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जोधपुर लोकसभा सीट : वैतरणी पार लगाना गहलोत के हाथ, खुद उतरें या नया चेहरा दें - rajasthan Lok sabha election 2024

jodhpur constituency , लोकसभा चुनाव पास में है. जोधपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस की वैतरणी को पार लगाने के लिए पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक बार फिर जिम्मेदारी अपने हाथ में ली है. प्रत्याशी का चयन उनकी ओर से ही होगा. कांग्रेस में इसको लेकर प्रभारियों के दौरे भी शुरू हो चुके हैं. इस सीट पर भाजपा ने गजेंद्र सिंह शेखावत को फिर मैदान में उतारा है. वहीं, कांग्रेस ने करण सिंह उचियारड़ा पर दांव खेला है. जोधपुर लोकसभा सीट पर मतदान 26 अप्रैल को होगा जोधपुर लोकसभा सीट पर मतगणना 4 जून को होगी

candidate selection for Jodhpur Lok Sabha seat
जोधपुर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी चयन गहलोत के हाथ
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 8, 2024, 12:34 PM IST

Updated : Apr 18, 2024, 3:30 PM IST

जोधपुर. लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में प्रत्याशी चयन के लिए प्रभारियों के दौरे शुरू हो गए हैं. कांग्रेस में जोधपुर लोकसभा सीट को लेकर सबकी नजरें बनी हुई है, क्योंकि यह सीट पूर्व सीएम अशोक गहलोत से जुड़ी हुई है. वे खुद यहां से पांच बार जीत चुके हैं. यहां प्रत्याशी चयन वो ही करते आएं हैं. इस बार इसका दारोमदार उन पर छोड़ा गया है, लेकिन गहलोत के 1998 से राज्य की राजनीति में आने के बाद से यहां से कांग्रेस सिर्फ एक बार 2008 में जीती है. तब गहलोत अप्रत्याशित चेहरे के रूप में पूर्व राजपरिवार की सदस्य चंद्रेश कुमारी को हिमाचल से लेकर आए थे. इस बार कांग्रेस हर हाल में बीजेपी को प्रदेश में सभी सीटों पर जितने से रोकने में जुटी है. ऐसे में इस बार जोधपुर सीट कांग्रेस के लिए मूंछ का सवाल बन रही है.

जोधपुर लोकसभा सीट पर सबकी नजरें पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर टिकी है. लोग ये जानने के लिए उत्सुक है कि गहलोत इस बार किसे यहां से उतारेंगे ? या फिर कांग्रेस में चल रही खबरों के मुताबिक वरिष्ठ होने के नाते वे खुद भी मैदान में उतरकर कांग्रेस की वैतरणी को पार लगा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें : जोधपुर लोकसभा सीट अशोक गहलोत की जिम्मेदारी: अभिमन्यू पूनिया

राजपूत, विश्नोई या माली पर लग सकता है दांव : जोधपुर लोकसभा सीट राजपूत बाहुल्य है. क्षेत्र के आठ विधानसभा सीटों में से तीन पर राजपूत एमएलए हैं और तीन में राजपूत मत निर्णायक होते हैं. ऐसे में मौजूदा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत तीसरी बार उतरते हैं तो नया राजपूत चेहरा टक्कर दे सकता है. इसके लिए कांग्रेस के महासचिव करण सिंह उचियारड़ा और कुंभसिंह पातावत की दावेदारी सबसे आगे है.

इसी तरह से कांग्रेस विश्नोई पर भी दांव खेल सकती है, क्योंकि भाजपा से यहां जसवंत सिंह विश्नोई दो बार सांसद रह चुके हैं. कांग्रेस यहां से लूणी से पूर्व विधायक महेंद्र सिंह विश्नोई पर भी दांव खेल सकती है. इसके अलावा मूल ओबीसी उम्मीदवार के रूप माली उम्मीदवार को उतारा जा सकता है. इसके लिए खुद अशोक गहलोत और वैभव गहलोत के अलावा राजेंद्र सिंह सोलंकी का नाम चल रहा है.

