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केजीएमयू का दीक्षांत समारोह; 15 मेधावी होंगे सम्मानित, जानिए मेधावियों के मन की बात - KGMU convocation 2024 - KGMU CONVOCATION 2024

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) का 20वां दीक्षांत समारोह (KGMU Convocation 2024) शनिवार को है. इस मौके पर 15 मेधावियों सात महिला डॉक्टर्स और आठ पुरुष डॉक्टर्स को सम्मानित किया जाएगा.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद केजीएमयू के प्रशासनिक अधिकारी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद केजीएमयू के प्रशासनिक अधिकारी. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 14, 2024, 5:19 PM IST

लखनऊ : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) का 20वां दीक्षांत समारोह शनिवार को मनाया जाएगा. इस दौरान 15 मेधावियों को सम्मानित किया जाएगा. इसमें सात महिला डॉक्टर्स और आठ पुरुष डॉक्टर्स शामिल हैं. डॉ. दिव्यांशी कटिहार को हेवेट गोल्ड मेडल, यूनिवर्सिटी ऑनर मेडल, चांसलर मेडल के अलावा 12 मेडल से सम्मानित किया जाएगा. डॉ. आकांक्षा को डॉ. आरएमएल महरोत्रा मेमोरियल गोल्ड मेडल के अलावा छह मेडल से सम्मानित किया जाएगा. यह जानकारी अटल बिहारी वाजपई कन्वेंशन सेंटर में बुधवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजीएमयू के प्रशासनिक अधिकारियों ने दी.

मेधावी डाॅक्टर्स से ईटीवी भारत की बातचीत
बचपन से था डॉक्टर बनने का सपना : डॉ. दिव्यांशी कटिहार का जन्म कानपुर में हुआ. देहरादून से 12वीं तक पढ़ाई हुई. पिता शिव शंकर कटियार डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री सेंटर (रिटायर्ड गर्वनर सर्वेंट) और मां सरिता कटिहार गवर्नमेंट कॉलेज में प्रिंसिपल हैं. भाई शांतनु कटिहार यूएस में पढ़ाई कर रहा है. डॉ. दिव्यांशी ने बताया कि बचपन से डॉक्टर बनने का सपना था. मुझे जोड़ कर मेरे पूरे परिवार में कुल नौ डॉक्टर हैं. उन्हें देखकर मेरा मन करता था मैं भी डॉक्टर बनूं. मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरी मेहनत का फल मुझे मिल रहा है.


घर की पहली डॉक्टर : डाॅ. आकांक्षा केजीएमयू के फाइनल ईयर की स्टूडेंट हैं. आकांक्षा के पिता संतोष कुमार, यूपी ग्रामीण सहकारिता बैंक मैनेजर हैं. मां निर्मला देवी गृहणी हैं. आकांक्षा तीन भाई बहन हैं. आंकाक्षा सबसे बड़ी है. छोटी बहन रिचा आईआईटी रुड़की से बीटेक कर चुकी है. भाई शिवम यूजी की तैयारी कर रहा है. आकांक्षा ने बताया कि मेरा सिविल सर्विसेज में रुझान था, लेकिन अचानक से जिंदगी में बदलाव आया और फिर डॉक्टरी की पढ़ाई में आ गई. पूरे परिवार की पहली डॉक्टर में बनी हूं. माता-पिता, दोस्त व टीचर्स सभी का बहुत सहयोग रहा. मेडिसिन में इंटरेस्ट है, लेकिन अभी इंटर्नशिप चल रही है. अन्य विभागों को बहुत ही बारीकी से समझ रही हूं. आगे सोचेंगे किस विषय में मास्टर करना है.



भविष्य में खोलना है खुद की क्लीनिक : डॉ. मोनिका चौधरी रायबरेली की रहने वाली हैं. उनके पिता जय प्रकाश चौधरी रायबरेली आईटीआई में इंजिनियर और मां रेखा चौधरी गृहणी हैं. मोनिका दो बहनें हैं. बड़ी बहन अनामिका चौधरी बेंगलूर में विप्रो कंपनी में इंजीनियर हैं. डॉ. मोनिका ने कहा कि कॅरियर और पढ़ाई को लेकर घरवालों ने कोई प्रेशर नहीं किया. मैंने जो भी किया अपने मन से किया. डॉक्टर बनना मेरा खुद का सपना था. घरवालों और टीचर्स ने पूरा सहयोग किया. मास्टर की तैयारी भी कर रही हूं और भविष्य में खुद का क्लीनिक खोलने की ख्वाहिश है.

