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मेरठ-हापुड़ से सपा उम्मीदवार भानु प्रताप वर्मा बोले- ऐतिहासिक होगा जनता का निर्णय - LOK SABHA ELECTION 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

लोकसभा चुनाव 2024 का काउंटडाउन शुरू (Lok sabha election 2024) हो चुका है. हापुड़ लोकसभा सीट पर सपा ने सुप्रीम कोर्ट के वकील भानु प्रताप वर्मा को प्रत्याशी बनाया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 26, 2024, 12:51 PM IST

Lok sabha election 2024

मेरठ : जिले की हापुड़ लोकसभा सीट से सपा ने सुप्रीम कोर्ट के वकील भानु प्रताप वर्मा को प्रत्याशी बनाया है. उनका दावा है कि इस बार जनता का निर्णय ऐतिहासिक होगा. उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से सपा के स्थानीय नेताओं में नाराजगी है. लिहाजा वह अकेले ही जनता के बीच जाकर अपने लिए माहौल बनाने की कोशिश में लगे हैं. ईटीवी भारत ने सपा प्रत्याशी से उनके मुद्दों समेत तमाम विषयों पर बातचीत की. आइए जानते हैं कैसे इस लोकसभा सीट को अपने लिए उपयुक्त मान रहे हैं भानु प्रताप वर्मा.

मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट से भानु प्रताप सिंह वर्मा को प्रत्याशी घोषित करके समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन तमाम पार्टी के नेताओं के अरमानों पर पानी फेर दिया जो मेरठ से लोकसभा चुनाव लड़ने का सपना देख रहे थे.

प्रत्याशी को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है. आलम यह है कि बीते कई दिन से वह मेरठ में दिनभर अपने पक्ष में माहौल बनाने की जोर आजमाइश में लगे हैं. पार्टी की मेनस्ट्रीम का कोई लीडर उनके साथ दिखाई नहीं दे रहा है. जिले में सपा के तीन विधायक भी हैं. तीनों के ही क्षेत्र मेरठ लोकसभा क्षेत्र में शामिल हैं.

ईटीवी भारत ने भानु प्रताप सिंह ने तमाम मुद्दों पर बात कर उनसे जानने की कोशिश की कि वह मेरठ में अपने चुनाव लड़ने के लिए अपने लिए क्या संभावनाएं देखते हैं. इंडी गठबंधन के प्रत्याशी भानुप्रताप वर्मा का कहना है कि वह इस बार यहां अपने लिए माहौल देख पा रहे हैं और समाजवादी पार्टी की ऐतिहासिक जीत यहां देख रहे हैं.

प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से पार्टी के नेता लखनऊ में पार्टी के बड़े नेताओं के दरवाजे पर जाकर अपने लिए प्रत्याशी बनने की संभावनाएं तलाशने में लगे हैं?

इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर किसी को अपने लिए टिकट मांगने का अधिकार है. साथ ही दूसरी बात भी वे जोड़ते हैं कि जो लोग लखनऊ में हैं वह पार्टी के विधायक हैं. उनका लखनऊ में होना स्वाभाविक भी है. सपा प्रत्याशी का कहना है कि पार्टी के सभी अनुशासित सिपाही की तरह हैं.

पार्टी का जो निर्णय है सभी उसके साथ हैं. किसी भी सवाल का सीधा जवाब देने से कतराते हुए वह दिखाई दिए. मेरठ में पार्टी के नेता बाहरी बता रहे हैं इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि वो लोग बाहरी नहीं बता रहे हैं बल्कि भारी बता रहे हैं.

आखिर मेरठ लोकसभा के ऐसे कौन से मुद्दे हैं जिन पर वह चुनाव लड़ने जा रहे हैं?

इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि यह तो मेरठ की जनता बताएगी कि यहां के क्या मुद्दे हैं, हालांकि वह कहते हैं कि चाहे मेरठ शहर हो या बाकी शहर सभी में जो वह बड़ी समस्या देखते आ रहे हैं, एजुकेशन की समस्या उन्हें नजर आती है.

उनका कहना है कि एजुकेशन का बंटाधार होता जा रहा है, एजुकेशन को प्राइवेट हाथों में दिया जा रहा है. जिससे गरीब बच्चे को पढ़ने में बड़ी परेशानी हो रही है. वह बताते हैं कि क्योंकि उन्होंने बीए, एमए यहीं से किया है. लॉ की पढ़ाई उन्होंने मेरठ कॉलेज से की है तो वह भलीभांति चीजों को समझते हैं.

उनका कहना है कि महंगाई चरम पर है. मेरठ की जनता भी परेशान है, सुरक्षा की स्थिति अच्छी नहीं है. कहीं कोई सुरक्षित नहीं है. स्थानीय मुद्दे गिनाने के बजाए वह निजीकरण समेत प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हैं. उन्होंने कहा कि देश में पीएम सब कुछ निजी हाथों में सौंपना चाहते हैं. वहीं, वह बताते हैं कि ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर जो सरकार की नीति है वह जगजाहिर है. हमारी सरकार आई तो ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करेंगे.

