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हाईकोर्ट और शासन ने कहा- हर किसी का शस्त्र जमा करना जरूरी नहीं, लखनऊ पुलिस का फरमान- नहीं किया तो निरस्त किए जाएंगे लाइसेंस - license revocation - LICENSE REVOCATION

बीते दिनों हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान जबरन किसी से उसका लाइसेंसी असलहा जब्त नहीं किया जा सकता. लेकिन लखनऊ पुलिस ने लाइसेंसधारियों को चेतावनी दी है कि यदि इस हफ्ते असलहे थानों में जमा नहीं किए गए तो लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए डीएम को लिख दिया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 24, 2024, 9:25 PM IST

लखनऊ: बीते दिनों हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान जबरन किसी से उसका लाइसेंसी असलहा जब्त नहीं किया जा सकता. डीएम की अध्यक्षता में एक स्क्रीनिंग कमेटी बने और उसमें एक-एक लाइसेंसधारी की स्क्रीनिंग कर उसी का असलहा जब्त करवाए, जिसका कानून व्यवस्था के लिहाज से जरूरी हो. इसके बाद अपर मुख्य सचिव गृह ने भी शासनादेश जारी करते हुए कोर्ट के निर्देशों का पालन करने को कहा, लेकिन लखनऊ पुलिस ने इस सब से इतर लाइसेंसधारियों को चेतावनी दी है कि यदि इस हफ्ते असलहे थानों में जमा नहीं किए गए तो लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए डीएम को लिख दिया जाएगा. ऐसे में अब लोगों में इस बात को लेकर दुविधा है कि वे कोर्ट के आदेश पर चलें या फिर पुलिस की चेतावनी पर ध्यान दें.

लखनऊ में करीब 39450 लाइसेंस असलहाधारी हैं. इनमें करीब 20 हजार लोगों ने चुनाव के मद्देनजर पुलिस की अपील पर अपने असलहे थानों में जमा कर दिए हैं. बाकी लोग अपने असलहे जमा करते, इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट का एक आदेश प्रकाश में आया, जिसमें कोर्ट ने कहा कि, राज्य चुनाव में सुरक्षा के उपायों को आधार बनाते हुए लोगों से असलहा जमा करने को नहीं कह सकता है. यदि किसी असलहाधारी से कानून व्यवस्था को खतरा लगता है तो उसके लाइसेंस जमा कराए जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए डीएम की अध्यक्षता में एक स्क्रीनिंग कमेटी बनेगी और वह स्क्रीनिंग कर ऐसे लोगों से असलहा जमा करवा सकती है, जिससे कानून व्यवस्था को खतरा है. लेकिन इसके लिए भी स्क्रीनिंग कमेटी को उसे उसका कारण बताना होगा. हाईकोर्ट के आदेश के बाद 3 मार्च 2024 को अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार ने शासनदेश जारी करते हुए सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और एसपी को निर्देश दिए कि असलहे जमा करने को लेकर आए कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया जाए.

लखनऊ पुलिस शस्त्र न जमा करने वालों को दे रही चेतावनी

हाईकोर्ट का आदेश और शासनादेश आने के बाद सूबे के सभी लाइसेंस असलहाधारी ने इस बात से आश्वस्त थे कि अब उन्हें असलहा नहीं जमा करना होगा, लेकिन इस बीच राजधानी के संयुक्त पुलिस कमिश्नर उपेंद्र अग्रवाल ने लखनऊ के लाइसेंस असलहाधारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें अब एक हफ्ते की एक और मोहलत दी जाती है कि वे अपने असलहे जमा कर दें. नहीं तो उनके शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए डीएम को पत्र लिख दिया जाएगा.

संयुक्त पुलिस कमिश्नर उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि जिन लोगों ने अब तक अपने शस्त्र जमा नहीं किए हैं वे सभी जमा करें. यदि जमा नहीं करना चाहते हैं और किसी कारणवश असलहे की जरूरत है, जैसे वह किसी केस में गवाह हैं, गार्ड हैं या उनकी जान को खतरा है तो वह एक प्रार्थना पत्र डीएम और संबंधित थाने में दें. यदि वह दोनों कार्य नहीं करते हैं तो लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए पत्राचार किया जाएगा.

फरमान के बाद लाइसेंसधारी हैं भ्रमित

अब ऐसे में लोग भ्रमित हैं कि क्या करें. लखनऊ पुलिस की मंशा है कि 26 अप्रैल से शुरू हो रहे लखनऊ लोकसभा सीट के लिए नामांकन से पहले सभी असलहे जमा करवा लिए जाएं. वहीं राजधानी की पुलिस अब तक 171 ऐसे लोगों के लाइसेंस निरस्त करने को लेकर डीएम को पत्र लिख चुकी है, जिनके खिलाफ गंभीर मुकदमे दर्ज हैं या फिर उन्होंने असलहे का गलत इस्तेमाल किया है.