यह भी पढ़ें : केजीएमयू का दीक्षांत 17 अगस्त को, राष्ट्रपति हो सकती हैं मुख्य अतिथि

यह भी पढ़ें : केजीएमयू के दीक्षांत में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल बोलीं- खुद को चरक संहिता और आयुर्वेद से भी जोड़ें एलोपैथिक चिकित्सक

लखनऊ : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) का 20वां दीक्षांत समारोह शनिवार को मनाया जाएगा. इस दौरान 15 मेधावियों को सम्मानित किया जाएगा. इसमें सात महिला डॉक्टर्स और आठ पुरुष डॉक्टर्स शामिल हैं. डॉ. दिव्यांशी कटिहार को हेवेट गोल्ड मेडल, यूनिवर्सिटी ऑनर मेडल, चांसलर मेडल के अलावा 12 मेडल से सम्मानित किया जाएगा. डॉ. आकांक्षा को डॉ. आरएमएल महरोत्रा मेमोरियल गोल्ड मेडल के अलावा छह मेडल से सम्मानित किया जाएगा. यह जानकारी अटल बिहारी वाजपई कन्वेंशन सेंटर में बुधवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजीएमयू के प्रशासनिक अधिकारियों ने दी.

मेधावी डाॅक्टर्स से ईटीवी भारत की बातचीत
बचपन से था डॉक्टर बनने का सपना : डॉ. दिव्यांशी कटिहार का जन्म कानपुर में हुआ. देहरादून से 12वीं तक पढ़ाई हुई. पिता शिव शंकर कटियार डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री सेंटर (रिटायर्ड गर्वनर सर्वेंट) और मां सरिता कटिहार गवर्नमेंट कॉलेज में प्रिंसिपल हैं. भाई शांतनु कटिहार यूएस में पढ़ाई कर रहा है. डॉ. दिव्यांशी ने बताया कि बचपन से डॉक्टर बनने का सपना था. मुझे जोड़ कर मेरे पूरे परिवार में कुल नौ डॉक्टर हैं. उन्हें देखकर मेरा मन करता था मैं भी डॉक्टर बनूं. मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरी मेहनत का फल मुझे मिल रहा है.


घर की पहली डॉक्टर : डाॅ. आकांक्षा केजीएमयू के फाइनल ईयर की स्टूडेंट हैं. आकांक्षा के पिता संतोष कुमार, यूपी ग्रामीण सहकारिता बैंक मैनेजर हैं. मां निर्मला देवी गृहणी हैं. आकांक्षा तीन भाई बहन हैं. आंकाक्षा सबसे बड़ी है. छोटी बहन रिचा आईआईटी रुड़की से बीटेक कर चुकी है. भाई शिवम यूजी की तैयारी कर रहा है. आकांक्षा ने बताया कि मेरा सिविल सर्विसेज में रुझान था, लेकिन अचानक से जिंदगी में बदलाव आया और फिर डॉक्टरी की पढ़ाई में आ गई. पूरे परिवार की पहली डॉक्टर में बनी हूं. माता-पिता, दोस्त व टीचर्स सभी का बहुत सहयोग रहा. मेडिसिन में इंटरेस्ट है, लेकिन अभी इंटर्नशिप चल रही है. अन्य विभागों को बहुत ही बारीकी से समझ रही हूं. आगे सोचेंगे किस विषय में मास्टर करना है.



भविष्य में खोलना है खुद की क्लीनिक : डॉ. मोनिका चौधरी रायबरेली की रहने वाली हैं. उनके पिता जय प्रकाश चौधरी रायबरेली आईटीआई में इंजिनियर और मां रेखा चौधरी गृहणी हैं. मोनिका दो बहनें हैं. बड़ी बहन अनामिका चौधरी बेंगलूर में विप्रो कंपनी में इंजीनियर हैं. डॉ. मोनिका ने कहा कि कॅरियर और पढ़ाई को लेकर घरवालों ने कोई प्रेशर नहीं किया. मैंने जो भी किया अपने मन से किया. डॉक्टर बनना मेरा खुद का सपना था. घरवालों और टीचर्स ने पूरा सहयोग किया. मास्टर की तैयारी भी कर रही हूं और भविष्य में खुद का क्लीनिक खोलने की ख्वाहिश है.

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