चंडीगढ़: हरियाणा की राजनीति में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीते दो दिनों से उठापटक जारी है. मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे से लेकर संगठन की बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार के नामों की सूची पर चर्चा चलती रही. शुक्रवार हो या शनिवार मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजभवन में भी हलचलें तेज रही. लेकिन ये बस तक हलचल तक ही सीमित रह गई और जो विधायक मंत्री बनने का सपना देख रहे थे, उनका सपना साकार ना हो सका. तैयारियां फुल थी लेकिन आखिरी मौके पर सब कैंसिल हो गया.
आचार संहिता के बाद होगा कैबिनेट विस्तार!: लेकिन इन सब के बीच बड़ा सवाल ये कि आचार संहिता लागू होने के बावजूद क्या हरियाणा कैबिनेट का विस्तार हो पाएगा?. मुख्य चुनाव अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने बताया कि 'मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट में यह नहीं लिखा है कि आचार संहिता लगने के बाद मंत्रिमंडल में विस्तार कर सकते हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि अगर अनुमति लेनी जरूरी है तो वो चुनाव आयोग से ले सकते हैं. अगर अनुमति जरूरी नहीं तो और सरकार अनुमति नहीं ले लेती तो शिकायत आएगी. मुझे इस विषय की ज्यादा जानकारी नहीं है. सरकार से इसको लेकर कोई कागज नहीं आया है। जब कोई आएगा तो तभी हम इस पर कमीशन से बात कर विचार करेंगे'.
नहीं हो सकती कोई नई घोषणा: चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. सात चरणों में वोटिंग होगी. हरियाणा में छठे चरण में यानी 25 मई 2024 को वोटिंग होगी और 4 जून को नतीजे भी आ जाएंगे. आचार संहिता लगने के बाद अब सरकार कोई नई घोषणा या विकास परिजोजनाओं की घोषणा नहीं कर सकती. जिन परियोजनाओं पर काम चल रहा है वो जारी रहेगा. बाकी की सारी व्यवस्था केंद्रीय चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों पर तय होगी. चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन यदि हुआ तो उल्लंघनकर्ता पर केस दर्ज करने के लिए चुनाव आयोग ने सी विजिल एप बनाया है. नागरिक वीडियो और ऑडियो बनाकर भेज सकता है. जिस पर 100 मिनट के भीतर कार्रवाई भी की जाएगी.
अब सरकारी भर्तियों का क्या?: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और हरियाणा लोकसेवा आयोग की चुनाव अवधि के दौरान भर्ती प्रक्रिया के संबंध में पूछे गए सवाल पर अग्रवाल ने बताया कि हरियाणा के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है, जो सप्ताह में कम से कम से दो बार बैठक करेगी और मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अपनी सिफारिशें भेजेगी. यदि कर्मचारियों की आवश्यकता होगी तो चुनाव आयोग से नियुक्तियों को लेकर अनुमति लेनी होगी.
मीडियाकर्मी डाल पाएंगे वोट?: मीडियाकर्मियों को वोट डालने के लिए प्रबंध किया गया है. जो मीडियाकर्मी अपनी ड्यूटी पर होंगे. उन्हें अपना एक कार्ड बनवाना होगा. इसके बाद मीडियाकर्मी वोट डाल सकेंगे. इसके अलावा जिन सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है, वो भी इसी तरीके से वोट डाल सकते हैं. वह बैलेट से डालेंगे.
हरियाणा में कितने मतदाता: पिछले लोकसभा चुनाव में हरियाणा में करीब 70 फीसदी मतदान हुआ था. आने वाले चुनाव में मतदान बढ़े इसके लिए मुख्य चुनाव अधिकारी ने मतदाताओं से अपील की है कि वे मतदान जरूर करें. प्रदेश में इस बार 1 करोड़ 99 लाख 38 हजार 247 मतदाता हैं. 85 की उम्र से अधिक मतदाताओं की संख्या 2 लाख 64 हजार 760 है. 100 से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या 11 हजार 28 है. 120 आयु के 41 हजार मतदाता हैं.
युवा मतदाताओं की संख्या: हरियाणा में सर्विस मतदाताओं की संख्या 1 लाख 8 हजार 572 है. 18 से 19 आयु के मतदाताओं की संख्या 3 लाख 65 हजार 504 है. तथा 20 से 29 आयु वर्ग के मतदाताओं की संख्या 39 लाख 31 हजार 717 है. 26 अप्रैल 2024 तक प्रदेश में महिला और पुरुष अपने वोट बनवा सकते हैं. अब सूची से वोट काटने का काम नहीं होगा, सिर्फ वोट जोड़ने का होगा.
29 अप्रैल को जारी होगी चुनाव की अधिसूचना: प्रदेश में चुनाव के लिए अधिसूचना 29 अप्रैल, 6 मई को नामांकन भरने की अंतिम तारीख, 7 मई को नामांकन पत्रों की समीक्षा की जाएगी. 9 मई तक प्रत्य़ाशी अपने नामांकन वापस ले सकते हैं. 25 मई को मतदान और 4 जून को मतगणना होगी. जबकि चुनाव प्रक्रिया 6 जून से पहले पूरी कर ली जाएगी. हरियाणा में 10 से 15 प्रतिशत आरक्षित ईवीएम सेक्टर मजिस्ट्रेट की पास उपलब्ध होगी. जहां भी शिकायत होगी वहां ईवीएम उपलब्ध करा दी जाएगी.
करीब 20 हजार मतदान केंद्रों पर होगी वोटिंग: प्रदेश में कुल 19 हजार 812 मतदान केंद्र होंगे. जिनमें 6 हजार 224 शहरी और 13 हजार 588 ग्रामीण मतदान केंद्र शामिल हैं. जिनमें 2289 असुरक्षित और 63 क्रिटिकल मतदान केंद्र हैं. एक मतदान केंद्र पर औसतन 1001 मतदाता अपने मत डाल सकेंगे. सभी मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित जन सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी.
कड़ी सुरक्षा के बीच होगा मतदान: लोकसभा चुनाव में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी की चुनाव खर्च सीमा 95 लाख रुपये होगी और जिस दिन नामांकन पत्र दाखिल करेगा उसी दिन से राशि की गणना शुरू कर दी जाएगी. प्रत्याशी को अलग से चुनाव खर्च विवरण की जानकारी बैंक खाते के माध्यम से देनी होगी. चुनाव को लेकर प्रदेश में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 15 कंपनियां आ चुकी हैं. पिछली बार 95 कंपनियां मिली थी. वहीं गृह मंत्रालय से 200 कंपनियों की मांग की गई है. इसके अलावा हरियाणा पुलिस और गृह आरक्षी कर्मियों को भी चुनाव में सुरक्षा में लगाया जाएगा.
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