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मदन राठौड़ ने राज्यसभा में उठाया बाल भिक्षावृत्ति मुद्दा, कहा- बच्चों को अगवा कर मंगवाई जा रही भीख - Beggary Issue Raised In Rajyasabha

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 9, 2024, 8:01 PM IST

Updated : Aug 9, 2024, 8:16 PM IST

Beggary Issue Raised In Rajyasabha, राज्यसभा में शुक्रवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ ने देश में बढ़ रहे बाल भिक्षावृत्ति जैसे गंभीर मुद्दे को उठाया. राठौड़ ने कहा कि भिक्षावृत्ति जैसी अवैध कुप्रथा को समाप्त करने के लिए सरकार और समाज को मिलकर अभियान चलाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश में ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जो बच्चों को अगवा कर उनसे भीख मंगवाने का काम कर रहे हैं.

Beggary Issue Raised In Rajyasabha
राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ (ETV BHARAT GFX)
मदन राठौड़ ने राज्यसभा में उठाया बाल भिक्षावृत्ति मुद्दा (ETV BHARAT)

नई दिल्ली/जयपुर : भीख मांगना एक सामाजिक बुराई के साथ ही कलंक भी है. खास तौर पर बाल भिक्षावृत्ति, जिसे जड़ से मिटाने के लिए पूर्व में भी कई तरह के प्रयास किए गए, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली. वहीं, शुक्रवार को राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य मदन राठौड़ ने इस मुद्दे को सदन में उठाया. राठौड़ ने देश में बढ़ रहे बाल भिक्षावृत्ति जैसे गंभीर मुद्दे को राज्यसभा में उठाते हुए ऐसे बच्चों के पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करने की मांग की.

उन्होंने कहा कि सरकार और समाज को मिलकर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. इसके साथ ही देश में बाल भिक्षुकों की बायोमेट्रिक पहचान के साथ पुनर्वास की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि ये बच्चे फिर से इस दलदल में न फंसे. उन्होंने कहा कि आज देश में ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जो बच्चों को अगवा कर उनसे भीख मंगवाने का काम कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें - मंत्री किरोड़ीलाल मीणा बोले- अब गरीब और वंचितों को मिलनी चाहिए आरक्षण की मलाई - Big Statement On Reservation

राठौड़ ने आगे कहा कि आज देश के अधिकांश चौराहों पर संगठित गिरोहों द्वारा छोटे बच्चों का अपहरण कर उनके अंगों को क्षतिग्रस्त कर उनसे भीख मंगवाने का काम किया जा रहा है. इतना ही नहीं चौराहों पर कुछ महिलाएं तो कुपोषित नजर आने वाले बच्चों को लेकर उनके पालन पोषण के नाम पर भीख मांगती हैं. ऐसे में इन मासूम बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए केंद्र सरकार को विशेष मुहिम चलाकर पुनर्वास सहित तमाम सुविधा करने की पहल करनी चाहिए.

राठौड़ ने सदन में आग्रह किया कि इस संबंध में अंतर विभागीय और अंतर मंत्रालयी समन्वय के लिए मैकेनिज्म विकसित किए जाने की आवश्यकता है. आज देश में भिक्षावृत्ति आपराधिक गिरोहों द्वारा बड़े पैमाने पर करवाई जा रही है. इसमें धार्मिक तीर्थ स्थलों के साथ ही पर्यटन स्थलों और मुख्य बाजारों में कुछ महिलाएं छोटे मासूम बच्चों के साथ भिक्षा मांगते नजर आती हैं.

इसे भी पढ़ें - विधानसभा में गतिरोध जारी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ बोले- कांग्रेस ने सदन की मर्यादा को किया तार- तार - Madan Rathod attacks Congress

ऐसे में विदेशी पर्यटकों के सामने जहां देश की छवि धूमिल होती है. वहीं, दूसरी ओर एक संगठित गिरोह द्वारा अपहरण कर बाल शोषण जैसे कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है. मासूम बच्चों को ड्रग्स जैसे नशे की लत लगाकर भिक्षावृत्ति करवाई जा रही है. दया, सहानुभूति और मानवीय भावनाओं का लाभ उठाकर ये लोग भिक्षावृत्ति का गोरखधंधा चला रहे हैं. साथ ही बच्चों का शोषण कर रहे हैं.

