गया: बिहार में लोकसभा की 4 सीटों पर शुक्रवार यानी 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. इससे पहले नेता सियासी रण में कूद गए हैं. बिहार की 40 सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के नेताओं ने पूरी ताक झोंक दी है. बिहार में एनडीए की तरफ से अकेले पीएम ने मोर्चा संभाल रखा है, जबकि महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी मैदान में हैं. तेजस्वी यादव ने गया लोकसभा सीट पर आरजेडी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार किया और विरोधियों पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि बीजेपी वालों ने सिर्फ लोगों को सपने दिखाए हैं, जमीन पर कुछ नहीं किया.
'बीजेपी वालों के लिए अब महंगाई भौजाई' : गया के चाकंद में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा कि, आज भी महंगाई बेरोजगारी जैसी समस्याएं नासूर बनी हुई है. पहले बीजेपी वाले महंगाई- महंगाई करते थे. अब उनके लिए महंगाई भौजाई और महबूबा हो गई है. नरेंद्र मोदी कहते थे कि हम राशन दे रहे हैं, लेकिन राशन तो कांग्रेस के जमाने से ही चला आ रहा है. बीजेपी वाले सिर्फ जनता को ठगने का काम कर रहे हैं. चुनावी सभा को वीआईपी के मुकेश साहनी ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी यदि पहाड़ है तो वह दशरथ मांझी है, जब तक तोड़ेंगे नहीं, तब तक छोड़ेंगे नहीं.
''यदि हमारी सरकार बनी तो राशन के साथ-साथ नौकरी भी युवाओं को देंगे. वहीं नरेंद्र मोदी के वादे कि गरीबी खत्म कर देंगे, पर भी जमकर निशाना साधा. कहा कि यदि गरीबी खत्म हो जाती तो 80 करोड लोगों को अनाज क्यों बांटा जाता.'' - तेजस्वी यादव, आरजेडी नेता
लालू के नहीं आने से निराश हुए लोग : वहीं, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को भी इस चुनावी कार्यक्रम में शामिल होना था. लेकिन लालू यादव किसी कारण नहीं आ सके. इससे लोगों में काफी निराशा भी देखी गई. हालांकि तेजस्वी यादव ने भाषण देकर लोगों में जोश भरा और अपने प्रत्याशी कुमार सर्वजीत के पक्ष में वोट मांगे.
गया में मांझी Vs सर्वजीत की टक्कर : गया लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री व एनडीए उम्मीदवार जीतन राम मांझी और आरजेडी प्रत्याशी कुमार सर्वजीत के बीच सीधा मुकाबला हैं. यहां पहले चरण में 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. बता दें कि गया सीट दोनों नेताओं की टक्कर इसलिए भी रोचक होगी, क्योंकि यहां से 33 साल पहले आरजेडी उम्मीदवार कुमार सर्वजीत के पिता राजेश जीतन राम मांझी को हरा चुके हैं.
गया लोकसभा सीट का समीकरण : साल 2004 लोकसभा चुनाव में आरजेडी के राजेश मांझी ने यहां से जीतन राम मांझी को धूल चटाई थी. 2009 लोकसभा चुनाव में यह सीट बीजेपी के हरी मांझी के खाते में गई. 2014 के मोदी लहर में एक बार फिर यह सीट बीजेपी ने जीतीं. 2019 के लोकसभा चुनाव में यह सीट जेडीयू के खाते में गई. यहां से जेडीयू उम्मीदवार विजय कुमार ने मांझी को शिकस्त दी.
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