ETV Bharat / state

पीएम स्वनिधि लोन देने में लखनऊ नगर निगम अव्वल, यूपी के 19 लाख लोगों ने शुरू किया अपना कारोबार - Lucknow first in PM Swanidhi scheme

भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना पीएम स्वनिधि के तहत लखनऊ को ऋण वितरण में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पहला स्थान मिला. नगर विकास मंत्री ने लखनऊ को प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत किया.

Etv Bharat
नगर विकास मंत्री ने बांटे पुरस्कार (Photo Credit; ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 11, 2024, 11:04 PM IST

लखनऊ: प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत उत्तर प्रदेश में रेहड़ी पटरी वालों को लोन दिलाने के मामले में लखनऊ नगर निगम पहले स्थान पर रहा. वहीं अब तक यूपी में 19 लाख लोगों को बैंक से लोन दिया जा चुका है. जिसमें नगर निगमों ने अहम भूमिका निभाई है. नगर निगम लखनऊ ने लाख से अधिक लोगो को उनका रोजगार फिर से शुरू करने में मदद की है. बुधवार को नगर निकाय मंत्री ने 28 नगर निकाय और 12 बैंक को प्रेज पुरस्कार से सम्मानित किया.

कोरोना काल के बाद अन्य राज्यों से यूपी वापस आए मजदूरों को रोजगार देने के लिए पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की गई थी. देशभर में 88 लाख लोगो की मदद की गई जबकि अकेले यूपी में ही 21 फीसदी यानि 19 लाख लाभार्थी को इसका फायदा मिला. नगर विकासमंत्री एके शर्मा ने कहा कि, कोरोना के समय जब रेहड़ी पटरी वाले संघर्ष कर रहे थे. उस दौरान मैं पीएम ऑफिस में ही कार्यरत था. उस समय चर्चा हुई की कैसे ऐसे लोगों का भला किया जाए, जिन रेहड़ी पटरी वाले का धंधा खत्म हो चुका था. उनको कैसे मदद दी जाए क्योंकि लोग उन्हें पैसे ही उधार नहीं दे रहे थे. ऐसे में प्रधानमंत्री ने पीएम स्वनिधि योजना शुरू की. इस योजना के तीन साल पूरे हो चुके हैं.

शर्मा ने आगे कहा कि, लोगो को रोजगार देने में नगर निकायों और बैंक दोनों ने बढ़ चढ़ कर कार्य किया. लिहाजा देश में यूपी ने अपना डंका बजवाया है. उन्होंने बताया कि स्वनिधि योजना का लाभ दिलाने देश के टॉप दस जिलों में यूपी के 6 जिले अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बरेली और झांसी है. इतना ही नहीं यूपी के दूकानदारों ने भी पीएम मोदी की डिजिटल इंडिया में बढ़ चढ़ कर हाथ बढ़ाया. देश में 20 फीसदी यूपी के रेहड़ी पटरी दुकानदारों ने डिजिटल पैसों का लेन देन किया.

नगर विकास मंत्री ने बताया कि, स्टार्टअप और मेक इन इंडिया योजना से छोटे उद्धमियों को काफी फायदा हुआ है. 2014 में जैसे ही नरेन्द्र मोदी पीएम बने तो उन्होंने पहली मीटिंग बुलाई जिसमें अधिकारी के तौर पर वो भी मौजूद थे. पीएम ने सेना में उन आइटम कि लिस्ट मांगी जो विदेश से इम्पोर्ट किए जाते थे. इसमें 300 आइटम ऐसी थी जो भारत में भी बन सकती थी. इसमें सेना के जूते भी शामिल थे. पीएम ने इन आइटम को डी लाइसेंस किया और फिर इसका फायदा देश के व्यापारियों को मिला. आगरा के चमड़ा व्यापारियों को सेना से जूतों के आर्डर मिलने लगे. मंत्री ने कहा कि पहले तो सेना में कागज भी विदेश से यह सोच कर आता था कि विदेशी कागज में अच्छे से लिखावट होती है.

पीएम स्वनिधि योजना के उद्देश्य है कि रियायती ब्याज दर पर 10,000, 20,000 और 50,000 रुपये तक के कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना,
ऋण की नियमित चुकौती को प्रोत्साहित करना और डिजिटल लेनदेन को पुरस्कृत करना इस योजना का उद्देश्य है.

स्वनिधि योजना का लाभा लेने के लिए शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) की ओर से जारी पहचान पत्र या विक्रय प्रमाण पत्र रखने वाले स्ट्रीट वेंडर होना जरुरी है, वहीं सर्वेक्षण में स्ट्रीट वेंडर्स की पहचान तो की गई है, लेकिन उन्हें वेंडिंग सर्टिफिकेट या पहचान पत्र जारी नहीं किया गया है. ऐसे में, स्ट्रीट वेंडर्स के लिए प्रोविजनल सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग जारी किया जाएगा.

शहरी स्ट्रीट वेंडर्स 10,000 रुपये तक का वर्किंग कैपिटल (WC) लोन ले सकते हैं, जिसकी अवधि 1 साल होगी और इसे मासिक किस्तों में चुकाया जाएगा. इस लोन को पाने के लिए किसी तरह की गारंटी की जरूरत नहीं है. पहला लोन जमा करने के बाद 20 हजार और फिर उसे चुकाने के बाद 50 हजार रूपये का लोन दिया जाता है.

इस योजना के तहत लोन लेने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को 7% की दर से ब्याज सब्सिडी मिलती है. इसके लिए आपके पास आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा कार्ड, पैन कार्ड में कोई एक पहचान होना जरुरी है.

