लखनऊ : लखनऊ जिले की दूसरी लोकसभा सीट मोहनलालगंज पर केवल एक बार प्रत्याशी ने जीत की हैट्रिक मारी है. लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर के लिए यह मौका है. मोहनलालगंज संसदीय क्षेत्र में लखनऊ जिले की चार विधानसभा सीटें और सीतापुर जिले की सिधौली विधानसभा सीट आती है. भारतीय जनता पार्टी के लिए यह रिकॉर्ड बनाने का मौका है. मोहनलालगंज सीट पर तीन चुनाव में कांग्रेस की गंगा देवी ने ही हैट्रिक मारी है. इसके बाद कभी भी कोई तीसरी बार चुनाव नहीं जीता.
बता दें कि कौशल किशोर को कभी कामरेड कहा जाता था. वह कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के सिपाही हुआ करते थे. बाद में उन्होंने राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट पार्टी नाम से पार्टी भी बनाई थी. उत्तर प्रदेश में निर्दलीय जीतकर मंत्री भी बने थे. लेकिन 2014 से पहले जब उनकी राजनीति ढलान पर थी तो उन्होंने विचारधारा परिवर्तन करके भारतीय जनता पार्टी में जॉइनिंग ले ली. भारतीय जनता पार्टी को मोहनलालगंज सीट से लड़ने के लिए एक बेहतर चेहरे की तलाश थी. अनुसूचित जाति (पासी) से आने वाले कौशल किशोर उस गणित में फिट हो गए. इसके बाद में उन्होंने पहला चुनाव लड़ा.
मोहनलालगंज सीट का भूगोल और इतिहास : मोहनलालगंज सीट में सीतापुर की सिधौली, लखनऊ की मलिहाबाद, बख्शी का तालाब, सरोजनीनगर और मोहनलालगंज विधानसभा सीटें आती हैं. इन सारी सीटों पर वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक की निर्वाचित हुए हैं. इस वजह से कौशल किशोर की स्थिति बहुत मजबूत मानी जा रही है. मलिहाबाद सीट पर उनकी पत्नी जया देवी और मोहनलालगंज सीट पर उनके ही परिवार के सदस्य अमरेश मौर्य विधायक हैं. ऐसे में उनकी स्थिति खासी मजबूत हो चुकी है. उनके सामने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार आरके चौधरी हैं.
मोहनलालगंज सीट पर पहली बार चुनाव साल 1962 में हुआ था. इसमें कांग्रेस की गंगा देवी ने भारतीय जन संघ के रामबख्श को पराजित किया था. 1967 में हुए चुनाव में गंगा देवी ने एक बार फिर जनसंघ के राम प्रकाश को पराजित करके चुनाव जीता था. 1971 में गंगा देवी एक बार फिर आईएनसीओ के ख्याली राम को हराया. इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस को पहली बार पराजय का सामना करना पड़ा था. जनता पार्टी के रामलाल कुरील ने गंगा देवी को पराजित कर दिया था. 1980 में गंगा देवी चुनाव नहीं लड़ सकीं, तब कांग्रेस के कैलाश पति ने जनता पार्टी के रामलाल कुरील को हराया. 1984 में भी कांग्रेस के जगन्नाथ प्रसाद ने लोक दल के रामलाल कुरील को पराजित किया. यहां से कांग्रेस का सिलसिला टूटा और समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का दौर शुरू हुआ. 2009 के में समाजवादी पार्टी की सुशीला सरोज ने बहुजन समाज पार्टी के जयप्रकाश को पराजित किया. 2014 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के कौशल किशोर ने बहुजन समाज पार्टी के आरके चौधरी को हरा दिया. 2019 में कौशल किशोर ने 6 लाख 30 हजार के करीब वोट हासिल किए. उन्होंने बीएसपी समाजवादी पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार सीएल वर्मा को बड़े अंतर से पराजित किया. इस बार भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर कौशल किशोर को टिकट दिया है और उनके सामने आरके चौधरी हैं. ऐसे में उनके पास हैट्रिक मारने का बड़ा मौका है.