कानपुर: शहर में जहां कुछ दिनों पहले पीएम मोदी ने रोड शो करके कानपुर के लोगों को यह संदेश दिया था कि वह कानपुर के साथ हैं. वहीं, अब उसे रोड शो का जवाब देने के लिए शुक्रवार को कानपुर में सांसद राहुल गांधी और पूर्व सीएम अखिलेश यादव एक साथ आ रहे हैं. दोपहर करीब 3:00 बजे कानपुर के चुन्नीगंज स्थित जीआईसी इंटर कॉलेज के बगल में बने मैदान में संयुक्त रूप से राहुल और अखिलेश की सभा को लेकर दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है.
दोनों ही नेता अपने दलों के दिग्गज हैं. ऐसे में दोनों की सुरक्षा के लिए पुलिस की ओर से कड़े प्रबंध किए गए हैं. शहर में सांसद राहुल गांधी और पूर्व सीएम अखिलेश यादव इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी आलोक मिश्रा के समर्थन में जनसभा को संबोधित करेंगे. वहीं, अखिलेश यादव ने 7 मई को ही कानपुर के रमईपुर में आकर अकबरपुर लोकसभा प्रत्याशी राजा रामपाल के समर्थन में सभा को संबोधित किया था. सभा को लेकर सारी तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं. हालांकि, जो तापमान है उसको देखते हुए यह उम्मीद की जा रही है, कि जो लोग जनसभा में होंगे उन्हें भीषण तपिश का सामना करना होगा.
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7 सालों बाद एक साथ होंगे सांसद राहुल और पूर्व सीएम अखिलेश: शहर में 7 साल बाद दोबारा ऐसा मौका होगा, जब सांसद राहुल गांधी और पूर्व सीएम अखिलेश यादव एक साथ होंगे. दर्शन इससे पहले जब कांग्रेस और सपा में गठबंधन की बात हुई थी. तब संयुक्त रूप से दोनों ही दिग्गजों ने कानपुर में संयुक्त रूप से वार्ता को संबोधित किया था. यही नहीं, बीती फरवरी में ही सांसद राहुल गांधी ने कानपुर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी रोड शो किया था. वही, अखिलेश यादव लगातार कानपुर के हर बड़े मामले में आते रहते हैं. यहां से लोगों का उनका जुड़ाव भी है.
1978 में शहर आई थीं इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी का भी कानपुर से रहा है गहरा नाता: शहर से पूर्व पार्षद और ठेठ कांग्रेसी अनिल बाजपेई भुल्लर ने बताया, कि 1978 में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का अधिवेशन कानपुर में हुआ था.जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में इंदिरा गांधी कानपुर आई थीं. इसके बाद वह प्रधानमंत्री बनी और उनका कानपुर आना जाना लगा रहा. यही नहीं इंदिरा गांधी के साथ ही राजीव गांधी का भी कानपुर से गहरा नाता रहा. कानपुर को मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट का जो नाम दिया गया उसके तहत गांधी परिवार के भी दिग्गज यहां पर उद्यमियों से मिलने आते थे. उनसे संवाद करके उद्योगों को बढ़ावा मिले इस दिशा में लगातार कवायद भी करते थे. अनिल बाजपेई भुल्लर ने कहा, कि गांधी परिवार का भी कानपुर से हमेशा ही एक अलग तरह का लगाव रहा है.