इसे भी पढ़ें : कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने लोकसभा चुनाव का लिया फीडबैक, करौली से 20 और धौलपुर से 15 ने पेश की दावेदारी

उम्मीदवार चयन का प्रस्ताव गहलोत के नाम पारित : चुनाव की तैयारी के लिए लोकसभा के प्रभारी पूर्व मंत्री महेंद्र चौधरी हर विधानसभा की बैठक ले चुके हैं. कांग्रेस के जिला संगठन ने अशोक गहलोत के नाम उम्मीदवार चयन का अधिकार देने का प्रस्ताव पारित कर दिया. विधानसभावार बैठकों के अलावा सर्वे भी चल रहे हैं. अशोक गहलोत के पुत्र वैभव भी कई बैठकों में शामिल हुए हैं, लेकिन दोबारा प्रत्याशी बनने की मजबूत संभावनाएं बहुत कम बताई जा रही है. पार्टी को ऐसा चेहरा चाहिए को जिसका सीधा लोगों से कनेक्शन हो.

कांग्रेस के लिए कठिन डगर : केंद्र की राजनीति छोड़ने के 20 साल बाद गत चुनाव में गहलोत परिवार में से कोई 2019 के चुनाव में मैदान में आया. पूर्व सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को यहां से उम्मीदवार बनाया गया तो अशोक गहलोत ने पूरी सक्रियता दिखाई. उन्होंने सीएम रहते हुए सघन प्रचार किया. इसके बावजूद वो बेटे को जीता नहीं पाए. वैभव गहलोत 2 लाख 70 हजार से अधिक मतों के अंतर से हारे थे, जबकि इस बार तो राम मंदिर की सफलता के रथ पर सवार भाजपा को रोकना आसान नहीं होगा.

जोधपुर से कब-कौन जीता :

  1. 2019 गजेंद्र सिंह शेखावत भाजपा
  2. 2014 गजेंद्र सिंह शेखावत भाजपा
  3. 2009 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस
  4. 2004 जसवंतसिंह विश्नोई भाजपा
  5. 1999 जसवंतसिंह विश्नोई भाजपा
  6. 1998 अशोक गहलोत कांग्रेस
  7. 1996 अशोक गहलोत कांग्रेस
  8. 1991 अशोक गहलोत कांग्रेस
  9. 1989 जसवंतसिंह जसोल भाजपा
  10. 1984 अशोक गहलोत कांग्रेस
  11. 1980 अशोक गहलोत कांग्रेस
  12. 1977 रणछोडदास गट्टाणी भारतीय लोक दल
  13. 1971 कृष्णा कुमारी निर्दलीय
  14. 1967 नरेंद्र कुमार सांघी कांग्रेस
  15. 1962 लक्ष्मीमल्ल सिंघवी निर्दलीय
  16. 1957 जसवंत मेहता, कांग्रेस
  17. 1952 जसवंत मेहता, निर्दलीय
  18. 1952 हनवंत सिंह निर्दलीय (परिणाम से पहले मृत्यु)

जोधपुर. लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में प्रत्याशी चयन के लिए प्रभारियों के दौरे शुरू हो गए हैं. कांग्रेस में जोधपुर लोकसभा सीट को लेकर सबकी नजरें बनी हुई है, क्योंकि यह सीट पूर्व सीएम अशोक गहलोत से जुड़ी हुई है. वे खुद यहां से पांच बार जीत चुके हैं. यहां प्रत्याशी चयन वो ही करते आएं हैं. इस बार इसका दारोमदार उन पर छोड़ा गया है, लेकिन गहलोत के 1998 से राज्य की राजनीति में आने के बाद से यहां से कांग्रेस सिर्फ एक बार 2008 में जीती है. तब गहलोत अप्रत्याशित चेहरे के रूप में पूर्व राजपरिवार की सदस्य चंद्रेश कुमारी को हिमाचल से लेकर आए थे. इस बार कांग्रेस हर हाल में बीजेपी को प्रदेश में सभी सीटों पर जितने से रोकने में जुटी है. ऐसे में इस बार जोधपुर सीट कांग्रेस के लिए मूंछ का सवाल बन रही है.

जोधपुर लोकसभा सीट पर सबकी नजरें पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर टिकी है. लोग ये जानने के लिए उत्सुक है कि गहलोत इस बार किसे यहां से उतारेंगे ? या फिर कांग्रेस में चल रही खबरों के मुताबिक वरिष्ठ होने के नाते वे खुद भी मैदान में उतरकर कांग्रेस की वैतरणी को पार लगा सकते हैं.

