लखनऊ : उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत सहित आयोग के सभी सदस्यों ने गुरुवार को गोमतीनगर स्थित भागीदारी भवन में शपथ ग्रहण की. समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने सभी सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस दौरान आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत, उपाध्यक्ष बेचन राम, जीत सिंह खरवार एवं आयोग के अन्य 13 सदस्यों ने शपथ ली. तीन सदस्य शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए थे जिन्हें बाद में शपथ दिलाई जाएगी.
लंबित प्रकरणों का निस्तारण कराकर न्याय दिलाना प्राथमिकता : बैजनाथ रावत ने कहा कि प्रदेश में 2 साल के लंबे अंतराल के बाद आयोग का गठन किया गया है. इस कारण दलित एवं वंचित समाज के लोगों के बहुत से मामले पेंडिंग हैं. लोग न्याय के उम्मीद लगाए बैठे हैं. ऐसे में मेरी प्राथमिकता दलितों और वंचितों के सभी पेंडिंग केसों को तुरंत निस्तारित कर लोगों को न्याय दिलाना है.
एससी-एसटी आयोग का विशेष महत्व : असीम अरुण
बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने कहा कि एससी-एसटी आयोग का विशेष महत्व है. आयोग समाज में दलितों और वंचितों के लिए नीति के उद्देश्य को पूरा करने में काफी मदद करता है. आयोग के गठन में थोड़ा विलंब हुआ है, पर जिनके साथ किसी भी तरह का कोई अन्याय हुआ है उनके साथ जितनी जल्दी संभव हो सके न्याय मिले अब यह आयोग की प्राथमिकता होगी. हमारी सरकार वंचित वर्ग के साथ हो रहे अपराध और अन्य को रोकने के लिए कानून को और सख्त बनाया रही है. साथ ही मुआवजे के प्रावधान को भी प्राथमिकता के आधार पर पूरा कर रही है.
शपथ लेने वाले एससी-एसटी आयोग के सदस्य: बैजनाथ रावत अध्यक्ष, बेचन राम उपाध्यक्ष, जीत सिंह खरवार उपाध्यक्ष, हरेंद्र जाटव, महिपाल वाल्मीकि, संजय सिंह, दिनेश भारत, शिवनारायण सोनकर, नीरज गौतम, रमेश कुमार तूफानी, नरेंद्र सिंह खजूरी, तिजाराम, विनय राम, अनिता गौतम, रमेश चंद्र, मिठाई लाल, उमेश कठेरिया, जितेंद्र कुमार और अनीता कमल ने सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण की है.
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