जागरूकता अभियान के साथ पुर्नवास की जरूरत : राठौड़ ने कहा कि भिक्षावृत्ति में लिप्त इंसान की सामाजिक पहचान खत्म हो जाती है. लोग उसे हिकारत की नजरों से देखते हैं. मौलिक रूप से उसका सामाजिक बहिष्कार होने लगता है. ऐसे में केंद्र सरकार को देशव्यापी अभियान चलाकर बाल भिक्षावृत्ति करने वालों की पहचान कर जनगणना करनी चाहिए. साथ ही छोटे मासूम बच्चों के लिए विशेष पुनर्वास कार्यक्रम तैयार कर उनको शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें - पद संभालने के साथ मदन राठौड़ ने उपचुनाव जीतने का किया दावा, राजे के बयान पर बोले-उनकी सीख पर काम करेंगे - Madan Rathore on by elections

उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ अन्य भिक्षुकों के लिए भी कौशल विकास के क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर तलाशने की जरूरत है. वहीं, हमारे समाज में भिक्षावृत्ति जैसी अवैध कुप्रथा को समाप्त करने के लिए जागरूक करने की पहल करनी चाहिए.

मदन राठौड़ ने राज्यसभा में उठाया बाल भिक्षावृत्ति मुद्दा (ETV BHARAT)

नई दिल्ली/जयपुर : भीख मांगना एक सामाजिक बुराई के साथ ही कलंक भी है. खास तौर पर बाल भिक्षावृत्ति, जिसे जड़ से मिटाने के लिए पूर्व में भी कई तरह के प्रयास किए गए, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली. वहीं, शुक्रवार को राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य मदन राठौड़ ने इस मुद्दे को सदन में उठाया. राठौड़ ने देश में बढ़ रहे बाल भिक्षावृत्ति जैसे गंभीर मुद्दे को राज्यसभा में उठाते हुए ऐसे बच्चों के पुनर्वास की समुचित व्यवस्था करने की मांग की.

उन्होंने कहा कि सरकार और समाज को मिलकर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. इसके साथ ही देश में बाल भिक्षुकों की बायोमेट्रिक पहचान के साथ पुनर्वास की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि ये बच्चे फिर से इस दलदल में न फंसे. उन्होंने कहा कि आज देश में ऐसे गिरोह सक्रिय हैं, जो बच्चों को अगवा कर उनसे भीख मंगवाने का काम कर रहे हैं.

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राठौड़ ने आगे कहा कि आज देश के अधिकांश चौराहों पर संगठित गिरोहों द्वारा छोटे बच्चों का अपहरण कर उनके अंगों को क्षतिग्रस्त कर उनसे भीख मंगवाने का काम किया जा रहा है. इतना ही नहीं चौराहों पर कुछ महिलाएं तो कुपोषित नजर आने वाले बच्चों को लेकर उनके पालन पोषण के नाम पर भीख मांगती हैं. ऐसे में इन मासूम बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए केंद्र सरकार को विशेष मुहिम चलाकर पुनर्वास सहित तमाम सुविधा करने की पहल करनी चाहिए.

राठौड़ ने सदन में आग्रह किया कि इस संबंध में अंतर विभागीय और अंतर मंत्रालयी समन्वय के लिए मैकेनिज्म विकसित किए जाने की आवश्यकता है. आज देश में भिक्षावृत्ति आपराधिक गिरोहों द्वारा बड़े पैमाने पर करवाई जा रही है. इसमें धार्मिक तीर्थ स्थलों के साथ ही पर्यटन स्थलों और मुख्य बाजारों में कुछ महिलाएं छोटे मासूम बच्चों के साथ भिक्षा मांगते नजर आती हैं.

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ऐसे में विदेशी पर्यटकों के सामने जहां देश की छवि धूमिल होती है. वहीं, दूसरी ओर एक संगठित गिरोह द्वारा अपहरण कर बाल शोषण जैसे कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है. मासूम बच्चों को ड्रग्स जैसे नशे की लत लगाकर भिक्षावृत्ति करवाई जा रही है. दया, सहानुभूति और मानवीय भावनाओं का लाभ उठाकर ये लोग भिक्षावृत्ति का गोरखधंधा चला रहे हैं. साथ ही बच्चों का शोषण कर रहे हैं.

जागरूकता अभियान के साथ पुर्नवास की जरूरत : राठौड़ ने कहा कि भिक्षावृत्ति में लिप्त इंसान की सामाजिक पहचान खत्म हो जाती है. लोग उसे हिकारत की नजरों से देखते हैं. मौलिक रूप से उसका सामाजिक बहिष्कार होने लगता है. ऐसे में केंद्र सरकार को देशव्यापी अभियान चलाकर बाल भिक्षावृत्ति करने वालों की पहचान कर जनगणना करनी चाहिए. साथ ही छोटे मासूम बच्चों के लिए विशेष पुनर्वास कार्यक्रम तैयार कर उनको शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ अन्य भिक्षुकों के लिए भी कौशल विकास के क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर तलाशने की जरूरत है. वहीं, हमारे समाज में भिक्षावृत्ति जैसी अवैध कुप्रथा को समाप्त करने के लिए जागरूक करने की पहल करनी चाहिए.

Last Updated : Aug 9, 2024, 8:16 PM IST
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