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राजपूत, विश्नोई या माली पर लग सकता है दांव : जोधपुर लोकसभा सीट राजपूत बाहुल्य है. क्षेत्र के आठ विधानसभा सीटों में से तीन पर राजपूत एमएलए हैं और तीन में राजपूत मत निर्णायक होते हैं. ऐसे में मौजूदा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत तीसरी बार उतरते हैं तो नया राजपूत चेहरा टक्कर दे सकता है. इसके लिए कांग्रेस के महासचिव करण सिंह उचियारड़ा और कुंभसिंह पातावत की दावेदारी सबसे आगे है.

इसी तरह से कांग्रेस विश्नोई पर भी दांव खेल सकती है, क्योंकि भाजपा से यहां जसवंत सिंह विश्नोई दो बार सांसद रह चुके हैं. कांग्रेस यहां से लूणी से पूर्व विधायक महेंद्र सिंह विश्नोई पर भी दांव खेल सकती है. इसके अलावा मूल ओबीसी उम्मीदवार के रूप माली उम्मीदवार को उतारा जा सकता है. इसके लिए खुद अशोक गहलोत और वैभव गहलोत के अलावा राजेंद्र सिंह सोलंकी का नाम चल रहा है.

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उम्मीदवार चयन का प्रस्ताव गहलोत के नाम पारित : चुनाव की तैयारी के लिए लोकसभा के प्रभारी पूर्व मंत्री महेंद्र चौधरी हर विधानसभा की बैठक ले चुके हैं. कांग्रेस के जिला संगठन ने अशोक गहलोत के नाम उम्मीदवार चयन का अधिकार देने का प्रस्ताव पारित कर दिया. विधानसभावार बैठकों के अलावा सर्वे भी चल रहे हैं. अशोक गहलोत के पुत्र वैभव भी कई बैठकों में शामिल हुए हैं, लेकिन दोबारा प्रत्याशी बनने की मजबूत संभावनाएं बहुत कम बताई जा रही है. पार्टी को ऐसा चेहरा चाहिए को जिसका सीधा लोगों से कनेक्शन हो.

कांग्रेस के लिए कठिन डगर : केंद्र की राजनीति छोड़ने के 20 साल बाद गत चुनाव में गहलोत परिवार में से कोई 2019 के चुनाव में मैदान में आया. पूर्व सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को यहां से उम्मीदवार बनाया गया तो अशोक गहलोत ने पूरी सक्रियता दिखाई. उन्होंने सीएम रहते हुए सघन प्रचार किया. इसके बावजूद वो बेटे को जीता नहीं पाए. वैभव गहलोत 2 लाख 70 हजार से अधिक मतों के अंतर से हारे थे, जबकि इस बार तो राम मंदिर की सफलता के रथ पर सवार भाजपा को रोकना आसान नहीं होगा.

जोधपुर से कब-कौन जीता :

  1. 2019 गजेंद्र सिंह शेखावत भाजपा
  2. 2014 गजेंद्र सिंह शेखावत भाजपा
  3. 2009 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस
  4. 2004 जसवंतसिंह विश्नोई भाजपा
  5. 1999 जसवंतसिंह विश्नोई भाजपा
  6. 1998 अशोक गहलोत कांग्रेस
  7. 1996 अशोक गहलोत कांग्रेस
  8. 1991 अशोक गहलोत कांग्रेस
  9. 1989 जसवंतसिंह जसोल भाजपा
  10. 1984 अशोक गहलोत कांग्रेस
  11. 1980 अशोक गहलोत कांग्रेस
  12. 1977 रणछोडदास गट्टाणी भारतीय लोक दल
  13. 1971 कृष्णा कुमारी निर्दलीय
  14. 1967 नरेंद्र कुमार सांघी कांग्रेस
  15. 1962 लक्ष्मीमल्ल सिंघवी निर्दलीय
  16. 1957 जसवंत मेहता, कांग्रेस
  17. 1952 जसवंत मेहता, निर्दलीय
  18. 1952 हनवंत सिंह निर्दलीय (परिणाम से पहले मृत्यु)
Last Updated : Apr 18, 2024, 3:30 PM IST
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