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'मतदान जरूरी है', लोकतंत्र के महापर्व में भागीदारी के लिए अपने गांव-शहर पहुंचने लगे प्रवासी मजदूर - Migrant laborers started arriving - MIGRANT LABORERS STARTED ARRIVING

MIGRANT LABORERS: देश की नयी सरकार चुनने का महापर्व आम चुनाव शुरू हो चुका है. पहले चरण की वोटिंग के बाद अब 26 अप्रैल को अब दूसरे चरण की वोटिंग की तैयारियां अंतिम दौर में हैं. वहीं लोकतंत्र के इस महा पर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर पूर्णिया पहुंचने लगे हैं, पढ़िये पूरी खबर,

'मतदान जरूरी है'
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 25, 2024, 1:47 PM IST

'मतदान जरूरी है'

पूर्णियाः 2024 के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए शुक्रवार को वोटिंग होगी. वोटिंग को लेकर जहां प्रशासनिक तैयारियां करीब-करीब पूरी कर ली गयी हैं वहीं सरकार चुनने के इस महापर्व में भागीदारी के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गांव-शहर पहुंचने लगे हैं. पूर्णिया में भी 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. जिसको लेकर प्रवासी मजदूर अपने-अपने गांव पहुंच गये हैं.

त्योहारों पर पहुंचे न पहुंचे मतदान के लिए जरूर आते हैं: अपना और अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए बड़ी संख्या में मजदूर देश के दूसरे प्रदेशों में जाकर काम करते हैं. अक्सर देखा जाता है कि होली-छठ जैसे त्योहारों पर ट्रेनों में भारी भीड़ या फिर छुट्टी नहीं मिलने के कारण ये मजदूर गांव नहीं आ पाते हैं लेकिन लोकतंत्र के इस महापर्व में भागीदारी निभाने के लिए जरूर आते हैं.

परिजनों को रहता है इंतजारः वैसे तो बाहर रहनेवाले मजदूरों के परिजनों को पर्व-त्योहारों पर उनके घर आने का इंतजार रहता है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि वे पर्व-त्योहार पर घर नहीं आ पाते हैं, लेकिन चुनाव के समय सभी लोग निश्चित रूप से पूरे परिवार के साथ घर पहुंचते हैं. ऐसे में गांव में उनके मां-बाप या दूसरे परिजनों को चुनाव के समय उनके आने का इंतजार जरूर रहता है.

एक-एक वोट जरूरी हैः प्रदेश में रोजगार की कमी के कारण ही बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे प्रदेशों में पलायन करते हैं. लेकिन वो जानते हैं कि पांच सालों में एक बार आनेवाले इस मौके पर उनका आना बेहद जरूरी है, क्योंकि एक-एक वोट जरूरी है. इसलिए ही तो वे सारे काम छोड़कर अपने गांव पहुंचते हैं और वैसे नेता चुनने की कोशिश करते हैं जो उनके गांव-शहर का विकास करे.

ये भी पढ़ेंःईद और होली की छुट्टी में घर आये प्रवासी बिहारी, सवाल- लोकतंत्र के महापर्व में करेंगे 'खेला'? - Lok Sabha Election 2024

'मतदान जरूरी है'

पूर्णियाः 2024 के लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए शुक्रवार को वोटिंग होगी. वोटिंग को लेकर जहां प्रशासनिक तैयारियां करीब-करीब पूरी कर ली गयी हैं वहीं सरकार चुनने के इस महापर्व में भागीदारी के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गांव-शहर पहुंचने लगे हैं. पूर्णिया में भी 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. जिसको लेकर प्रवासी मजदूर अपने-अपने गांव पहुंच गये हैं.

त्योहारों पर पहुंचे न पहुंचे मतदान के लिए जरूर आते हैं: अपना और अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए बड़ी संख्या में मजदूर देश के दूसरे प्रदेशों में जाकर काम करते हैं. अक्सर देखा जाता है कि होली-छठ जैसे त्योहारों पर ट्रेनों में भारी भीड़ या फिर छुट्टी नहीं मिलने के कारण ये मजदूर गांव नहीं आ पाते हैं लेकिन लोकतंत्र के इस महापर्व में भागीदारी निभाने के लिए जरूर आते हैं.

परिजनों को रहता है इंतजारः वैसे तो बाहर रहनेवाले मजदूरों के परिजनों को पर्व-त्योहारों पर उनके घर आने का इंतजार रहता है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि वे पर्व-त्योहार पर घर नहीं आ पाते हैं, लेकिन चुनाव के समय सभी लोग निश्चित रूप से पूरे परिवार के साथ घर पहुंचते हैं. ऐसे में गांव में उनके मां-बाप या दूसरे परिजनों को चुनाव के समय उनके आने का इंतजार जरूर रहता है.

एक-एक वोट जरूरी हैः प्रदेश में रोजगार की कमी के कारण ही बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे प्रदेशों में पलायन करते हैं. लेकिन वो जानते हैं कि पांच सालों में एक बार आनेवाले इस मौके पर उनका आना बेहद जरूरी है, क्योंकि एक-एक वोट जरूरी है. इसलिए ही तो वे सारे काम छोड़कर अपने गांव पहुंचते हैं और वैसे नेता चुनने की कोशिश करते हैं जो उनके गांव-शहर का विकास करे.

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