लखनऊ : उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए पहेली बनी हुई है. इस सीट पर अब तक उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है. कई महिला नेताओं का नाम इस पर चल रहा है. समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव की देवरानी अपर्णा यादव का नाम भी चल रहा है. लेकिन अपर्णा यादव अब इस सीट से लड़ने से इनकार कर रही हैं. बीजेपी कार्यालय में आयोजित एक प्रेसवार्ता में भी उन्होंने इंकार किया था. सूत्रों का कहना है कि अपर्णा यादव से मैनपुरी में होली के अवसर पर परिवार की महिलाओं ने रिक्वेस्ट की थी कि वह यहां से चुनाव न लड़ें. इसके बाद में संघमित्रा मौर्य और कुछ अन्य नेताओं का नाम इस सीट के लिए उछल रहे हैं.
अपर्णा यादव ने तीन दिन पहले बीजेपी के राज्य मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया था कि वह चुनाव नहीं लड़ने जा रही हैं. पार्टी के लिए जो काम निर्धारित किया जाएगा, उसे वह काम करेंगी. सूत्रों के अनुसार, पिछले दिनों होली के दौरान अपर्णा यादव मैनपुरी गई थीं. जहां परिवार की वरिष्ठ महिलाओं ने अपर्णा यादव से आग्रह किया था कि परिवार के लिए यह अच्छा नहीं होगा कि वह अपनी जेठानी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर जाएं. इसलिए उनको मैनपुरी से चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. जिसको लेकर अपर्णा यादव ने सहमति जाता दी थी. इसके बाद में मैनपुरी से उनके चुनाव लड़ने की अब कोई संभावना नहीं है.
भारतीय जनता पार्टी के उच्च सूत्रों का कहना है कि बदायूं सीट से संघमित्रा मौर्य का टिकट कटने के बाद उनको अब डिंपल यादव के खिलाफ मैनपुरी में चुनाव लड़ने के लिए उतारा जा सकता है. पिछड़े वर्ग से आने वाली संघमित्र मौर्य भारतीय जनता पार्टी के लिए मैनपुरी में बड़ा चेहरा हो सकती हैं. जिसके जरिए भाजपा मैनपुरी में चुनावी वैतरणी पार करने का प्रयास करेगी. फिलहाल अभी अगले कुछ दिन औपचारिक ऐलान होने में लगेगा. जिसमें देखने वाली बात होगी कि मैनपुरी से क्या संघमित्रा मौर्य को बीजेपी चुनाव मैदान उतारती है.