करनाल: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान का समय नजदीक आ रहा है. वैसे-वैसे नेताओं के दल बदल का सिलसिला शुरू हो गया है. रविवार को हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह ने बीजेपी से इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की. सोमवार को कांग्रेस नेता और असंध से पूर्व विधायक जिले राम शर्मा बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सोमवार को जिले राम शर्मा करनाल में ही बीजेपी कार्यालय में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
बीजेपी में शामिल होंगे कांग्रेस के पूर्व विधायक जिले राम शर्मा: हालांकि अभी तक ये खुलासा नहीं हो पाया है कि जिले राम शर्मा कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल होने के लिए क्या शर्त रखेंगे. ये माना जा रहा है कि अभी तक उन्होंने किसी भी प्रकार की शर्त भाजपा के सामने नहीं रखी. एक जिला स्तरीय नेता के तौर पर वो भाजपा पार्टी में शामिल होंगे. आपको बता दें कि असंध विधानसभा सीट से मौजूदा समय में कांग्रेस विधायक शमशेर गोगी हैं. जो कुमारी सैलजा के नजदीकी माने जाते हैं.
जिले राम शर्मा का राजनीतिक सफर सरपंच से शुरू हुआ. उसकी पत्नी भी सरपंच रह चुकी हैं. इसके अलावा जिले राम ब्लॉक अध्यक्ष भी रह चुके हैं. कांग्रेस पार्टी में वो सीपीएस के पद पर भी रहे हैं. जिले राम को हुड्डा ग्रुप का नेता माना जाता था, लेकिन उनके ऊपर कोर्ट में मामला चल रहा था. जिसमें कोर्ट ने उनको कुछ समय पहले ही क्लीन चिट दी है. ये मामला उनके ऊपर कांग्रेस की सरकार में ही दर्ज हुआ था. खबर है कि कांग्रेस नेता होने के चलते पार्टी ने उनका साथ नहीं दिया. जिसके चलते अब वो कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं.
हालांकि सूत्रों से जानकारी मिली है कि वो लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन अगर सरकार उनको चुनावी रण में उतरना चाहती है, तो वो असंध से विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं. 2009 में वो असंध विधानसभा से हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी पर टिकट लड़े थे. उसके बाद में वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे. 2014 और 2019 विधानसभा चुनाव उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर पर लड़ा था. जहां पर दूसरे नंबर पर वोट हासिल की थी.
बीजेपी को कितना होगा फायदा? अगर करनाल लोकसभा की बात करें, तो करनाल लोकसभा में ब्राह्मण समाज की वोट काफी ज्यादा है और जिला राम शर्मा ब्राह्मण समाज के हैं. जिसके चलते भाजपा को आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका भरपूर फायदा होगा. वहीं अगर असंध विधानसभा की बात वहां से भाजपा के पास कोई बड़ा और अच्छा नेता नहीं है. जिसके चलते आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी भाजपा को वहां से उम्मीदवार के तौर पर एक नेता मिल सकता है.
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