लातेहार: लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा कुछ दिनों में होने वाली है. जहां राजनीतिक दल चुनाव को लेकर अपनी रणनीति बनाने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहे हैं. वहीं आम लोग भी लोकसभा चुनाव के लिए जुट रहे हैं. झारखंड के चतरा संसदीय क्षेत्र के लोगों के लिए इस बार मुख्य चुनावी मुद्दा स्थानीय सांसद, रोजगार, शिक्षा और भूमि विवाद की समस्याएं उभर कर सामने आई हैं.
दरअसल, चतरा संसदीय क्षेत्र में पूरा चतरा जिला और लातेहार जिला और पलामू जिला का कुछ हिस्सा शामिल है. चतरा जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्र चतरा और सिमरिया के अलावा लातेहार जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्र लातेहार और मनिका, पलामू जिले का पांकी विधानसभा क्षेत्र आता है. पूरा चतरा लोकसभा क्षेत्र खनिज संपदा से भरपूर है. लेकिन आज तक इस लोकसभा क्षेत्र में एक भी उद्योग स्थापित नहीं हो सका है. इसके कारण यहां के बेरोजगार या मजदूर रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं.
लोगों के लिए ये मुद्दे बने अहम
सबसे खास बात यह है कि चतरा लोकसभा क्षेत्र ऐसा क्षेत्र है, जहां से आज तक कोई भी स्थानीय व्यक्ति सांसद नहीं बन सका है. यानी चतरा संसदीय क्षेत्र के सांसद हमेशा किसी दूसरे क्षेत्र के रहने वाले लोग रहे हैं. यहां सांसद बनने के बाद उनका दर्शन दुर्लभ हो जाता है और प्रतिनिधियों पर क्षेत्र से गायब रहने का आरोप लगता है.
शिक्षा के मामले में भी यह इलाका पूरी तरह पिछड़ा हुआ है. इसके अलावा भूमि सर्वेक्षण में अनियमितता और भूमि विवाद इस पूरे इलाके के मुख्य मुद्दे हैं. लेकिन इन मुद्दों पर जन प्रतिनिधियों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है. लोगों का मानना है कि आने वाली सरकार और आने वाले जन प्रतिनिधियों को इन मुद्दों पर गंभीरता दिखानी चाहिए.
आम लोगों की राय
आम लोगों की समस्याओं को लेकर जब ईटीवी भारत ने आम लोगों से बात की तो उन्होंने बेबाक अंदाज में जवाब दिया. स्थानीय निवासी प्रेम गुप्ता ने कहा कि चतरा संसदीय क्षेत्र खनिज संसाधनों से भरपूर है लेकिन यहां न तो रोजगार के अवसर हैं और न ही शिक्षा की सुविधाएं. प्रतिनिधियों को इन मुद्दों को गंभीरता से लेना होगा.
स्थानीय सांसद का मुद्दा
स्थानीय निवासी प्रीत लाल यादव ने कहा कि चतरा संसदीय क्षेत्र ऐसा क्षेत्र है जहां का सांसद हमेशा बाहरी रहा है. बाहरी सांसद होने के कारण उन्होंने क्षेत्र के विकास के प्रति कभी गंभीरता नहीं दिखायी. इस कारण यह पूरा क्षेत्र उपेक्षित रहा है. इस बार जनता स्थानीयता को भी मुद्दा बनाएगी.
स्थानीय निवासी दिलीप कुमार ने कहा कि चतरा संसदीय क्षेत्र का पूरा क्षेत्र खनिज संपदा से परिपूर्ण है. लेकिन यहां के खनिज संसाधनों का केवल दोहन ही हुआ है. यदि जन प्रतिनिधि गंभीर होते तो यह क्षेत्र आज सबसे समृद्ध क्षेत्रों में से एक होता. उन्होंने कहा कि शिक्षा और रोजगार इस संसदीय क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है.
भूमि विवाद का मुद्दा
स्थानीय निवासी अनुज कुमार तिवारी ने कहा कि भूमि विवाद का मुद्दा पूरे संसदीय क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है. लेकिन इस समस्या के समाधान को लेकर जन प्रतिनिधि गंभीर नहीं दिख रहे हैं. जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा यहां महिलाओं की शिक्षा के लिए किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है.
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर आम लोग अब खुलकर अपने मुद्दे सामने रख रहे हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आम लोगों के इन मुद्दों पर प्रतिनिधि या राजनीतिक दल कितने गंभीर हैं.
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