जयपुर. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि प्रदेश की सभी 25 लोकसभा सीटों पर भाजपा लगातार दो बार चुनाव जीती है. लेकिन इस बार माहौल वैसा नहीं है. अब माहौल कांग्रेस के पक्ष में है. देशभर में कांग्रेस के पक्ष में माहौल लगातार बन रहा है. कितनी सीट कांग्रेस के खाते में आएगी. यह एकदम से नहीं कह सकता, लेकिन इस बार परिणाम चौंकाने वाले आएंगे. एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में अशोक गहलोत ने यह बात कही है. भाजपा द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों से जुड़े सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा कि राम मंदिर, धारा 370 और जिनकी वे बात कर रहे हैं. वे मुद्दे नहीं हैं. वे उनकी सरकार के फैसले हैं. आज देश मे ज्वलंत मुद्दा बेरोजगारी का है. महंगाई का बड़ा मुद्दा है. उस पर कोई बात नहीं कर रहा है.
सत्ताधारी पार्टी की जिम्मेदारी बड़ी : अशोक गहलोत ने कहा कि जो पार्टी सत्ता में होती है उसकी पहली ड्यूटी यह होती है कि जो बर्निंग समस्याएं हैं. उनके बारे में विचार किया जाए. बेरोजगारी के लिए क्या प्लान है. उस पर कोई चर्चा नहीं है. महंगाई बहुत भयंकर है. उसकी चर्चा किसी भी बहस में नहीं हो रही है. बेरोजगारी और महंगाई पर राहुल गांधी बोलते हैं. कांग्रेस के नेता बोलते हैं या फिर इंडिया गठबंधन के नेता इन मुद्दों पर बात करते हैं.
हमारा 'न्याय पत्र' फीडबैक पर आधारित : गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' और 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के दौरान जो फीडबैक मिला है. उसके आधार पर हमने अपना चुनावी घोषणा पत्र 'न्याय पत्र' जारी किया है. जिसमें पांच न्याय और 25 गारंटी दी है. यह हमारे मुद्दे हैं कि हम पांच न्याय और 25 गारंटी की बात कर रहे हैं. आप उनका विश्लेषण कर सकते हैं. आप जनता को उससे अच्छी बात कह सकते हैं.लेकिन उस पर आप नहीं जाएंगे. वे तो कहेंगे कि यह मेनिफेस्टो मुस्लिम लीग की तरह है. इसका क्या तुक है. मेनिफेस्टो को मुस्लिम लीग से जोड़ने का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बौखलाहट है.
पहले किए वादों को चुनाव के बाद जुमला बताया : अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे मेनिफेस्टो की आप आलोचना करो, कमियां बताओ. लेकिन यह आपको अधिकार नहीं कि आप इसे मुस्लिम लीग से जोड़ो. अशोक गहलोत ने कहा कि उन्होंने भाजपा के घोषणा पत्र को पूरा नहीं पढ़ा है. लेकिन यह साख का सवाल है. 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काला धन लाने, हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपए जमा करवाने, दो करोड़ लोगों को नौकरी देने की बात कही थी. हालांकि, बाद में कहा गया कि यह तो चुनावी जुमला था. उसके बाद लोकपाल आ गया. अच्छे दिन भी आ गए. उस समय नरेंद्र मोदी ने जो बातें कही थी. उनका जवाब आज तक नहीं दिया गया है. उन पर कोई चर्चा भी नहीं होती. चर्चा होगी तो लोग पहले आपसे उनका जवाब मांगेंगे. उसके बाद आगे की बातें होंगी.
2047 तक की बातों में दम नहीं : अशोक गहलोत ने पीएम मोदी के मिशन-2047 पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे 2047 की बात करते हैं. उनमें कोई दम नहीं है. राहुल गांधी की दोनों यात्राओं में जो फीडबैक आया है. उसके आधार पर कांग्रेस ने जनभावनाओं को आधार बनाकर मेनिफेस्टो तैयार किया है. उस पर चर्चा हो रही है. हमारे गारंटी कार्ड घर-घर पहुंच रहे हैं. हमारे पास कहने को बहुत कुछ है. वे सत्ता में हैं तो उनके पास तो और भी ज्यादा फीडबैक रहता है कि देश की समस्याएं क्या-क्या है. जो घोषणाएं वे कर रहे हैं चाहे घर की हो किसानों की ये तो सबको मालूम है.