लखनऊ: UP Third Phase Voting: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का आज मतदान हो रहा है. प्रदेश की 10 लोकसभा सीटों पर होने वाले चुनाव में सभी पार्टियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इनमें से कई सीटें पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खाते में आई थीं तो कुछ सीटों पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का भी कब्जा रहा था.
इस बार लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन है. लिहाजा, ज्यादातर सीटों पर आमने-सामने की टक्कर तो कई सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय भी होने की पूरी संभावना है. पिछले लोकसभा चुनाव में जीते बीजेपी के सांसदों की साख दांव पर है.
इस बार संभल सीट पर समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रमान बर्क के निधन हो जाने से उनके पौत्र मैदान में हैं. इस सीट पर इस बार बीजेपी ने पूरा जोर लगाया है. मैनपुरी, बदायूं, बरेली, आगरा, फतेहपुर सीकरी, संभल, एटा, हाथरस, फिरोजाबाद और आंवला लोकसभा सीटों पर जनता अपने नए सांसद चुनेगी. कई सीटों पर पिछली बार के ही प्रत्याशी मैदान में हैं तो कई सीटों पर राजनीतिक दलों ने नए चेहरे को मैदान में उतारा है.
किस सीट पर कौन है प्रत्याशी
1- संभल
- जियाउर्रहमान बर्क (सपा)
- परमेश्वर लाल सैनी (भाजपा)
- शौलत अली (बसपा)
2- हाथरस सुरक्षित
- अनूप वाल्मीकि (भाजपा)
- जसवीर बाल्मीकि (सपा)
- हेमबाबू (बसपा)
3- आगरा
- एसपी सिंह बघेल (भाजपा)
- पूजा अमरोही (बसपा)
- सुरेश चंद्र करदम (सपा)
4- फतेहपुर सीकरी
- राजकुमार चाहर (भाजपा)
- रामनाथ सिकरवार (कांग्रेस)
- श्रीनिवास शर्मा (बसपा)
5- फिरोजाबाद
- अक्षय यादव (सपा)
- ठाकुर विश्वदीप सिंह (भाजपा)
- चौधरी बशीर (बसपा)
6- मैनपुरी
- डिंपल यादव (सपा)
- जयवीर सिंह (भाजपा)
- शिव प्रसाद यादव (बसपा)
7- एटा
- राजवीर (भाजपा)
- देवेश शाक्य (सपा)
- मो. इरफान (बसपा)
8- बदायूं
- आदित्य यादव (सपा)
- दुर्विजय सिंह शाक्य (भाजपा)
- मुस्लिम खान (बसपा)
9- आंवला
- धर्मेंद्र कश्यप (भाजपा)
- नीरज मौर्या (सपा)
- 10- बरेली
- छत्रपाल गंगवार (भाजपा)
- प्रवीन सिंह एरन (सपा)
संभल लोकसभा सीट पर दिखेगी कड़ी टक्कर: 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन था. गठबंधन के तहत संभल की सीट समाजवादी पार्टी के हिस्से आई थी. शफीकुररहमान बर्क को समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के परमेश्वर लाल सैनी को हराया था. इस बार बीजेपी ने परमेश्वर लाल सैनी को ही फिर से उम्मीदवार बनाया है लेकिन समाजवादी पार्टी का कैंडिडेट नया है.
इस बार समाजवादी पार्टी का गठबंधन भी नया है. बहुजन समाज पार्टी के बजाय सपा ने कांग्रेस से हाथ मिलाया है और इस सीट से मरहूम शफीकुर्रमान बर्क के पोते जियाउर रहमान बर्क को मैदान में उतारा है. इस सीट पर इन दोनों में कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है.
बहुजन समाज पार्टी ने इस सीट पर शौलत अली को मैदान में उतारकर कहीं न कहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के मुस्लिम वोटर्स में सेंध लगाने का पूरा प्लान किया है. बसपा भी इस सीट को अपने लिए मजबूत मान रही है.
आगरा लोकसभा सीट पर किसका है दबदबा: आगरा लोकसभा सीट की बात की जाए तो यह सीट भारतीय जनता पार्टी के हिस्से में पिछले लोकसभा चुनाव में आई थी. एसपी सिंह बघेल आगरा से सांसद हैं. केंद्र सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं. एसपी सिंह बघेल को करहल विधानसभा उपचुनाव में भी बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया था. हालांकि इस सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अखिलेश यादव चुनाव जीते थे.
