सहरसा: प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे बिहार के सात जिलों से जुड़ेगा. मंगलवार को मधेपुरा सांसद दिनेशचंद्र यादव अपने सहरसा स्थित आवास पर प्रेसवार्ता कर जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के बन जाने से मिथिलांचल कोसी, पूर्णिया और सीमांचल के करोड़ों लोगों को काफी लाभ होगा.
पूर्णिया और सीमांचल के लोगों को मिलेगा लाभ: मधेपुरा सांसद दिनेशचंद्र यादव ने पत्रकारों को बताया कि इस एक्सप्रेस-वे के बनने से स्थानीय लोगों में काफी खुशी है. यह एक्सप्रेसवे दिघवारा-हाजीपुर-छपरा से शुरू होगा. एक्सप्रेस वे समस्तीपुर के सरायरंजन-रोसड़ा-लगमा होकर दरभंगा के कुशेश्वरस्थान से सहरसा जिला कोसी तटबंध के अंदर कठडुमर होते हुए सोनबर्षा कचहरी के हरिपुर होते हुए मधेपुरा के रजनी बभनगामा से पूर्णिया के बड़हरा कोठी, गुलाबबाग होते हुए माथुर-डगरुआ के पास समाप्त होगा.
बिहार के इन 7 जिलों से गुजरेगा एक्स्प्रेस वे: यह एक्सप्रेस-वे बिहार के सात जिलों से जुड़ेगा. जिसमें मुख्य रूप से पटना, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा और पूर्णिया शामिल है. यह एक्सप्रेस वे छह लेन का होगा. इस एक्सप्रेस वे के बगल से सर्विस रोड भी गुजरेगी. इस सर्विस रोड के माध्यम से बीच-बीच में एक्सप्रेस वे से कनेक्ट होगा, ताकि अन्य रोड से चलने वाली गाड़ियां भी एक्सप्रेसवे पर चल सके. हालांकि इसमें गति का भी काफी ध्यान रखा गया है.
282 किलो मीटर लंबा एक्सप्रेसवे: इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. 282 किलो मीटर लंबी एक्सप्रेसवे में 17 बड़े पुल और 6 आरओबी होंगे. पटना पूर्णिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की बात करें तो इसका कुल बजट 12600 करोड़ रुपये है, जिसमें लगभग 8000 करोड़ रुपये सिविल कास्ट लगेगा, जबकि करीब 4500 करोड़ रुपया भूमि अधिग्रहण में खर्च होगा.
पीएम मोदी का जताया आभार: मधेपुरा सांसद दिनेशचंद्र यादव ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेस वे न सिर्फ पूर्णिया और सीमांचल बल्कि पूरे बिहार के विकास के नई तस्वीर लिखेगी.
"इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पूर्ण होने के बाद कोसी-सीमांचल के पिछड़े इलाकों के पिछड़ापन दूर करने में मील का पत्थर साबित होगा." - दिनेशचंद्र यादव, मधेपुरा सांसद
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