ETV Bharat / state

हिमाचल में इन प्रत्याशियों के बीच होगी कांटे की टक्कर, राजनीतिक भविष्य तय करेगी जीत और हार - Nomination scrutiny in Himachal

Nomination scrutiny in Himachal: हिमाचल प्रदेश में सातवें चरण में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा की 6 सीटों पर उपचुनाव होना है. स्क्रूटनी के बाद प्रत्याशियों के नाम फाइनल होने के बाद अब कांग्रेस और बीजेपी ने कमर कस ली है. विधानसभा उपचुनाव के साथ लोकसभा की चारों सीटों पर मुकाबला दिलचस्प रहने की उम्मीद है.

डम्मी इमेज
पार्टी फ्लैग (file)
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 17, 2024, 5:22 PM IST

Updated : May 18, 2024, 5:32 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी हो चुकी है. प्रदेश में 1 जून को लोकसभा की चारों सीटों पर चुनाव होना है. ऐसे में अब प्रत्याशियों के नाम फाइनल हो गए हैं. नाम फाइनल होने के बाद चुनाव प्रचार तेज होगा. बीजेपी इस बार प्रदेश में तीसरी बार व्हाइट वॉश करने के लिए देख रही है. वहीं, सीएम सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की साख दांव पर होगी.

बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य
बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य ((social media))

मंडी सीट पर कंगना और विक्रमादित्य की टक्कर: मंडी की चर्चित लोकसभा सीट पर सीधी टक्कर बीजेपी प्रत्याशी कंगना और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य के बीच है. इस सीट पर कंगना के साथ पूर्व सीएम जयराम ठाकुर की साख दांव पर लगी है. वहीं, कांग्रेस भी इस सीट पर जीत का दावा कर रही है. हालांकि इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प रहने वाला है. वहीं, चुनाव से पहले इस सीट पर दोनों ही पार्टियों के स्टार प्रचारकों का प्रचार भी चर्चा का विषय है. चुनाव प्रचार खत्म होने तक जो पार्टी चुनाव प्रचार में जितना जोर लगाएगी उस पार्टी को उतना फायदा होगा.

बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी सुल्तानपुरी
बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी सुल्तानपुरी ((social media))

शिमला सीट पर विनोद सुल्तानपुरी और सुरेश कश्यप में जंग: शिमला लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी और बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप के बीच सीधा मुकाबला है. शिमला संसदीय क्षेत्र सेब बहुल क्षेत्र में आता है. शिमला संसदीय सीट को किसी समय कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन बीते 15 साल से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. कांग्रेस प्रत्याशी को राजनीति उनके पिता से विरासत में मिली है. उनके पिता केडी सुल्तानपुरी शिमला संसदीय सीट से 6 बार के सांसद रह चुके हैं. वहीं, शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में कांग्रेस इस सीट पर बीते लोकसभा चुनाव में मिली हार को भुलाकर सकारात्मक परिणाम की उम्मीद लगा रही है.

ये भी पढ़ें: "इटालियन लोगों की गुलामी करते इन्हें कोई दुख नहीं होता, अपने देश की बहन-बेटियों का करते हैं अपमान

हमीरपुर लोकसभा सीट से सतपाल रायजादा और अनुराग ठाकुर आमने-सामने: हमीरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा और सांसद अनुराग ठाकुर के बीच मुकाबला है. हमीरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस की राह सबसे मुश्किल दिख रही है. इस सीट से अपने प्रत्याशी का चयन करने के लिए कांग्रेस ने काफी माथापच्ची की और अंत में जाकर पूर्व विधायक सतपाल रायजादा को सांसद अनुराग ठाकुर के खिलाफ लोकसभा चुनाव में उतारा. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से मुख्यमंत्री सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी आते हैं. कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा के साथ इन तीनों बड़े कांग्रेसी नेताओं की साख इस सीट पर दांव पर है. ऐसे में कांग्रेस बीते लोकसभा चुनाव में मिली हार कि कितनी क्षतिपूर्ति इस सीट पर कर पाती है ये 4 जून को ही पता चल पाएगा. वहीं, एक टीवी इंटरव्यू में सांसद व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि जनता का प्यार उनके लिए हर लोकसभा चुनाव में बढ़ रहा है और इस बार जनता उन्हें 5 लाख से अधिक वोटों से जीताकर संसद में भेजेगी.

