लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को जल जीवन मिशन से संबधित अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान सीएम ने अधिकारियों से जल्द से जल्द प्रदेश के सभी गांवों में शुद्ध पेयजल देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के दिशा निर्देश दिए. सीएन ने कहा कि पाइप लाइन बिछाने के साथ ही उसके संचालन और मेंटेनेंस को लेकर समुचित व्यवस्था होनी चाहिए. साथ ही प्लबंर की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए इनकी ट्रेनिंग के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया. इस दौरान अधिकारियों ने जानकारी दी कि प्रदेश में 2 करोड़ 63 लाख से अधिक हाउसहोल्ड के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जा रही है. इनमें एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी. इसके अलावा इसके संचालन और मेंटेनेंस पर प्रतिवर्ष करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन में उपयोग की जा रही सामग्री उच्च क्वालिटी की हो. पाइप, नल आदि की क्वालिटी अच्छी से हो. टोंटी चोरी होने और खराब होने पर तत्काल नई टोंटी की व्यवस्था कराई जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के लिए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मदद से ग्रामीणों को जागरूक करना होगा. इसके लिए ग्राम प्रधानों के साथ मिलकर तैयार कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए. साथ ही पंचायत सहायक और बीसी सखियों को भी लगाया जाए.
बांधों और नदियों की डीसिल्टिंग और तराई की नदियों को चैनलाइज कराएं : सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को केन बेतवा लिंक परियोजना की भी समीक्षा की. इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और भारत सरकार के बीच परियोजना को लेकर एमओयू हुआ है. इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के 2.51 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा मिलेगी. इसमें बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जनपदों को लाभ मिलेगा. 221 किमी लंबी केन बेतवा लिंक चैनल में से यूपी में 21 किमी लिंक चैनल का निर्माण प्रस्तावित है. इसके लिए 271 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता है. इसके लिए केन बेतवा लिंक नहर निर्माण खंड 2 के अधिशासी अभियंता को नोडल बनाया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन बेतवा लिंक परियोजना से लाभान्वित होने वाले जनपदों में हमीरपुर को भी शामिल किया जाए. ऐसी व्यवस्था बने कि बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जनपदों के साथ साथ हमीरपुर की कृषि भूमि को भी इस परियोजना का लाभ मिले. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बांधों के डीसिल्टिंग का कार्य तेजी से पूरा करें. आगरा में ताज के पास रबर डैम बनाने की जरूरत पर बल दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में सरयू नदी में करंट और सिल्ट ज्यादा है. ऐसे में एक बांध के जरिए इसे कम किया जा सकता है. जिससे भविष्य में कभी अयोध्या पर आने वाले किसी खतरे को रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि इसके लिए आईआईटी से सलाह ली जा सकती है. उन्होंने तराई की नदियों को चैनलाइज करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया. साथ ही नदियों के डीसिल्टिंग के लिए विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने के लिए कहा.