ETV Bharat / state

मध्यप्रदेश की जिलावार स्कूल एजुकेशनल रिपोर्ट जारी, छतरपुर अव्वल, भोपाल व इंदौर शर्मसार - bhopal indore very backward

MP school educational report : मध्यप्रदेश के जिलों का स्कूल एजुकेशनल रिपोर्ट कार्ड बुधवार को जारी किया गया. छतरपुर जिला प्रदेश में अव्वल आया है. इसके साथ ही प्रदेश के दो सबसे बड़े शहर इंदौर व भोपाल की स्थिति शर्मनाक है.

MP school educational report
मध्यप्रदेश की जिलावार स्कूल एजुकेशनल रिपोर्ट जारी
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 21, 2024, 5:18 PM IST

भोपाल। राज्य सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान की प्रारंभिक शिक्षा की रिपोर्ट पेश कर दी है. रिपोर्ट के मुताबिक स्कूलों में नामांकन, पढ़ाई की गुणवत्ता, शिक्षकों की स्थिति, अधोसंरचना और सुविधाओं के मामले में प्रदेश की राजधानी भोपाल, इंदौर की स्थिति प्रदेश में सबसे खराब है. भोपाल, इंदौर, सागर, रतलाम टॉप बॉटम की सूची में हैं. स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने मंत्रालय में समग्र शिक्षा अभियान की प्रारंभिक शिक्षा की रिपोर्ट जारी की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि भोपाल, इंदौर जैसे शहर शिक्षा में पिछड़ रहे हैं.

MP school educational report
छतरपुर अव्वल, भोपाल व इंदौर शर्मसार

छतरपुर के साथ ही खंडवा, डिंडोरी, बालाघाट का जलवा

राज्य सरकार द्वारा जारी की गई प्रारंभिक शिक्षा की रिपोर्ट में टॉप टेन की सूची में छतरपुर जिला अव्वल आया है. इसे पहली रैंक मिली है. टॉप टेन की रैंकिंग में छतरपुर के अलावा खंडवा, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बालाघाट, दमोह, शाजापुर, दतिया और सिवनी जिले ने अपना स्थान बनाया है.

MP school educational report
छतरपुर के साथ ही खंडवा, डिंडोरी, बालाघाट का जलवा

मध्यप्रदेश में टॉप बॉटम की सूची में ये जिले

टॉप बॉटम की सूची में भोपाल, सागर, श्योपुर, गुना, उमरिया, इंदौर, बडवानी, रतलाम, झाबुआ और धार आए हैं. भोपाल को ग्रेड सी और रैंक 43 वी आई है. 2022-23 की रैंकिंग में गिरावट के बाद भी इंदौर जिले में सुधार की कोशिशें नहीं की गई. पिछले साल के मुकाबले इंदौर जिले की रैंकिंग में 19 अंकों की कमी आई है. पिछले साल इंदौर 29 वीं रैंक पर था, जबकि इस साल इंदौर की रैंक 48 वीं है.

ALSO READ:

इन बिंदुओं के आधार पर बनती है सूची

यह रिपोर्ट प्रारंभिक शिक्षा यानी कक्षा पहली से 8 वीं तक के स्कूलों तक के 7 आधारों पर सूचकांक के आधार पर तैयार की गई है. इसमें देखा गया है कि स्कूलों में बच्चों का नामांकन कितना हुआ और उनमें ठहराव कितना था. स्कूलों में सीखने का परिणाम और गुणवत्ता कैसी थी. शिक्षकों का व्यावसायिक विकास, सामानता, स्कूलों में अधोसंरचना और सुविधाएं, सुशासन और वित्तीय प्रबंधन और नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत कैसा काम किया गया. इन 7 आधारों पर जिलों के स्कूलों की रैंकिंग कर रिपोर्ट तैयार की गई.

भोपाल। राज्य सरकार ने समग्र शिक्षा अभियान की प्रारंभिक शिक्षा की रिपोर्ट पेश कर दी है. रिपोर्ट के मुताबिक स्कूलों में नामांकन, पढ़ाई की गुणवत्ता, शिक्षकों की स्थिति, अधोसंरचना और सुविधाओं के मामले में प्रदेश की राजधानी भोपाल, इंदौर की स्थिति प्रदेश में सबसे खराब है. भोपाल, इंदौर, सागर, रतलाम टॉप बॉटम की सूची में हैं. स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने मंत्रालय में समग्र शिक्षा अभियान की प्रारंभिक शिक्षा की रिपोर्ट जारी की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि भोपाल, इंदौर जैसे शहर शिक्षा में पिछड़ रहे हैं.

MP school educational report
छतरपुर अव्वल, भोपाल व इंदौर शर्मसार

छतरपुर के साथ ही खंडवा, डिंडोरी, बालाघाट का जलवा

राज्य सरकार द्वारा जारी की गई प्रारंभिक शिक्षा की रिपोर्ट में टॉप टेन की सूची में छतरपुर जिला अव्वल आया है. इसे पहली रैंक मिली है. टॉप टेन की रैंकिंग में छतरपुर के अलावा खंडवा, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बालाघाट, दमोह, शाजापुर, दतिया और सिवनी जिले ने अपना स्थान बनाया है.

MP school educational report
छतरपुर के साथ ही खंडवा, डिंडोरी, बालाघाट का जलवा

मध्यप्रदेश में टॉप बॉटम की सूची में ये जिले

टॉप बॉटम की सूची में भोपाल, सागर, श्योपुर, गुना, उमरिया, इंदौर, बडवानी, रतलाम, झाबुआ और धार आए हैं. भोपाल को ग्रेड सी और रैंक 43 वी आई है. 2022-23 की रैंकिंग में गिरावट के बाद भी इंदौर जिले में सुधार की कोशिशें नहीं की गई. पिछले साल के मुकाबले इंदौर जिले की रैंकिंग में 19 अंकों की कमी आई है. पिछले साल इंदौर 29 वीं रैंक पर था, जबकि इस साल इंदौर की रैंक 48 वीं है.

ALSO READ:

इन बिंदुओं के आधार पर बनती है सूची

यह रिपोर्ट प्रारंभिक शिक्षा यानी कक्षा पहली से 8 वीं तक के स्कूलों तक के 7 आधारों पर सूचकांक के आधार पर तैयार की गई है. इसमें देखा गया है कि स्कूलों में बच्चों का नामांकन कितना हुआ और उनमें ठहराव कितना था. स्कूलों में सीखने का परिणाम और गुणवत्ता कैसी थी. शिक्षकों का व्यावसायिक विकास, सामानता, स्कूलों में अधोसंरचना और सुविधाएं, सुशासन और वित्तीय प्रबंधन और नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत कैसा काम किया गया. इन 7 आधारों पर जिलों के स्कूलों की रैंकिंग कर रिपोर्ट तैयार की गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.