बीजेपी प्रत्याशी राजीव भारद्वाज और कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा
बीजेपी प्रत्याशी राजीव भारद्वाज और कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा ((social media))

कांगड़ा लोकसभा सीट से आनंद शर्मा और डॉ. राजीव भारद्वाज के बीच मुकाबला: कांगड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता व पूर्व में राज्यसभा सांसद रहे आनंद शर्मा को बीजेपी प्रत्याशी राजीव भारद्वाज के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस को साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर पूरे देश में रिकॉर्ड मतों से हार मिली थी. वहीं, भाजपा ने इस बार संसदीय क्षेत्र से मौजूदा सांसद किशन कपूर का टिकट भी काटा है. ऐसे में कांग्रेस के पास इस सीट पर मिली करारी हार को भुलाकर अपने वरिष्ठ नेता की फेस वैल्यू को लेकर सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है.

बता दें कि नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी के बाद अब प्रत्याशियों के चेहरे साफ हो गए हैं. प्रदेश में सातवें चरण में 1 जून को लोकसभा चुनाव के साथ प्रदेश की 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. ऐसे में आने वाले दिनों में स्टार प्रचारकों के साथ हिमाचल की ठंडी वादियों में सियासी पारा चढ़ने वाला है. मंडी का सेरी मंच हो या शिमला का रिज मैदान, चंबा का चौगान हो या बिलासपुर का लुहणू मैदान सब जगह से हिमाचल के मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशियों और स्टार प्रचारकों ने नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी के बाद तैयारियां शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: सबसे ज्यादा वोट लेकर भी चुनाव नहीं जीत सकता NOTA, 2019 में हिमाचल के 33 हजार वोटरों ने ठुकराए थे सभी प्रत्याशी

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी हो चुकी है. प्रदेश में 1 जून को लोकसभा की चारों सीटों पर चुनाव होना है. ऐसे में अब प्रत्याशियों के नाम फाइनल हो गए हैं. नाम फाइनल होने के बाद चुनाव प्रचार तेज होगा. बीजेपी इस बार प्रदेश में तीसरी बार व्हाइट वॉश करने के लिए देख रही है. वहीं, सीएम सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी की साख दांव पर होगी.

बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य
बीजेपी प्रत्याशी कंगना रनौत और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य ((social media))

मंडी सीट पर कंगना और विक्रमादित्य की टक्कर: मंडी की चर्चित लोकसभा सीट पर सीधी टक्कर बीजेपी प्रत्याशी कंगना और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य के बीच है. इस सीट पर कंगना के साथ पूर्व सीएम जयराम ठाकुर की साख दांव पर लगी है. वहीं, कांग्रेस भी इस सीट पर जीत का दावा कर रही है. हालांकि इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प रहने वाला है. वहीं, चुनाव से पहले इस सीट पर दोनों ही पार्टियों के स्टार प्रचारकों का प्रचार भी चर्चा का विषय है. चुनाव प्रचार खत्म होने तक जो पार्टी चुनाव प्रचार में जितना जोर लगाएगी उस पार्टी को उतना फायदा होगा.

बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी सुल्तानपुरी
बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप और कांग्रेस प्रत्याशी सुल्तानपुरी ((social media))

शिमला सीट पर विनोद सुल्तानपुरी और सुरेश कश्यप में जंग: शिमला लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी और बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप के बीच सीधा मुकाबला है. शिमला संसदीय क्षेत्र सेब बहुल क्षेत्र में आता है. शिमला संसदीय सीट को किसी समय कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन बीते 15 साल से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. कांग्रेस प्रत्याशी को राजनीति उनके पिता से विरासत में मिली है. उनके पिता केडी सुल्तानपुरी शिमला संसदीय सीट से 6 बार के सांसद रह चुके हैं. वहीं, शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. ऐसे में कांग्रेस इस सीट पर बीते लोकसभा चुनाव में मिली हार को भुलाकर सकारात्मक परिणाम की उम्मीद लगा रही है.

ये भी पढ़ें: "इटालियन लोगों की गुलामी करते इन्हें कोई दुख नहीं होता, अपने देश की बहन-बेटियों का करते हैं अपमान

हमीरपुर लोकसभा सीट से सतपाल रायजादा और अनुराग ठाकुर आमने-सामने: हमीरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व विधायक सतपाल रायजादा और सांसद अनुराग ठाकुर के बीच मुकाबला है. हमीरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस की राह सबसे मुश्किल दिख रही है. इस सीट से अपने प्रत्याशी का चयन करने के लिए कांग्रेस ने काफी माथापच्ची की और अंत में जाकर पूर्व विधायक सतपाल रायजादा को सांसद अनुराग ठाकुर के खिलाफ लोकसभा चुनाव में उतारा. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से मुख्यमंत्री सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी आते हैं. कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल रायजादा के साथ इन तीनों बड़े कांग्रेसी नेताओं की साख इस सीट पर दांव पर है. ऐसे में कांग्रेस बीते लोकसभा चुनाव में मिली हार कि कितनी क्षतिपूर्ति इस सीट पर कर पाती है ये 4 जून को ही पता चल पाएगा. वहीं, एक टीवी इंटरव्यू में सांसद व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि जनता का प्यार उनके लिए हर लोकसभा चुनाव में बढ़ रहा है और इस बार जनता उन्हें 5 लाख से अधिक वोटों से जीताकर संसद में भेजेगी.

बीजेपी प्रत्याशी राजीव भारद्वाज और कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा
बीजेपी प्रत्याशी राजीव भारद्वाज और कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा ((social media))

कांगड़ा लोकसभा सीट से आनंद शर्मा और डॉ. राजीव भारद्वाज के बीच मुकाबला: कांगड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता व पूर्व में राज्यसभा सांसद रहे आनंद शर्मा को बीजेपी प्रत्याशी राजीव भारद्वाज के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा है. कांग्रेस को साल 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर पूरे देश में रिकॉर्ड मतों से हार मिली थी. वहीं, भाजपा ने इस बार संसदीय क्षेत्र से मौजूदा सांसद किशन कपूर का टिकट भी काटा है. ऐसे में कांग्रेस के पास इस सीट पर मिली करारी हार को भुलाकर अपने वरिष्ठ नेता की फेस वैल्यू को लेकर सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है.

बता दें कि नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी के बाद अब प्रत्याशियों के चेहरे साफ हो गए हैं. प्रदेश में सातवें चरण में 1 जून को लोकसभा चुनाव के साथ प्रदेश की 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. ऐसे में आने वाले दिनों में स्टार प्रचारकों के साथ हिमाचल की ठंडी वादियों में सियासी पारा चढ़ने वाला है. मंडी का सेरी मंच हो या शिमला का रिज मैदान, चंबा का चौगान हो या बिलासपुर का लुहणू मैदान सब जगह से हिमाचल के मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशियों और स्टार प्रचारकों ने नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी के बाद तैयारियां शुरू कर दी है.

ये भी पढ़ें: सबसे ज्यादा वोट लेकर भी चुनाव नहीं जीत सकता NOTA, 2019 में हिमाचल के 33 हजार वोटरों ने ठुकराए थे सभी प्रत्याशी

Last Updated : May 18, 2024, 5:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.