दरभंगाः बिहार की सियासत में लालू का MY फॉर्मूला कभी जीत की गारंटी माना जाता था लेकिन हालात बदले तो फॉर्मूला भी बदला और अब आरजेडी MY की बजाय BAAP फॉर्मूले पर फोकस कर रही है. लेकिन लालू को अपने पुराने फॉर्मूले पर अब भी पूरा भरोसा है. दरभंगा लोकसभा सीट पर जीत के लिए लालू ने एक बार फिर MY समीकरण पर यकीन जताया है.
ललित बनाम गोपालजीः: होगा रोचक मुकाबला: 2024 के लोकसभा चुनाव में दरभंगा सीट पर बेहद ही रोचक जंग देखने को मिलेगी. बीजेपी ने जहां एक बार फिर अपने मौजूदा सांसद गोपालजी ठाकुर पर पर भरोसा जताया है तो आरजेडी ने इस बार दरभंगा के 'रण'क्षेत्र में अब्दुल बारी सिद्दीकी की बजाय नये योद्धा ललित यादव को मैदान में उतार दिया है.
2019 में गोपालजी ने जीती थी बाजीः 2019 के लोकसभा चुनाव में दरभंगा लोकसभा सीट पर आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी और बीजेपी के गोपालजी ठाकुर के बीच मुकाबला हुआ था. जिसमें गोपालजी ठाकुर ने बाजी मारी और आरजेडी के अब्दुल बारी सिद्दीकी को 2 लाख 67 हजार 979 वोट से हरा दिया. इस बड़ी हार के बाद आरजेडी ने इस बार अपना योद्धा बदल दिया है.
दरभंगा ग्रामीण से लगातार 6 बार से विधायक हैं ललित यादवः बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और आरजेडी के वरिष्ठ नेता ललित प्रसाद यादव के लिए दरभंगा कोई नया नहीं है. ललित यादव दरभंगा ग्रामीण विधानसभा सीट से लगातार 6 बार से जीत दर्ज करते आ रहे हैं. ललित यादव ने पहली बार 1995 में जीत दर्ज की थी और 2022 में नीतीश कैबिनेट में पीएचईडी मंत्री रहे.
ब्राह्मणों का दबदबाः दरभंगा लोकसभा सीट को ब्राह्मणों का गढ़ कहा जाता है. यहां सबसे अधिर साढ़े 4 लाख ब्राह्मण वोटर्स हैं. जबकि दूसरे नंबर पर साढ़े 3 लाख वोट के साथ मुस्लिम दूसरे नंबर पर हैं. इसके अलावा मल्लाह जाति के मतदाता करीब 2 लाख जबकि एससी-एसटी के ढाई लाख से ज्यादा वोटर्स हैं. वहीं यादव मतदाताओं की संख्या करीब 1 लाख 60 हजार है. ऐसे में MY समीकरण को जोड़ दिया जाए तो आंकड़ा 5 लाख 10 हजार पर पहुंच जाता है.
वोटों के बिखराव को रोकने के लिए ललित पर दांवः 2019 में अब्दुल बारी सिद्दीकी को उतारकर लालू प्रसाद ने MY समीकरण साधने की कोशिश की थी लेकिन सिद्दीकी बहुत बड़े अंतर से हार गये. इस बार लालू प्रसाद ने MY वोटों में बिखराव के लिए यादव उम्मीदवार ललित यादव पर दांव खेला है. वहीं चर्चा ये भी है कि दरभंगा से AIMIM भी अपना कैंडिडेट उतार सकता है. अगर ऐसा हुआ तो मुस्लिम वोटों में बिखराव निश्चित है.
दरभंगा से 9 बार ब्राह्मण सांसदः अलग-अलग दलों से ही सही 9 बार ब्राह्मणों ने दरभंगा लोकसभा सीट पर जीत का परचम लहराया है. 1971 में कांग्रेस के विनोदानंद झा ने जीत दर्ज की तो 1972 के उपचुनाव में कांग्रेस के ललित नारायण मिश्र चुने गये. वहीं 1977 में बीएलडी के सुरेंद्र झा तो 1980 में कांग्रेस के हरिनाथ मिश्र सांसद बने. 1984 में लोकदल के विजय कुमार मिश्र जीते तो बीजेपी के टिकट पर कीर्ति आजाद ने 1999, 2009 और 2014 में जीत दर्ज की. 2019 में बीजेपी के टिकट पर सांसद बने गोपालजी ठाकुर भी ब्राह्मण हैं.
6 विधानसभा सीटों में से 5 पर NDA का कब्जाः दरभंगा लोकसभा सीट के अंतर्गच 6 विधानसभा सीटें आती हैं. जिनमें दरभंगा ग्रामीण पर आरजेडी के ललित प्रसाद यादव का कब्जा है बाकी गौड़ा बौराम, बेनीपुर, अलीनगर, दरभंगा शहरी और बहादुरपुर विधानसभा सीटों पर NDA का कब्जा है.इसमें भी बेनीपुर पर जेडीयू तो बाकी 4 विधानसभा सीटों पर बीजेपी विधायक हैं.