औरंगाबादः 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के दौरान नक्सल प्रभावित कई बूथों पर लोग वोटिंग के लिए नहीं पहुंच पाए. लेकिन औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के एक अति नक्सल प्रभावित गांव के 4 मतदाताओं ने 12 किलोमीटर दूर बने बूथ पर पैदल ही पहुंचकर अपना वोट दिया. हालांकि इस गांव में 38 वोटर्स हैं लेकिन ज्यादा दूरी होने के कारण अधिकतर मतदाता मतदान नहीं कर पाए.
एक ही बूथ पर पांच गांव के मतदान केंद्रः यातायात के साधन के अभाव में जिले के मदनपुर प्रखंड में लंगुराही पहाड़ के दुर्गम जंगली इलाके के ढकपहरी गांव के मात्र 4 वोटर ही वोट डाल पाए. इनका बूथ इनके गांव से करीब 12 किलोमीटर दूर राजकीय मध्य विद्यालय छालीदोहर- सड़ियार में स्थित था. बता दें कि अति नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण ढकपहरी गांव समेत इस बूथ पर पांच गांवों का मतदान केंद्र बनाया गया था.
''लंगुराही से मतदान करने आए है. घर से यहां तक की दूरी 12 किलोमीटर है. पहाड़ के रास्ते चलकर पैदल यहां आए है. हमारा उम्र साठ साल हो गया है. बहुत परेशानी हुआ है. गांव से आने जाने का कोई साधन नहीं है. सरकार से मांग है कि हमारे गांव में भी सड़क बनवा दें.'' - स्थानीय निवासी, लंगुराही, औरंगाबाद
सड़क मौजूद, साधन नहींः मदनपुर प्रखण्ड के इस अति नक्सल प्रभावित इस इलाके में सीआरपीएफ का कैंप है और कैंप तक जाने के लिए सड़क बनी है.इस रास्ते में पड़ने वाले लंगुराही, पचरुखिया, ढ़कपहरी और कई अन्य गांवों के लोग इसी रास्ते का आवागमन के लिए इस्तेमाल करते हैं लेकिन सड़क होने के बावजूद यातायात के साधन मौजूद नहीं हैं. यहां तक कि गरीबी की वजह से यहां के लोग ऑटो भी नहीं चला पाते हैं.
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