुझान कम दिख रहा है. उर्दू स्कूल में बनाए गए मतदान केंद्र खाली पड़े हैं. हालांकि जबलपुर सीट पर सुबह 11 बजे तक 27 प्रतिशत वोटिंग हुई.

Jabalpur LOK SABHA seat VOTING
जबलपुर में 11 बजे तक 27 फीसदी वोटिंग धूप चढ़ते ही बूथों पर सन्नाटा
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 19, 2024, 12:23 PM IST

जबलपुर में लोकसभा चुनाव वोटिंग अल्पसंख्यक इलाके में कम रुझान

जबलपुर। जबलपुर में कई मतदान केंद्रों पर सुबह से लाइनें देखने को मिलीं. नवमतदाताओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है. वहीं, जबलपुर के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मतदान का प्रतिशत सामान्य से कम देखने को मिल रहा है. शहर के उर्दू स्कूल में ज्यादातर मतदान केंद्र खाली पड़े रहे. इक्का-दुक्का लोगों ने ही वोट किया. इसकी बड़ी वजह तेज गर्मी को माना जा रहा है. जबलपुर में तापमान लगभग 40 डिग्री के करीब पहुंच गया है. इसलिए लोग सुबह-सुबह ही वोट करने निकले धीरे-धीरे वोटिंग का प्रतिशत कम होना शुरू हो गया.

दोपहर होते ही मतदान केंद्रों पर पसरा सन्नाटा

जबलपुर के उर्दू स्कूल में दोपहर 11 तक मात्र 16% वोट ही डाले गए. यह अल्पसंख्यक बहुल इलाका है और सामान्य तौर पर यहां सुबह से ही मतदान करने वालों की लंबी कतारें देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार वोटिंग को लेकर अल्पसंख्यक इलाकों में रुझान काफी कम देखने को मिल रहा है. जबलपुर शहर में दोपहर 10 बजे तक मतदान अच्छा चला. इसके बाद धूप बढ़ते ही लोगों का आना कम हो गया. तेज गर्मी की वजह से मतदान का प्रतिशत धीरे-धीरे घटना शुरू हो गया.

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रोजगार के मुद्दे पर हो रही वोटिंग

उर्दू स्कूल में वोटिगं करने आई एक नव मतदाता से बात जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा "उनका नाम पहली बार वोटर लिस्ट में आया है. इसलिए वह वोट करने आई. लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करना चाहिए. हालांकि वह इस बात से नाखुश है कि सरकार ने लोगों की रोजगार के लिए काम नहीं किया. सरकार युवाओं को रोजगार दे, इसलिए वे एक अच्छी सरकार चुनना चाहती हैं." बता दें कि लोकसभा चुनाव में विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव की अपेक्षा वोटिंग का रुझान कम होता है लेकिन फिर भी घनी बस्तियों में वोटिंग का प्रतिशत ज्यादा रहता है. जबलपुर के अल्पसंख्यक बहुल इलाके में वोटिंग प्रतिशत कम होने के पीछे क्या वजह है, यह राजनीतिक दलों के लिए विचारणीय प्रश्न है.

जबलपुर में लोकसभा चुनाव वोटिंग अल्पसंख्यक इलाके में कम रुझान

जबलपुर। जबलपुर में कई मतदान केंद्रों पर सुबह से लाइनें देखने को मिलीं. नवमतदाताओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है. वहीं, जबलपुर के अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में मतदान का प्रतिशत सामान्य से कम देखने को मिल रहा है. शहर के उर्दू स्कूल में ज्यादातर मतदान केंद्र खाली पड़े रहे. इक्का-दुक्का लोगों ने ही वोट किया. इसकी बड़ी वजह तेज गर्मी को माना जा रहा है. जबलपुर में तापमान लगभग 40 डिग्री के करीब पहुंच गया है. इसलिए लोग सुबह-सुबह ही वोट करने निकले धीरे-धीरे वोटिंग का प्रतिशत कम होना शुरू हो गया.

दोपहर होते ही मतदान केंद्रों पर पसरा सन्नाटा

जबलपुर के उर्दू स्कूल में दोपहर 11 तक मात्र 16% वोट ही डाले गए. यह अल्पसंख्यक बहुल इलाका है और सामान्य तौर पर यहां सुबह से ही मतदान करने वालों की लंबी कतारें देखने को मिलती थी, लेकिन इस बार वोटिंग को लेकर अल्पसंख्यक इलाकों में रुझान काफी कम देखने को मिल रहा है. जबलपुर शहर में दोपहर 10 बजे तक मतदान अच्छा चला. इसके बाद धूप बढ़ते ही लोगों का आना कम हो गया. तेज गर्मी की वजह से मतदान का प्रतिशत धीरे-धीरे घटना शुरू हो गया.

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उर्दू स्कूल में वोटिगं करने आई एक नव मतदाता से बात जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा "उनका नाम पहली बार वोटर लिस्ट में आया है. इसलिए वह वोट करने आई. लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करना चाहिए. हालांकि वह इस बात से नाखुश है कि सरकार ने लोगों की रोजगार के लिए काम नहीं किया. सरकार युवाओं को रोजगार दे, इसलिए वे एक अच्छी सरकार चुनना चाहती हैं." बता दें कि लोकसभा चुनाव में विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव की अपेक्षा वोटिंग का रुझान कम होता है लेकिन फिर भी घनी बस्तियों में वोटिंग का प्रतिशत ज्यादा रहता है. जबलपुर के अल्पसंख्यक बहुल इलाके में वोटिंग प्रतिशत कम होने के पीछे क्या वजह है, यह राजनीतिक दलों के लिए विचारणीय प्रश्न है.

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