नई दिल्लीः दिल्ली में 7 सीटों पर 162 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, इनमें कोई जमीनी और अनुभवी नेता है तो कोई हाईली क्वालीफाइड...लेकिन क्या आप जानते हैं इस बार मैदान में ऐसे उम्मीदवार भी हैं जो कम पढ़े लिखे हैं. कई तो ऐसे हैं जो 5वीं, 6ठी और 8वीं पास हैं. कुछ तो केवल अपना नाम ही लिख पाते हैं.
आइए जानते हैं इन कैंडिडेट्स के बारे में-
- नई दिल्ली लोकसभा सीट से लोग पार्टी के प्रत्याशी लुकमान खान की बात करें तो वह मात्र पांचवीं पास हैं. हालांकि, इसके बावजूद भी वह बिजनेसमैन हैं और उनके पास पचास लाख रुपए से ज्यादा की संपत्ति है
- लुकमान खान की पत्नी अंजुम खान के पास डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है.
- भारतीय जवान किसान पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद हामिद, अमन समाज पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद नाजिर छठी पास हैं.
- चांदनी चौक सीट से ही पब्लिक पॉलिटिकल पार्टी की प्रत्याशी हिना खान आठवीं पास हैं. जबकि इसी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी पीयूष नरूला 12वीं पास हैं.
- पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से प्रत्याशी संजय कुमार यादव 12वीं पास हैं और वो प्रयागराज उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं.
- इनके अलावा उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से निर्दलीय प्रत्याशी वीरपाल सिंह भी आठवीं पास हैं.
- उत्तर पश्चिम (सुरक्षित) लोकसभा सीट से गरीब आदमी पार्टी के प्रत्याशी श्याम भारतीय 12वीं पास हैं. उन्होंने 2019 में ही एनआईओएस से 12वीं पास की है. वो पेशे से फिल्म मेकर हैं. उन्होंने अपनी संपत्ति तीन करोड़ रुपए से ज्यादा की घोषित की है, जबकि उनकी पत्नी गायत्री देवी के पास पांच करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है.
- दक्षिणी दिल्ली सीट से हमारा सही विकल्प पार्टी के प्रत्याशी नवीन कुमार सिर्फ साक्षर हैं. उन्हें सिर्फ अपना नाम लिखना आता है. उन्होंने अपने हलफनामे में शैक्षिक योग्यता के कॉलम में नॉट एप्लीकेबल लिखा है.
- हालांकि पश्चिमी दिल्ली सीट से सर्व लोकहित पार्टी के प्रत्याशी जया रमन ने अपनी शैक्षिक योग्यता ग्रेएजुट बताई है
ऐसा नहीं है कि दिल्ली के मैदान में पढ़े लिखे उम्मीदवार नहीं हैं. एलएलबी और पीएचडी वाले प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं. लेकिन यहां चर्चा उनकी है जो पढ़ाई के मैदान में पिछड़ गए लेकिन, देश की संसद में पहुंचने के लिए दिल्ली के चुनावी मैदान में उतरने से पीछे नहीं हैं.
हैरानी की बात ये है कि कम पढ़े लिखे होने के बावजूद इन्होंने चुनावी मैदान में उतरने के लिए नामांकन भी पूरी सावधानी और सजगता के साथ किया जिससे इनके नामांकन पत्र खारिज भी नहीं हुए. अब नाम वापसी का समय भी बीतने के बाद चुनावी मैदान में उतरने की इनकी इच्छा भी पूरी हो गई है.
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