यह भी पढ़ें : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में लाइसेंसी असलहे जमा कराने पर लगाई रोक, जानें वजह

लखनऊ: बीते दिनों हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा कि चुनाव के दौरान जबरन किसी से उसका लाइसेंसी असलहा जब्त नहीं किया जा सकता. डीएम की अध्यक्षता में एक स्क्रीनिंग कमेटी बने और उसमें एक-एक लाइसेंसधारी की स्क्रीनिंग कर उसी का असलहा जब्त करवाए, जिसका कानून व्यवस्था के लिहाज से जरूरी हो. इसके बाद अपर मुख्य सचिव गृह ने भी शासनादेश जारी करते हुए कोर्ट के निर्देशों का पालन करने को कहा, लेकिन लखनऊ पुलिस ने इस सब से इतर लाइसेंसधारियों को चेतावनी दी है कि यदि इस हफ्ते असलहे थानों में जमा नहीं किए गए तो लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए डीएम को लिख दिया जाएगा. ऐसे में अब लोगों में इस बात को लेकर दुविधा है कि वे कोर्ट के आदेश पर चलें या फिर पुलिस की चेतावनी पर ध्यान दें.

लखनऊ में करीब 39450 लाइसेंस असलहाधारी हैं. इनमें करीब 20 हजार लोगों ने चुनाव के मद्देनजर पुलिस की अपील पर अपने असलहे थानों में जमा कर दिए हैं. बाकी लोग अपने असलहे जमा करते, इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट का एक आदेश प्रकाश में आया, जिसमें कोर्ट ने कहा कि, राज्य चुनाव में सुरक्षा के उपायों को आधार बनाते हुए लोगों से असलहा जमा करने को नहीं कह सकता है. यदि किसी असलहाधारी से कानून व्यवस्था को खतरा लगता है तो उसके लाइसेंस जमा कराए जा सकते हैं, लेकिन इसके लिए डीएम की अध्यक्षता में एक स्क्रीनिंग कमेटी बनेगी और वह स्क्रीनिंग कर ऐसे लोगों से असलहा जमा करवा सकती है, जिससे कानून व्यवस्था को खतरा है. लेकिन इसके लिए भी स्क्रीनिंग कमेटी को उसे उसका कारण बताना होगा. हाईकोर्ट के आदेश के बाद 3 मार्च 2024 को अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार ने शासनदेश जारी करते हुए सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और एसपी को निर्देश दिए कि असलहे जमा करने को लेकर आए कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया जाए.

लखनऊ पुलिस शस्त्र न जमा करने वालों को दे रही चेतावनी

हाईकोर्ट का आदेश और शासनादेश आने के बाद सूबे के सभी लाइसेंस असलहाधारी ने इस बात से आश्वस्त थे कि अब उन्हें असलहा नहीं जमा करना होगा, लेकिन इस बीच राजधानी के संयुक्त पुलिस कमिश्नर उपेंद्र अग्रवाल ने लखनऊ के लाइसेंस असलहाधारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें अब एक हफ्ते की एक और मोहलत दी जाती है कि वे अपने असलहे जमा कर दें. नहीं तो उनके शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए डीएम को पत्र लिख दिया जाएगा.

संयुक्त पुलिस कमिश्नर उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि जिन लोगों ने अब तक अपने शस्त्र जमा नहीं किए हैं वे सभी जमा करें. यदि जमा नहीं करना चाहते हैं और किसी कारणवश असलहे की जरूरत है, जैसे वह किसी केस में गवाह हैं, गार्ड हैं या उनकी जान को खतरा है तो वह एक प्रार्थना पत्र डीएम और संबंधित थाने में दें. यदि वह दोनों कार्य नहीं करते हैं तो लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए पत्राचार किया जाएगा.

फरमान के बाद लाइसेंसधारी हैं भ्रमित

अब ऐसे में लोग भ्रमित हैं कि क्या करें. लखनऊ पुलिस की मंशा है कि 26 अप्रैल से शुरू हो रहे लखनऊ लोकसभा सीट के लिए नामांकन से पहले सभी असलहे जमा करवा लिए जाएं. वहीं राजधानी की पुलिस अब तक 171 ऐसे लोगों के लाइसेंस निरस्त करने को लेकर डीएम को पत्र लिख चुकी है, जिनके खिलाफ गंभीर मुकदमे दर्ज हैं या फिर उन्होंने असलहे का गलत इस्तेमाल किया है.

यह भी पढ़ें : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में लाइसेंसी असलहे जमा कराने पर लगाई रोक, जानें वजह

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