रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा पड़ाव के महत्वपूर्ण पड़ावों में अवैध शराब का कारोबार तेजी से फैल रहा है. शराब तस्करी में नेपाली मूल के लोग ज्यादातर शामिल पाए जा रहे हैं. जबकि यात्रा पड़ावों पर मांस भी बेचा जा रहा है. जिस कारण विश्व आखाड़ा परिषद के धर्म-संस्कृति विभाग, भैरव सेना के साथ स्थानीय लोगों में आक्रोश बना हुआ है.
रविवार को केदारनाथ यात्रा के अहम पड़ाव सीतापुर में नेपाली मूल के लोग बैगों में भरकर शराब की बोतलें लेकर जा रहे थे. इस दौरान विश्व आखाड़ा परिषद के धर्म, संस्कृति विभाग एवं भैरव सेना के साथ स्थानीय लोगों को नेपाली मूल के लोगों को देखकर कुछ संशय हुआ. उन्होंने जब उनसे पूछताछ की तो वे गोलमोल जवाब देने लगे. इसके बाद स्थानीय लोगों ने बैगों की तलाशी ली तो शराब की 25 बोतलें बरामद की गई.
इससे पहले शनिवार रात भैरव सेना और विश्व आखाड़ा परिषद के कार्यकर्ताओं ने सीतापुर बाजार से कुछ दूरी पर अवैध तरीके से मांस बेचने की शिकायत पर छापेमारी की थी. इस दौरान डीप फ्रीजर में सड़ा-गला मांस बरामद हुआ था. जबकि धार्मिक पड़ावों में मांस बेचने की अनुमति नहीं है.
विश्व अखाड़ा परिषद (धर्म-संस्कृति विभाग) के प्रदेश महामंत्री एवं भैरव सेना के जिलाध्यक्ष अशोक सेमवाल ने कहा कि केदारनाथ यात्रा पड़ावों से सटे बाजारों के नजदीक अवैध तरीके से मांस बेचने का कार्य किया जा रहा है. इनके पास मांस बेचने तक का लाइसेंस नहीं है.
उन्होंने बताया कि सीतापुर बाजार में नेपाली मूल के युवकों से 25 बोतल अवैध शराब बरामद की गई, जिन्हें पुलिस को सौंपा गया. इस तरह के कृत्य से करोड़ों हिन्दुओं की आस्था से खिलवाड़ किया जा रहा है. उन्होंने मामले में जिला प्रशासन और पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने कहा कि शराब तस्करों की धरपकड़ को लेकर चेकिंग अभियान निरंतर जारी है. स्थानीय लोग भी जागरूक होने लगे हैं. शराब तस्करों की धरपकड़ को लेकर आगे आ रहे हैं. धार्मिक स्थानों पर अवैध तरीके से शराब बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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