जयपुर. लोकसभा चुनाव के रण में कांग्रेस ने राजस्थान में न केवल दस साल का सीटों का सूखा खत्म किया है, बल्कि एक तरह से जोरदार कमबैक किया है. राजस्थान की आठ सीटें कांग्रेस के खाते में आई हैं, जबकि तीन सीटों में अन्य दलों के साथ गठबंधन का फार्मूला भी कामयाब रहा. ऐसे में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का जोश हाई है. देखा जाए तो भाजपा से 14 सीट जीतने की खुशी मनाने का मौका भी छीन लिया है. क्योंकि, भाजपा नेता लगातार यह दावा कर रहे थे कि इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा सभी 25 सीटें जीतकर प्रदेश की सभी सीटों पर काबिज होने की हैट्रिक लगाएगी, लेकिन परिणाम इसके अनुरूप नहीं आने से भाजपा के खेमे में इसकी मायूसी साफ नजर आ रही है. दरअसल, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी. अब कांग्रेस और सहयोगी पार्टियों के खाते में 11 सीट आई हैं.
बाड़मेर: प्रदेश की सबसे चर्चित लोकसभा सीट बाड़मेर-जैसलमेर पर कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल ने एक लाख से ज्यादा वोट से जीत हासिल की है. उन्होंने निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी को हराया है. केंद्रीय मंत्री व भाजपा प्रत्याशी कैलाश चौधरी को महज 2.86 लाख वोट मिले.
करौली-धौलपुर : पूर्वी राजस्थान की इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी भजनलाल जाटव ने करीब 99 हजार वोट से जीत हासिल की है, जबकि भाजपा की इंदू देवी दूसरे स्थान पर रहीं.
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दौसा : कांग्रेस प्रत्याशी मुरारीलाल मीना ने इस सीट पर 2.37 लाख वोट ने अंतर से बड़ी जीत हासिल की है. उन्होंने भाजपा के कन्हैयालाल मीना को शिकस्त दी है.
श्रीगंगानगर : कांग्रेस के कुलदीप इंदौरा ने इस सीट पर करीब 88 हजार वोट से जीत दर्ज की है. उनके सामने भाजपा की महिला प्रत्याशी प्रियंका बेलान ने चुनाव लड़ा था.
चूरू : भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद कांग्रेस का हाथ थामने वाले राहुल कस्वां को इस सीट पर 72 हजार से ज्यादा वोट से जीत मिली है. भाजपा ने यहां से पैरालंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया को मैदान में उतारा था.
टोंक-सवाई माधोपुर : इस सीट पर हरीश चंद्र मीना ने दो बार से सांसद रहे सुखबीर सिंह जौनापुरिया को मात दी है. हरीश चंद्र मीना ने करीब 65 हजार वोट से यह चुनाव जीता है. देवली-उनियारा सीट से विधायक रहते उन्होंने यह चुनाव लड़ा.
भरतपुर : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले भरतपुर में कांग्रेस की युवा महिला प्रत्याशी संजना जाटव ने भाजपा के रामस्वरूप कोली को हराया है. संजना ने 51 हजार से ज्यादा वोट से यह चुनाव जीता है.
झुंझुनूं : कभी ओला परिवार का गढ़ रही इस सीट पर एक बार फिर बृजेंद्र ओला ने जीत हासिल की है. उन्होंने भाजपा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी को 18 हजार वोट से हराया है.
इन तीन सीटों पर गठबंधन कामयाब
नागौर : इस सीट पर कांग्रेस ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से गठबंधन किया. रालोपा के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल खुद मैदान में उतरे और भाजपा की ज्योति मिर्धा को करीब 42 हजार वोट से हराया. पिछले लोकसभा चुनाव में ज्योति कांग्रेस में थी और हनुमान बेनीवाल ने भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव जीता था.
बांसवाड़ा-डूंगरपुर : आदिवासी बाहुल्य इस सीट पर कांग्रेस ने भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार रोत को समर्थन दिया. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए महेंद्रजीत सिंह मालवीय को भाजपा ने टिकट देकर मैदान में उतारा. रोत ने मालवीय पर 2.47 लाख वोट के भारी अंतर से जीत दर्ज की.
सीकर : इस सीट पर सीपीआई(एम) के अमराराम चौधरी ने कांग्रेस के समर्थन से भाजपा के सुमेधानंद सरस्वती को हराया है. लगातार दो बार के सांसद सुमेधानंद पर अमराराम ने 72 हजार से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की.
पीसीसी वॉर रूम में दिनभर हलचल : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और सहयोगी पार्टियों को 11 सीट मिलने से कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह है. आज दिनभर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वॉर रूम में नवनिर्वाचित सांसदों की आवाजाही रही. सीकर सांसद अमराराम, करौली-धौलपुर सांसद भजनलाल जाटव, टोंक-सवाई माधोपुर सांसद हरीश चंद्र मीना, श्रीगंगानगर सांसद कुलदीप इंदौरा और भरतपुर सांसद संजना जाटव ने प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष सहित अन्य नेताओं से मुलाकात की.