आगरा : जिले में फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट की सियासत अजब-गजब है. मुगलों की दूसरी राजधानी और बुलंद दरवाजा की नगरी में कभी जनता ने एक बार के बाद किसी को दोबारा सांसद बनने का मौका नहीं दिया. भले ही इस बार इस लोकसभा सीट पर चौथी बार लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. मगर, पहले भाजपा ने यहां पर मौजूदा सांसद राजकुमार चाहर पर भरोसा जताया है. ऐसे में इस बार मुकबाला बेहद दिलचस्प है. गठबंधन के प्रत्याशी रामनाथ सिंह सिकरवार, बसपा के प्रत्याशी राम निवास शर्मा और गिरे वोटिंग प्रतिशत से यहां पर जीत और हार का मामला उलझ गया है. इस सीट पर अब मुकाबला 'राम' या 'राज' के बीच है.
बता दें कि, वर्ष 2008 में हुए परिसीमन से आगरा जिले में फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. जहां पर वर्ष 2009 में पहली बार लोकसभा का चुनाव हुआ. तब प्रदेश में बसपा की सरकार थी. इस सीट से तत्कालीन ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने पत्नी सीमा को चुनावी अखाड़े में उतारा तो कांग्रेस से राजबब्बर ने ताल ठोंकी थी. महज दस हजार वोट के अंतर से राजबब्बर को हराकर सीमा उपाध्याय पहली सांसद बनी थीं.
मोदी लहर से भाजपा ने किया कब्जा : वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर आई तो भाजपा ने चौधरी बाबूलाल को प्रत्याशी बनाया. बसपा ने मौजूदा सीमा उपाध्याय को दूसरी बार चुनाव लड़ाया. चौधरी बाबू लाल ने बसपा की सीमा को करीब 1.73 लाख वोट से हराकर सीट भाजपा की झोली में डाली. इसके बाद वर्ष 2019 में भाजपा ने सांसद चौधरी बाबूलाल का टिकट काटकर राज कुमार चाहर पर दांव लगाया. राजकुमार चाहर ने कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर को हराकर सबसे बड़ी जीत दर्ज की. राजकुमार चाहर यहां पर करीब पांच लाख वोट से जीते. तभी से इस सीट पर भगवा लहरा रहा है.
फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र | |||
विधानसभा क्षेत्र का नाम | पुरुष मतदाता | महिला मतदाता | थर्ड जेंडर |
आगरा ग्रामीण | 240934 | 204177 | 17 |
फतेहपुर सीकरी | 194797 | 166932 | 4 |
खेरागढ़ | 181253 | 154042 | 4 |
फतेहाबाद | 173713 | 147524 | 7 |
बाह | 181622 | 153778 | 17 |
रामेश्वर रोकेंगे राजकुमार की जीत या टूटेगा मिथक : वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मौजूदा सांसद राजकुमार चाहर को चुनाव मैदान में उतारा है. कांग्रेस गठबंधन से रामनाथ सिंह सिरकरवार उर्फ फौजी बाबा तो बसना से रामनिवास फतेहपुर सीकरी सीट पर चुनाव मैदान में हैं. भाजपा ने राजकुमार चाहर को प्रत्याशी बनाया तो भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे रामेश्वर चौधरी ने बगावत कर दी. रामेश्वर चौधरी निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. जिससे राजकुमार चाहर की राह आसान नहीं दिख रही है. क्योंकि, भाजपा विधायक चौधरी बाबूलाल भी अपने बेटे के साथ खडे़ हो गए हैं. जिससे भाजपा के वोटर में सेंध लगी है. जिससे अब मुकाबला राज और राम के बीच है. देखना है कि, फतेहपुर सीकरी की जनता ने एक बार के बाद दोबारा सांसद बनने का किसी को मौका नहीं दिया. ऐसे में क्या ये मिथक राजकुमार चाहर तोड़ेंगे या रामनाथ सिंह सिकरवार या बसपा के रामनिवास शर्मा के सिर जीत का सहरा बंधेगा. ये फैसला तो चार जून की दोपहर में हो जाएगा.
फतेहपुर सीकरी में जाति गत वोट (लगभग) | |
क्षत्रिय | 3.5 लाख |
ब्राह्मण | 3.0 लाख |
जाट | 2.5 लाख |
जाटव | 2.5 लाख |
कुशवाह | 1.4 लाख |
निषाद | 1.25 लाख |
मुस्लिम | एक लाख |
वैश्य | एक लाख |
क्षत्रियों और ब्राह्मणों की नाराजगी, भितरघात भी : बता दें कि, फतेहपुर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर की राह में क्षत्रियों और ब्राह्मणों की नाराजगी के साथ ही भितरघात बाधा है. यहां पर क्षत्रिय और ब्राह्मण मतदाता लगभग बराबर हैं. दोनों की नाराजगी है. बसपा ने इसलिए, ब्राह्मण वोटर्स में सेंधमारी के लिए ब्राह्मण प्रत्याशी रामनिवास शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है तो गठबंधन ने कांग्रेस प्रत्याशी रामनाथ सिकरवार को चुनाव मैदान में उतारा है, जो क्षत्रिय हैं. जिससे उन्होंने भी क्षत्रिय वोटों में सेंधमारी की है. बाह विधानसभा का कम वोटिंग प्रतिशत भी क्षत्रियों की नाराजगी बयां कर रहा है.
वोटिंग प्रतिशत गिरा, जिससे चिंता : बता दें कि, आगरा में सात मई को मतदान हुआ था. जिसमें इस बार फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर 57 प्रतिशत मतदान हुआ है. जो पिछले साल के मतदान से कम है. क्योंकि, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां पर 60.26 प्रतिशत मतदान रहा था. इसके साथ ही फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र में 61.88 प्रतिशत मतदान रहा था.
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