यह भी पढ़ें: आगरा में बसने का सुनहरा मौका, सस्ते दाम में प्राइम लोकेशन पर मिल रहे फ्लैट्स और प्लॉट्स, जानें प्रक्रिया - Buy Houses Agra

लखनऊ: प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत उत्तर प्रदेश में रेहड़ी पटरी वालों को लोन दिलाने के मामले में लखनऊ नगर निगम पहले स्थान पर रहा. वहीं अब तक यूपी में 19 लाख लोगों को बैंक से लोन दिया जा चुका है. जिसमें नगर निगमों ने अहम भूमिका निभाई है. नगर निगम लखनऊ ने लाख से अधिक लोगो को उनका रोजगार फिर से शुरू करने में मदद की है. बुधवार को नगर निकाय मंत्री ने 28 नगर निकाय और 12 बैंक को प्रेज पुरस्कार से सम्मानित किया.

कोरोना काल के बाद अन्य राज्यों से यूपी वापस आए मजदूरों को रोजगार देने के लिए पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत की गई थी. देशभर में 88 लाख लोगो की मदद की गई जबकि अकेले यूपी में ही 21 फीसदी यानि 19 लाख लाभार्थी को इसका फायदा मिला. नगर विकासमंत्री एके शर्मा ने कहा कि, कोरोना के समय जब रेहड़ी पटरी वाले संघर्ष कर रहे थे. उस दौरान मैं पीएम ऑफिस में ही कार्यरत था. उस समय चर्चा हुई की कैसे ऐसे लोगों का भला किया जाए, जिन रेहड़ी पटरी वाले का धंधा खत्म हो चुका था. उनको कैसे मदद दी जाए क्योंकि लोग उन्हें पैसे ही उधार नहीं दे रहे थे. ऐसे में प्रधानमंत्री ने पीएम स्वनिधि योजना शुरू की. इस योजना के तीन साल पूरे हो चुके हैं.

शर्मा ने आगे कहा कि, लोगो को रोजगार देने में नगर निकायों और बैंक दोनों ने बढ़ चढ़ कर कार्य किया. लिहाजा देश में यूपी ने अपना डंका बजवाया है. उन्होंने बताया कि स्वनिधि योजना का लाभ दिलाने देश के टॉप दस जिलों में यूपी के 6 जिले अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, बरेली और झांसी है. इतना ही नहीं यूपी के दूकानदारों ने भी पीएम मोदी की डिजिटल इंडिया में बढ़ चढ़ कर हाथ बढ़ाया. देश में 20 फीसदी यूपी के रेहड़ी पटरी दुकानदारों ने डिजिटल पैसों का लेन देन किया.

नगर विकास मंत्री ने बताया कि, स्टार्टअप और मेक इन इंडिया योजना से छोटे उद्धमियों को काफी फायदा हुआ है. 2014 में जैसे ही नरेन्द्र मोदी पीएम बने तो उन्होंने पहली मीटिंग बुलाई जिसमें अधिकारी के तौर पर वो भी मौजूद थे. पीएम ने सेना में उन आइटम कि लिस्ट मांगी जो विदेश से इम्पोर्ट किए जाते थे. इसमें 300 आइटम ऐसी थी जो भारत में भी बन सकती थी. इसमें सेना के जूते भी शामिल थे. पीएम ने इन आइटम को डी लाइसेंस किया और फिर इसका फायदा देश के व्यापारियों को मिला. आगरा के चमड़ा व्यापारियों को सेना से जूतों के आर्डर मिलने लगे. मंत्री ने कहा कि पहले तो सेना में कागज भी विदेश से यह सोच कर आता था कि विदेशी कागज में अच्छे से लिखावट होती है.

पीएम स्वनिधि योजना के उद्देश्य है कि रियायती ब्याज दर पर 10,000, 20,000 और 50,000 रुपये तक के कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना,
ऋण की नियमित चुकौती को प्रोत्साहित करना और डिजिटल लेनदेन को पुरस्कृत करना इस योजना का उद्देश्य है.

स्वनिधि योजना का लाभा लेने के लिए शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) की ओर से जारी पहचान पत्र या विक्रय प्रमाण पत्र रखने वाले स्ट्रीट वेंडर होना जरुरी है, वहीं सर्वेक्षण में स्ट्रीट वेंडर्स की पहचान तो की गई है, लेकिन उन्हें वेंडिंग सर्टिफिकेट या पहचान पत्र जारी नहीं किया गया है. ऐसे में, स्ट्रीट वेंडर्स के लिए प्रोविजनल सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग जारी किया जाएगा.

शहरी स्ट्रीट वेंडर्स 10,000 रुपये तक का वर्किंग कैपिटल (WC) लोन ले सकते हैं, जिसकी अवधि 1 साल होगी और इसे मासिक किस्तों में चुकाया जाएगा. इस लोन को पाने के लिए किसी तरह की गारंटी की जरूरत नहीं है. पहला लोन जमा करने के बाद 20 हजार और फिर उसे चुकाने के बाद 50 हजार रूपये का लोन दिया जाता है.

इस योजना के तहत लोन लेने वाले स्ट्रीट वेंडर्स को 7% की दर से ब्याज सब्सिडी मिलती है. इसके लिए आपके पास आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, मनरेगा कार्ड, पैन कार्ड में कोई एक पहचान होना जरुरी है.

यह भी पढ़ें: आगरा में बसने का सुनहरा मौका, सस्ते दाम में प्राइम लोकेशन पर मिल रहे फ्लैट्स और प्लॉट्स, जानें प्रक्रिया - Buy Houses Agra

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.