ईवीएम आपके रडार पर रहती है?

इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि ईवीएम जब तक देश से हट नहीं जाएगी तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी. वह कहते हैं कि समाजवादी पार्टी ने उनके जैसे व्यक्ति को लोकसभा चुनाव में उतारकर हमारे ईवीएम हटाओ के आंदोलन को बहुत मजबूत बनाया है.

नेशनल लेवल पर जो एक मुद्दा स्थापित हो चुका है उसको एक बड़ी ताकत दी है. 2022 में जब सपा के साथ मिलकर सपा ने विधानसभा चुनाव लड़ा था तो पार्टी मेरठ में काफी मजबूत हुई, लेकिन निकाय चुनावों के जब परिणाम आए तो AIMIM जैसी पार्टी सपा से आगे निकल गई.

स्थानीय निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी से ज्यादा वोट ओवैसी की पार्टी के नेता पाए जबकि, स्वयं मेरठ में पार्टी के मुखिया ने रोड शो किया था?

सपा प्रत्याशी भानुप्रताप कहते हैं मेयर का चुनाव लोकल चुनाव है और लोकसभा का चुनाव बिल्कुल अलग है. लोकसभा क्षेत्र में सैकड़ों गांव भी हैं और यह चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जाना है कि देश में कौन सी योजनाएं बनेंगी. वह कहते हैं हैं कि देश में जो सरकार दस साल से है उसे रोकने के लिए मुद्दे भी अलग हैं. चुनाव भी बिल्कुल अलग तरह से होगा.

क्या साइकिल कमल को रोक पाएगी?

इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि साइकिल इस बार मेरठ में इतिहास रचेगी. कमल कहीं दिखेगा भी नहीं,
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा का दावा है कि जल्द ही न सिर्फ वह तमाम साथी उनके साथ होंगे, बल्कि सत्ताधारी दल से ताल्लुक रखने वाले कुछ नेता भी जल्द ही उनके साथ प्रचार करते दिखाई दे सकते हैं.

हालांकि उनके दावे में कितना दम है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल जिस तरह से मेरठ में समाजवादी पार्टी में उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से कलह दिखाई दे रही है. उससे एक बात तो साफ है कि सब कुछ ठीक नहीं है. अब देखने वाली बात यह भी है कि निकाय चुनाव में जिस तरह से सपा से आगे पतंग निकल गई थी इस बार पार्टी में कलह समाप्त होती है या नहीं.

यह भी पढ़ें : कुर्मी बिरादरी के गढ़ में वरुण गांधी भाजपा को दिलाते रहे जीत, क्या जितिन प्रसाद लगा पाएंगे नैया पार - Pilibhit Lok Sabha Seat

यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव 2024: हरियाणा में सभी 10 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों के नाम फाइनल, एक क्लिक में जानिए प्रत्याशियों की कुंडली - Haryana BJP Candidates Profile

Lok sabha election 2024

मेरठ : जिले की हापुड़ लोकसभा सीट से सपा ने सुप्रीम कोर्ट के वकील भानु प्रताप वर्मा को प्रत्याशी बनाया है. उनका दावा है कि इस बार जनता का निर्णय ऐतिहासिक होगा. उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से सपा के स्थानीय नेताओं में नाराजगी है. लिहाजा वह अकेले ही जनता के बीच जाकर अपने लिए माहौल बनाने की कोशिश में लगे हैं. ईटीवी भारत ने सपा प्रत्याशी से उनके मुद्दों समेत तमाम विषयों पर बातचीत की. आइए जानते हैं कैसे इस लोकसभा सीट को अपने लिए उपयुक्त मान रहे हैं भानु प्रताप वर्मा.

मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट से भानु प्रताप सिंह वर्मा को प्रत्याशी घोषित करके समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन तमाम पार्टी के नेताओं के अरमानों पर पानी फेर दिया जो मेरठ से लोकसभा चुनाव लड़ने का सपना देख रहे थे.

प्रत्याशी को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है. आलम यह है कि बीते कई दिन से वह मेरठ में दिनभर अपने पक्ष में माहौल बनाने की जोर आजमाइश में लगे हैं. पार्टी की मेनस्ट्रीम का कोई लीडर उनके साथ दिखाई नहीं दे रहा है. जिले में सपा के तीन विधायक भी हैं. तीनों के ही क्षेत्र मेरठ लोकसभा क्षेत्र में शामिल हैं.

ईटीवी भारत ने भानु प्रताप सिंह ने तमाम मुद्दों पर बात कर उनसे जानने की कोशिश की कि वह मेरठ में अपने चुनाव लड़ने के लिए अपने लिए क्या संभावनाएं देखते हैं. इंडी गठबंधन के प्रत्याशी भानुप्रताप वर्मा का कहना है कि वह इस बार यहां अपने लिए माहौल देख पा रहे हैं और समाजवादी पार्टी की ऐतिहासिक जीत यहां देख रहे हैं.

