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शारदीय नवरात्रि: पालकी में सवार होकर आएंगी मां दुर्गा, जानें क्या है महत्व - Shardiya Navratri 2024

Maa Durga Sawari on Palki: 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस बार मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आ रही है. पढ़िए पूरी खबर...

शारदीय नवरात्रि
शारदीय नवरात्रि (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 1, 2024, 4:16 PM IST

कुल्लू: सनातन धर्म में नवरात्री का विशेष महत्व है. मां दुर्गा की अराधना के लिए समर्पित शरादीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे हैं. देशभर के मंदिर माता दुर्गा के स्वागत के लिए सजना शुरू हो गए हैं. माता दुर्गा हर नवरात्री में अपनी अलग-अलग सवारी के साथ आती हैं. हर सवारी के धार्मिक शास्त्रों में अलग-अलग मायने भी लिखे गए हैं. इस साल 3 अक्टूबर को माता दुर्गा शारदीय नवरात्रि पर पालकी में सवार होकर आ रही है.

पालकी में आना शुभ या अशुभ?

आचार्य दीप कुमार का कहना है कि नवरात्री पर माता दुर्गा के पालकी पर सवार होकर आने से इस दुनिया के लिए कोई अच्छा संकेत नहीं माना जाता है. माता दुर्गा जब भी पालकी पर सवार होकर आती हैं, तो इससे देश दुनिया में कई मुश्किल स्थितियां पैदा होती हैं. देश दुनिया में आंदोलन की स्थिति भी बनती है. इसके अलावा लोगों की सेहत भी खराब रहती है और किसी तरह की महामारी फैलने का भी खतरा बना रहता है. उन्होंने बताया कि माता दुर्गा जब पालकी में सवार होकर आती हैं, तो इससे देश में अराजकता की स्थिति बनती है और किसी कारण से हिंसा भी हो सकती है. ऐसे में इन सभी समस्याओं से बचने के लिए भक्तों को पालकी पर सवार होकर आई माता दुर्गा का नवरात्रि के दिनों में विधि-विधान से पूजन करना चाहिए, ताकि माता दुर्गा की कृपा भक्तों पर बनी रह सके.

मां दुर्गा की सवारियां

आचार्य दीप कुमार ने बताया कि हर नवरात्री में माता अपनी सवारी को बदलती हैं और दिन के हिसाब से माता अपनी सवारी पर सवार होकर आती हैं.

  • अगर नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार को होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं.
  • अगर नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार या शनिवार को हो तो मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आती हैं.
  • अगर नवरात्रि की शुरुआत वीरवार या शुक्रवार को हो तो मां दुर्गा पालकी पर बैठकर आती है.
  • अगर नवरात्रि की शुरुआत बुधवार को होती है तो मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं.

माता की सवारियों का महत्व

  • जब माता दुर्गा की सवारी हाथी पर आती है, तो इसे समृद्धि का सूचक माना जाता है.
  • अगर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आती हैं, तो ये सत्ता परिवर्तन का संकेत होता है.
  • जब माता दुर्गा पालकी पर सवार होकर आती हैं, तो इसे अच्छा नहीं माना जाता है. पालकी पर बैठकर आना देश दुनिया में कई मुश्किल हालात पैदा करता है.
  • वहीं, अगर मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं, तो इसे शुभ माना जाता है.

ये भी पढ़ें: नवरात्रि के पहले दिन 2 शुभ मुहूर्त में हो सकेगी कलश की स्थापना, इन बातों का रखें ख्याल

ये भी पढ़ें: रदीय नवरात्रि 2024: जानें, प्रमुख तिथियां, दुर्गा पूजा से जुड़ी मान्यताएं, अनुष्ठान व महत्व

कुल्लू: सनातन धर्म में नवरात्री का विशेष महत्व है. मां दुर्गा की अराधना के लिए समर्पित शरादीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे हैं. देशभर के मंदिर माता दुर्गा के स्वागत के लिए सजना शुरू हो गए हैं. माता दुर्गा हर नवरात्री में अपनी अलग-अलग सवारी के साथ आती हैं. हर सवारी के धार्मिक शास्त्रों में अलग-अलग मायने भी लिखे गए हैं. इस साल 3 अक्टूबर को माता दुर्गा शारदीय नवरात्रि पर पालकी में सवार होकर आ रही है.

पालकी में आना शुभ या अशुभ?

आचार्य दीप कुमार का कहना है कि नवरात्री पर माता दुर्गा के पालकी पर सवार होकर आने से इस दुनिया के लिए कोई अच्छा संकेत नहीं माना जाता है. माता दुर्गा जब भी पालकी पर सवार होकर आती हैं, तो इससे देश दुनिया में कई मुश्किल स्थितियां पैदा होती हैं. देश दुनिया में आंदोलन की स्थिति भी बनती है. इसके अलावा लोगों की सेहत भी खराब रहती है और किसी तरह की महामारी फैलने का भी खतरा बना रहता है. उन्होंने बताया कि माता दुर्गा जब पालकी में सवार होकर आती हैं, तो इससे देश में अराजकता की स्थिति बनती है और किसी कारण से हिंसा भी हो सकती है. ऐसे में इन सभी समस्याओं से बचने के लिए भक्तों को पालकी पर सवार होकर आई माता दुर्गा का नवरात्रि के दिनों में विधि-विधान से पूजन करना चाहिए, ताकि माता दुर्गा की कृपा भक्तों पर बनी रह सके.

मां दुर्गा की सवारियां

आचार्य दीप कुमार ने बताया कि हर नवरात्री में माता अपनी सवारी को बदलती हैं और दिन के हिसाब से माता अपनी सवारी पर सवार होकर आती हैं.

  • अगर नवरात्रि की शुरुआत सोमवार या रविवार को होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं.
  • अगर नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार या शनिवार को हो तो मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आती हैं.
  • अगर नवरात्रि की शुरुआत वीरवार या शुक्रवार को हो तो मां दुर्गा पालकी पर बैठकर आती है.
  • अगर नवरात्रि की शुरुआत बुधवार को होती है तो मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं.

माता की सवारियों का महत्व

  • जब माता दुर्गा की सवारी हाथी पर आती है, तो इसे समृद्धि का सूचक माना जाता है.
  • अगर मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आती हैं, तो ये सत्ता परिवर्तन का संकेत होता है.
  • जब माता दुर्गा पालकी पर सवार होकर आती हैं, तो इसे अच्छा नहीं माना जाता है. पालकी पर बैठकर आना देश दुनिया में कई मुश्किल हालात पैदा करता है.
  • वहीं, अगर मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं, तो इसे शुभ माना जाता है.

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