चित्तौड़गढ़. लोकसभा चुनाव के तहत 26 अप्रैल को दूसरे चरण में होने वाले चुनाव के लिए मतदान दलों का गंतव्य स्थान के लिए रवानगी का दौर शुरू हो गया है. चित्तौड़गढ़ जिले की पांच विधानसभा क्षेत्रों के लिए 1505 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत सुरक्षा की दृष्टि से अहम हैं. इन केंद्रों पर निर्वाचन विभाग सीसीटीवी के जरिए निगरानी रखेगा.
जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक रंजन ने बताया कि 299 मतदान केंद्र अति संवेदनशील केंद्र माने गए हैं. कुल 753 मतदान केंद्र जिला प्रशासन की सीधी निगरानी में रहेंगे. यहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. साथ ही केंद्रीय सुरक्षा बल के साथ-साथ पुलिस की अतिरिक्त व्यवस्था रहेगी. उन्होंने बताया कि पूरे संसदीय क्षेत्र में 2326 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें चित्तौड़गढ़ की पांच विधानसभा सीटों के अलावा प्रतापगढ़ और उदयपुर की वल्लभनगर तथा मावली विधानसभा शामिल है. कुल आठ विधानसभाएं चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र में शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि महिलाओं का मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग को चित्तौड़गढ़ जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 15- 15 मतदान केंद्र महिलाओं के जिम्मे करने का प्रस्ताव भेजा गया था. प्रदेश में चित्तौड़गढ़ जिले में पहली बार यह प्रयोग किया गया है. इसके अंतर्गत मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी से लेकर हर एक कर्मचारी महिला ही होगी. जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए स्विप गतिविधियों के अंतर्गत कई कार्यक्रम किए जा रहे हैंं. चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र से सबसे अधिक प्रत्याशी मैदान में है. इस कारण हर मतदान केंद्र पर दो-दो ईवीएम मशीन होगी. जिला निर्वाचन अधिकारी ने लोकतंत्र के इस महापर्व में लोगों से वोट के जरिए आहुति देने का आह्वान किया है.