अजमेर. कांग्रेस ने अजमेर लोकसभा सीट से नए चेहरे रामचंद्र चौधरी पर दांव खेला है. चौधरी अजमेर सरस डेयरी में 30 वर्षो से लगातार अध्यक्ष रह चुके हैं. वहीं, मसूदा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं. चौधरी के नाम का ऐलान होते ही उनके कोटड़ा स्थित आवास पर कांग्रेसियों का जमावड़ा लग गया. रामचंद्र का मुकाबला इस सीट पर भाजपा के भागीरथ चौधरी से होगा.
कांग्रेस ने नए चेहरे के उतारा मैदान मेंः अजमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस ने रामचंद्र चौधरी को मैदान में उतारा है. रामचंद्र चौधरी की छवि किसान नेता के रूप में रही है. कांग्रेस में चौधरी अजमेर में जाट चेहरे के रूप में हैं. यही वजह है कि कांग्रेस ने इस बार जाट चेहरे पर ही दांव खेला है, ताकि जाट मतों का विभाजन हो और इसका फायदा कांग्रेस को मिल सके. रामचंद्र चौधरी के लिए अजमेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना पहला अनुभव रहेगा. हालांकि, राजनीति में उनका अनुभव वर्षो पुराना है. अजमेर देहात क्षेत्र में रामचंद्र चौधरी की मजबूत पकड़ है. वहीं, कांग्रेस में बीते वर्षो से रामचंद्र चौधरी काफी सक्रिय हैं. बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में अजमेर सीट से कांग्रेस ने उद्योगपति रिजु झुनझुनवाला को मैदान में उतारा था, लेकिन मोदी लहर के आगे वह टिक नहीं पाए. अजमेर में उन्हें सवा चार लाख से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा था, हालांकि रिजु झुनझुनवाला अब भाजपा की तरफ हैं.
चार बार लड़ चुके हैं विधानसभा चुनाव : रामचन्द्र चौधरी ने वर्ष 1990 में पहला चुनाव मसूदा से लड़ा था. 1998 में चौधरी ने भिनाय सीट पर भाग्य आजमाया था. वर्ष 2008 में चौधरी मसूदा से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े. उसके बाद वर्ष 2013 में कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर चौधरी ने मसूदा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. हालांकि, चौधरी एक भी विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाए, लेकिन अजमेर जिला दुग्ध उत्पादन समिति के चुनाव में चौधरी 30 वर्षो से जीतते आए हैं. अजमेर सरस डेयरी में 30 वर्षो से उनका दबदबा है. यही कारण है कि डेयरी के माध्यम से राम चन्द्र चौधरी की ग्रामीण क्षेत्रो में अच्छी पकड़ है. बता दें कि अजमेर लोकसभा सीट के लिए 28 मार्च से नामांकन की शुरुआत होगी. वहीं, मतदान 26 अप्रैल को और मतगणना 4 जून को होगी.