चंडीगढ़: हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान छठे चरण में होगा. एक तरफ सत्ताधारी भाजपा हरियाणा की सभी दस सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है. वहीं प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाई है. हालांकि इंडिया गठबंधन के तहत एक सीट आम आदमी पार्टी को दी गई. जिस पर उसने उम्मीदवार सुशील गुप्ता के रूप में कुरुक्षेत्र सीट से उतार दिया है.
कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट कब? राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी उम्मीदवारों की घोषणा कर कांग्रेस पर हरियाणा में पॉलिटिकल लीड ले चुकी है, लेकिन कांग्रेस पार्टी में अभी भी उम्मीदवारों के नाम को लेकर माथापच्ची चल रही है. जिसकी वजह से सवाल उठ रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट आने में क्यों हो रही देरी? आखिर कहां फंसा है पेंच? कब तक हरियाणा के कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची आ सकती है?
लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते कांग्रेस के बड़े नेता? चर्चा है कि हरियाणा में बड़े राजनीतिक चेहरे लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरने से गुरेज कर रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पहले ही कह चुके हैं "दीपेंद्र हुड्डा के चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है. फैसला हाईकमान को करना है. मैं नेता प्रतिपक्ष हूं. आने वाले कुछ महीनों में हरियाणा विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में मैं लोकसभा चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हूं. कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं अगर वो चुनाव लड़ते हैं तो मुझे खुशी होगी."
सैलजा ने जताई विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा: दूसरी तरफ कुमारी सैलजा भी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुकी हैं. सूत्रों की माने तो कांग्रेस के दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव से ज्यादा हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. हालांकि पार्टी आला कमान तमाम दिग्गज नेताओं को मजबूती के साथ हरियाणा में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारने के पक्ष में है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 31 मार्च को हो सकती है. इसके बाद दो से 3 अप्रैल तक कांग्रेस पार्टी हरियाणा में अपने लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है.
क्या कहते हैं राजनीतिक मामलों के जानकार? कांग्रेस पार्टी के लोकसभा उम्मीदवारों के नाम की सूची में हो रही देरी के सवाल पर राजनीतिक मामलों के जानकार राजेश मोदगिल ने कहा कि "कांग्रेस के दिग्गज नेता चुनाव लड़ने की इच्छुक दिखाई नहीं देते. जिसकी वजह से हो सकता है पार्टी को उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने में वक्त लग रहा हो. कांग्रेस को अगर हरियाणा में लोकसभा चुनाव टक्कर के साथ लड़ना है, तो उसे अपने दिग्गज नेताओं को मैदान में उतरना ही होगा. कांग्रेस पार्टी अपने दिग्गज नेताओं को मनाने में भी जुटी होगी. जिसकी वजह से सूची जारी करने में वक्त लग रहा है. बीजेपी के जो उम्मीदवार मैदान में हैं. पार्टी को उनके मुकाबले उम्मीदवारों के नाम तय करने में भी समीकरणों का हिसाब लगाना पड़ रहा होगा. उम्मीद की जानी चाहिए कि अप्रैल के पहले सप्ताह तक कांग्रेस अपने उम्मीदवार घोषित कर देगी."
'जीत के लिए बड़े चेहरों का मैदान में उतरना जरूरी': राजनीतिक मामलों के जानकार धीरेंद्र अवस्थी ने कहा "कांग्रेस पार्टी को जो उम्मीदवार मैदान में उतरने हैं. उनके सियासी समीकरण किस तरह के हों, इस पर मंथन हो रहा होगा. क्योंकि भाजपा पहले ही अपने सभी उम्मीदवार मैदान में उतर चुकी है. ऐसे में उनके मुकाबले जातीय और अन्य समीकरणों को ध्यान में रखकर ही पार्टी उम्मीदवार उतारेगी. कांग्रेस पार्टी को अगर मजबूती के साथ लोकसभा चुनाव लड़ना है, तो उसे फिर मजबूत चेहरों के साथ उतरना होगा. उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्द ही हरियाणा में कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवारों की लिस्ट घोषित हो जाएगी."