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दूरी पर भारी उत्साह , औरंगाबाद के नक्सल प्रभावित गांव के 4 वोटर्स ने 12 किलोमीटर की दूरी तय कर डाला अपना वोट - lok sabha election - LOK SABHA ELECTION

4 voters from naxal affected village: 12 किलोमीटर की दूरी और आने-जाने का कोई साधन नहीं फिर भी लोकतंत्र के पर्व में भागीदारी का ऐसा उत्साह कि पैदल चलकर ही वोट डालने पहुंच गये. औरंगाबाद के नक्सल प्रभावित गांव के 4 वोटर्स के उत्साह में दूरी छोटी पड़ गयी, पढ़िये पूरी खबर,

12 किलोमीटर पैदल चलकर डाला वोट
12 किलोमीटर पैदल चलकर डाला वोट
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 19, 2024, 8:08 PM IST

Updated : Apr 19, 2024, 9:36 PM IST

12 किलोमीटर पैदल चलकर डाला वोट

औरंगाबादः 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के दौरान नक्सल प्रभावित कई बूथों पर लोग वोटिंग के लिए नहीं पहुंच पाए. लेकिन औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के एक अति नक्सल प्रभावित गांव के 4 मतदाताओं ने 12 किलोमीटर दूर बने बूथ पर पैदल ही पहुंचकर अपना वोट दिया. हालांकि इस गांव में 38 वोटर्स हैं लेकिन ज्यादा दूरी होने के कारण अधिकतर मतदाता मतदान नहीं कर पाए.

एक ही जगह पांच गांवों का मतदान केंद्र
एक ही जगह पांच गांवों का मतदान केंद्र

एक ही बूथ पर पांच गांव के मतदान केंद्रः यातायात के साधन के अभाव में जिले के मदनपुर प्रखंड में लंगुराही पहाड़ के दुर्गम जंगली इलाके के ढकपहरी गांव के मात्र 4 वोटर ही वोट डाल पाए. इनका बूथ इनके गांव से करीब 12 किलोमीटर दूर राजकीय मध्य विद्यालय छालीदोहर- सड़ियार में स्थित था. बता दें कि अति नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण ढकपहरी गांव समेत इस बूथ पर पांच गांवों का मतदान केंद्र बनाया गया था.

एक ही जगह पांच गांवों का मतदान केंद्र
एक ही जगह पांच गांवों का मतदान केंद्र

''लंगुराही से मतदान करने आए है. घर से यहां तक की दूरी 12 किलोमीटर है. पहाड़ के रास्ते चलकर पैदल यहां आए है. हमारा उम्र साठ साल हो गया है. बहुत परेशानी हुआ है. गांव से आने जाने का कोई साधन नहीं है. सरकार से मांग है कि हमारे गांव में भी सड़क बनवा दें.'' - स्थानीय निवासी, लंगुराही, औरंगाबाद

12 किलोमीटर पैदल चलकर डाला वोट
12 किलोमीटर पैदल चलकर डाला वोट

सड़क मौजूद, साधन नहींः मदनपुर प्रखण्ड के इस अति नक्सल प्रभावित इस इलाके में सीआरपीएफ का कैंप है और कैंप तक जाने के लिए सड़क बनी है.इस रास्ते में पड़ने वाले लंगुराही, पचरुखिया, ढ़कपहरी और कई अन्य गांवों के लोग इसी रास्ते का आवागमन के लिए इस्तेमाल करते हैं लेकिन सड़क होने के बावजूद यातायात के साधन मौजूद नहीं हैं. यहां तक कि गरीबी की वजह से यहां के लोग ऑटो भी नहीं चला पाते हैं.

एक ही जगह पांच गांवों का मतदान केंद्र
एक ही जगह पांच गांवों का मतदान केंद्र

ये भी पढ़ें : 'जब तक जिंदा हूं वोट करूंगी' परपोते के गोद में सवार होकर बूथ पहुंची 102 साल की परदादी, देश के पहले चुनाव में भी कर चुकी हैं मतदान

ये भी पढ़ेंःमात्र 3 वोट, औरंगाबाद के नेहुटा में अधिकारी करते रहे इंतजार लेकिन नहीं आए मतदाता, जानें वजह - ELECTION BOYCOTT

12 किलोमीटर पैदल चलकर डाला वोट

औरंगाबादः 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के दौरान नक्सल प्रभावित कई बूथों पर लोग वोटिंग के लिए नहीं पहुंच पाए. लेकिन औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र के एक अति नक्सल प्रभावित गांव के 4 मतदाताओं ने 12 किलोमीटर दूर बने बूथ पर पैदल ही पहुंचकर अपना वोट दिया. हालांकि इस गांव में 38 वोटर्स हैं लेकिन ज्यादा दूरी होने के कारण अधिकतर मतदाता मतदान नहीं कर पाए.

एक ही जगह पांच गांवों का मतदान केंद्र
एक ही जगह पांच गांवों का मतदान केंद्र

एक ही बूथ पर पांच गांव के मतदान केंद्रः यातायात के साधन के अभाव में जिले के मदनपुर प्रखंड में लंगुराही पहाड़ के दुर्गम जंगली इलाके के ढकपहरी गांव के मात्र 4 वोटर ही वोट डाल पाए. इनका बूथ इनके गांव से करीब 12 किलोमीटर दूर राजकीय मध्य विद्यालय छालीदोहर- सड़ियार में स्थित था. बता दें कि अति नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण ढकपहरी गांव समेत इस बूथ पर पांच गांवों का मतदान केंद्र बनाया गया था.

एक ही जगह पांच गांवों का मतदान केंद्र
एक ही जगह पांच गांवों का मतदान केंद्र

''लंगुराही से मतदान करने आए है. घर से यहां तक की दूरी 12 किलोमीटर है. पहाड़ के रास्ते चलकर पैदल यहां आए है. हमारा उम्र साठ साल हो गया है. बहुत परेशानी हुआ है. गांव से आने जाने का कोई साधन नहीं है. सरकार से मांग है कि हमारे गांव में भी सड़क बनवा दें.'' - स्थानीय निवासी, लंगुराही, औरंगाबाद

12 किलोमीटर पैदल चलकर डाला वोट
12 किलोमीटर पैदल चलकर डाला वोट

सड़क मौजूद, साधन नहींः मदनपुर प्रखण्ड के इस अति नक्सल प्रभावित इस इलाके में सीआरपीएफ का कैंप है और कैंप तक जाने के लिए सड़क बनी है.इस रास्ते में पड़ने वाले लंगुराही, पचरुखिया, ढ़कपहरी और कई अन्य गांवों के लोग इसी रास्ते का आवागमन के लिए इस्तेमाल करते हैं लेकिन सड़क होने के बावजूद यातायात के साधन मौजूद नहीं हैं. यहां तक कि गरीबी की वजह से यहां के लोग ऑटो भी नहीं चला पाते हैं.

एक ही जगह पांच गांवों का मतदान केंद्र
एक ही जगह पांच गांवों का मतदान केंद्र

ये भी पढ़ें : 'जब तक जिंदा हूं वोट करूंगी' परपोते के गोद में सवार होकर बूथ पहुंची 102 साल की परदादी, देश के पहले चुनाव में भी कर चुकी हैं मतदान

ये भी पढ़ेंःमात्र 3 वोट, औरंगाबाद के नेहुटा में अधिकारी करते रहे इंतजार लेकिन नहीं आए मतदाता, जानें वजह - ELECTION BOYCOTT

Last Updated : Apr 19, 2024, 9:36 PM IST
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