प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से पार्टी के नेता लखनऊ में पार्टी के बड़े नेताओं के दरवाजे पर जाकर अपने लिए प्रत्याशी बनने की संभावनाएं तलाशने में लगे हैं?

इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हर किसी को अपने लिए टिकट मांगने का अधिकार है. साथ ही दूसरी बात भी वे जोड़ते हैं कि जो लोग लखनऊ में हैं वह पार्टी के विधायक हैं. उनका लखनऊ में होना स्वाभाविक भी है. सपा प्रत्याशी का कहना है कि पार्टी के सभी अनुशासित सिपाही की तरह हैं.

पार्टी का जो निर्णय है सभी उसके साथ हैं. किसी भी सवाल का सीधा जवाब देने से कतराते हुए वह दिखाई दिए. मेरठ में पार्टी के नेता बाहरी बता रहे हैं इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि वो लोग बाहरी नहीं बता रहे हैं बल्कि भारी बता रहे हैं.

आखिर मेरठ लोकसभा के ऐसे कौन से मुद्दे हैं जिन पर वह चुनाव लड़ने जा रहे हैं?

इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि यह तो मेरठ की जनता बताएगी कि यहां के क्या मुद्दे हैं, हालांकि वह कहते हैं कि चाहे मेरठ शहर हो या बाकी शहर सभी में जो वह बड़ी समस्या देखते आ रहे हैं, एजुकेशन की समस्या उन्हें नजर आती है.

उनका कहना है कि एजुकेशन का बंटाधार होता जा रहा है, एजुकेशन को प्राइवेट हाथों में दिया जा रहा है. जिससे गरीब बच्चे को पढ़ने में बड़ी परेशानी हो रही है. वह बताते हैं कि क्योंकि उन्होंने बीए, एमए यहीं से किया है. लॉ की पढ़ाई उन्होंने मेरठ कॉलेज से की है तो वह भलीभांति चीजों को समझते हैं.

उनका कहना है कि महंगाई चरम पर है. मेरठ की जनता भी परेशान है, सुरक्षा की स्थिति अच्छी नहीं है. कहीं कोई सुरक्षित नहीं है. स्थानीय मुद्दे गिनाने के बजाए वह निजीकरण समेत प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हैं. उन्होंने कहा कि देश में पीएम सब कुछ निजी हाथों में सौंपना चाहते हैं. वहीं, वह बताते हैं कि ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर जो सरकार की नीति है वह जगजाहिर है. हमारी सरकार आई तो ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू करेंगे.

ईवीएम आपके रडार पर रहती है?

इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि ईवीएम जब तक देश से हट नहीं जाएगी तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी. वह कहते हैं कि समाजवादी पार्टी ने उनके जैसे व्यक्ति को लोकसभा चुनाव में उतारकर हमारे ईवीएम हटाओ के आंदोलन को बहुत मजबूत बनाया है.

नेशनल लेवल पर जो एक मुद्दा स्थापित हो चुका है उसको एक बड़ी ताकत दी है. 2022 में जब सपा के साथ मिलकर सपा ने विधानसभा चुनाव लड़ा था तो पार्टी मेरठ में काफी मजबूत हुई, लेकिन निकाय चुनावों के जब परिणाम आए तो AIMIM जैसी पार्टी सपा से आगे निकल गई.

स्थानीय निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी से ज्यादा वोट ओवैसी की पार्टी के नेता पाए जबकि, स्वयं मेरठ में पार्टी के मुखिया ने रोड शो किया था?

सपा प्रत्याशी भानुप्रताप कहते हैं मेयर का चुनाव लोकल चुनाव है और लोकसभा का चुनाव बिल्कुल अलग है. लोकसभा क्षेत्र में सैकड़ों गांव भी हैं और यह चुनाव राष्ट्रीय मुद्दों पर लड़ा जाना है कि देश में कौन सी योजनाएं बनेंगी. वह कहते हैं हैं कि देश में जो सरकार दस साल से है उसे रोकने के लिए मुद्दे भी अलग हैं. चुनाव भी बिल्कुल अलग तरह से होगा.

क्या साइकिल कमल को रोक पाएगी?

इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं कि साइकिल इस बार मेरठ में इतिहास रचेगी. कमल कहीं दिखेगा भी नहीं,
समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भानु प्रताप वर्मा का दावा है कि जल्द ही न सिर्फ वह तमाम साथी उनके साथ होंगे, बल्कि सत्ताधारी दल से ताल्लुक रखने वाले कुछ नेता भी जल्द ही उनके साथ प्रचार करते दिखाई दे सकते हैं.

हालांकि उनके दावे में कितना दम है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल जिस तरह से मेरठ में समाजवादी पार्टी में उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से कलह दिखाई दे रही है. उससे एक बात तो साफ है कि सब कुछ ठीक नहीं है. अब देखने वाली बात यह भी है कि निकाय चुनाव में जिस तरह से सपा से आगे पतंग निकल गई थी इस बार पार्टी में कलह समाप्त होती है या नहीं.

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