लोकसभा चुनाव में एक बार फिर आगरा सीट से बीजेपी ने एसपी सिंह बघेल को ही उम्मीदवार बनाया है. इस उम्मीद के साथ कि वे फिर से आगरा सीट भाजपा के खाते में लाएंगे. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी सुरेश चंद्र कर्दम हैं जबकि बीएसपी ने यहां से महिला प्रत्याशी पूजा अमरोही को टिकट दिया है.
फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर किसमें है कड़ी टक्कर: फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट भी इस बार चुनावी चर्चा में है. यहां से भारतीय जनता पार्टी ने राजकुमार चाहर को एक बार फिर मौका दिया है जबकि यह सीट समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन में कांग्रेस के हिस्से में आई है.
यहां पर कांग्रेस ने अपने पुराने उम्मीदवार रामनाथ सिकरवार पर दांव लगाया है. सिकरवार को यहां पर काफी मजबूत माना जा रहा है. वह आर्मी से रिटायर हुए हैं इसलिए लोगों में उनके प्रति काफी लगाव है. पिछली बार यह सीट भारतीय जनता पार्टी के हिस्से में ही आई थी.
मैनपुरी लोकसभा सीट बनी हाईप्रोफाइल: मैनपुरी लोकसभा सीट भी इस बार हाई प्रोफाइल सीट बन गई है. यहां से इंडी गठबंधन की उम्मीदवार समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव हैं. समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर उपचुनाव हुआ था जिसे डिंपल यादव ने बड़े अंतर से जीता था.
सपा ने एक बार फिर डिंपल यादव को मैदान में उतारा है जबकि उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह को टिकट दिया है. मैनपुरी सीट पर इन दोनों ही प्रत्याशियों में जोरदार टक्कर देखने को मिल रही है.
बसपा ने शिवप्रसाद यादव को टिकट देकर समाजवादी पार्टी के यादव वोटर्स में सेंध लगाने की योजना बनाई है. इसका थोड़ा बहुत फायदा भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को मिल सकता है.
बदायूं लोकसभा सीट पर क्या है स्थति: बदायूं लोकसभा सीट पर पहले समाजवादी पार्टी ने शिवपाल सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया था, लेकिन शिवपाल जिद पर अड़ गए कि उनके बेटे आदित्य यादव को टिकट दिया जाए. इसके बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को झुकना पड़ गया और उन्होंने बदायूं सीट पर आदित्य यादव को ही टिकट दे दिया. अब नए चेहरे के रूप में आदित्य यादव मैदान में हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने मजबूत प्रत्याशी दुर्विजय सिंह शाक्य को मैदान में उतारकर इस सीट पर मामला बेहद रोमांचक बना दिया है. पिछले लोकसभा चुनाव में यह सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में आई थी. यहां से स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने में सफल हुई थीं.
इस बार बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया और दुर्विजय सिंह शाक्य को मैदान में उतार दिया. दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशी नए हैं. बहुजन समाज पार्टी ने मुस्लिम खान को टिकट देकर सपा की राह मुश्किल की है.
बरेली लोकसभा सीट पर भाजपा की राह नहीं आसान: बरेली लोकसभा सीट पर इस बार भारतीय जनता पार्टी के खेवनहार रहे संतोष गंगवार टिकट पाने की दौड़ से बाहर हो गए. इस बार पार्टी ने यहां से क्षेत्रपाल गंगवार को उम्मीदवार बनाया है. पार्टी को उम्मीद है कि संतोष गंगवार की ही तरह क्षेत्रपाल गंगवार भी बरेली की सीट भाजपा के नाम करेंगे, लेकिन इस बार इस सीट पर राह इतनी भी आसान नहीं है.
क्योंकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के साझा प्रत्याशी के रूप में प्रवीण सिंह एरन मैदान में हैं और उनकी भी बरेली में पहचान है. ऐसे में इस सीट पर कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है. एटा लोकसभा सीट पिछली बार भारतीय जनता पार्टी ने जीती थी और इस बार भी स्वर्गीय कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह राजू भैया को पार्टी ने टिकट दिया है. इस सीट पर राजवीर के सामने इंडी गठबंधन के प्रत्याशी देवेश शाक्य हैं और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद इरफान हैं.