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रोहतास में 300 ग्रामीण मजदूरों के नाम पर लोन लेकर 8 करोड़ की ठगी, मास्टरमाइंड निकली 'दादी अम्मा' - Rohtas Loan Fraud

Loan Fraud With Labours : रोहतास में तीन सौ ग्रामीणों को चूना लगाकर गांव की ही दादी अम्मा अपने परिवार संग फरार हो गईं. गांव वालों के नाम पर करोड़ों रुपए का लोन लेकर फरार हो गईं. जब गांव में दनादन लोन चुकाने का नोटिस पहुंचा तो लोगों को अपने ठगे जाने का अहसास हुआ. दरवाजे पहुंचे तो ताला लटका हुआ देखकर लोगों को ठगे जाने का अहसास हुआ और फिर थाने का रुख किया.

रोहतास में मजदूरों के साथ ठगी
रोहतास में मजदूरों के साथ ठगी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 17, 2024, 5:23 PM IST

रोहतास में 300 मजदूरों के साथ ठगी (ETV Bharat)

रोहतास : बिहार के रोहतास में शातिर ठगों के परिवार ने एक गांव के 300 मजदूरों के नाम पर लोन लेकर उनके साथ धोखाधड़ी की. जब तक उन्हें अपने लोन के बारे में जानकारी मिली आरोपी ठग परिवार 8 करोड़ की ठगी करके फरार हो गया. फिलहाल पूरा ठग परिवार भूमिगत है उनका कहीं भी अता-पता नहीं है.

रोहतास में मजदूरों के साथ ठगी : ये ठग भोले-भाले ग्रामीणों को पैसे का लालच देकर फांसते थे. फिर बैंक मैनेजर के साथ मिलकर लोन की राशि निकालकर मजदूरों को 2 से तीन हजार रुपए दिए जाते थे. मजदूरों को पता ही नहीं था कि उन ठगों के भीतर कुछ और ही प्लान चल रहा है. पहले सबपर विश्वास जमाया और जब सबका विश्वास जम गया तो लोन लेकर फुर्र हो गए.

''मेरे नाम पर पांच अलग-अलग बैंकों से लोन निकाला गया है. किसी बैंक से 55 हजार रुपया निकाला गया है, तो किसी बैंक से 70 हजार रुपया. जब भी लोन निकालना होता था तो ठग परिवार बैंक के मैनेजर के साथ दरवाजे पर आते थे. मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद चले जाते थे. लोन पास होने के बाद हमे एक या दो हजार रुपया दे दिया जाता था.''- पन्ना देवी, पीड़ित महिला

नोटिस आने पर खुली पोल : यह मामला तब सामने आया जब बैंकों से मजदूरों के नाम पर लोन चुकाने का नोटिस आना शुरू हुआ. किसी के नाम पर तीन लाख तो किसी के नाम पर 40 हजार. कुछ तो ऐसे भी लोग है जिनके नाम पर एक से अधिक बैंकों में लोन लिए गए. पीड़ितों ने थाने जाकर अपने साथ हुई ठगी की शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस की टीम आरोपियों को ढूंढ रही है. इस पूरे ठग कांड की मास्टरमाइंड एक 'दादी' है.

''पहले सभी बैंकों में उनका एक नया खाता खुलवाया जाता था. उसका पासबुक प्रिंट कराकर ठग परिवार अपने पास पासबुक रख लेते थे. उसके बाद लोन निकाल कर खुद अपने और अपने परिवार के खातों में पैसे भेज दिया जाता था. मेरे नाम पर 70 हजार का लोन निकाला गया और मुझे उसके एवज में केवल चार हजार रुपया दिया गया. बाकी बचे पैसा ठग परिवार अपने अकाउंट में लेकर भाग गया.''- उषा देवी, पीड़ित

10 साल से चल रहा था ठगी का खेल : घटना को बड़ी ही शातिर तरीके से अंजाम दिया गया है. करीब दस वर्षों से ठग परिवार लोगों के नाम पर लोन निकालता व जामा करता था. कुछ वर्षों तक ऐसे सिलसिला चलता रहा. जब लोगों का विश्वास पूरी तरह जीत लिया तो एक बड़ी घटना को पूरे परिवार के साथ मिलकर अंजाम दिया और करीब 8 करोड़ रूपये लेकर गांव छोड़ कर भाग गया.

8 करोड़ लोन लेकर फुर्र हुए ठग : काराकाट थानाध्यक्ष फूलदेव चौधरी से जब इस मामले में जानकारी लिया गया तो उन्होंने घटना की पुष्टि की और मामले को साझा किया. उन्होंने कहा कि मोथा गांव के सैकड़ों लोगों ने अपने गांव के ही एक परिवार पर ठगी का आरोप लगाया है. आरोप है की लोगों के नाम पर लोन निकाल कर थोड़े पैसे का लालच देकर बाकी रुपये अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करा लेता था. पिछले कुछ महीनों से घर पर ताला लगाकर सपरिवार गायब हो गया है.

''मोथा गांव में एक परिवार पर सैकड़ों ग्रामीणों ने ठगी का आरोप लगाया है. पीड़ितों के लिखित आवेदन व बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में सभी बैंकों के मैनेजर की संलिप्तता संदिग्ध है. मामले की जानकारी वरीय पुलिस अधिकारियों को दी गई है.''-फूलदेव चौधरी थानाध्यक्ष काराकाट

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रोहतास में 300 मजदूरों के साथ ठगी (ETV Bharat)

रोहतास : बिहार के रोहतास में शातिर ठगों के परिवार ने एक गांव के 300 मजदूरों के नाम पर लोन लेकर उनके साथ धोखाधड़ी की. जब तक उन्हें अपने लोन के बारे में जानकारी मिली आरोपी ठग परिवार 8 करोड़ की ठगी करके फरार हो गया. फिलहाल पूरा ठग परिवार भूमिगत है उनका कहीं भी अता-पता नहीं है.

रोहतास में मजदूरों के साथ ठगी : ये ठग भोले-भाले ग्रामीणों को पैसे का लालच देकर फांसते थे. फिर बैंक मैनेजर के साथ मिलकर लोन की राशि निकालकर मजदूरों को 2 से तीन हजार रुपए दिए जाते थे. मजदूरों को पता ही नहीं था कि उन ठगों के भीतर कुछ और ही प्लान चल रहा है. पहले सबपर विश्वास जमाया और जब सबका विश्वास जम गया तो लोन लेकर फुर्र हो गए.

''मेरे नाम पर पांच अलग-अलग बैंकों से लोन निकाला गया है. किसी बैंक से 55 हजार रुपया निकाला गया है, तो किसी बैंक से 70 हजार रुपया. जब भी लोन निकालना होता था तो ठग परिवार बैंक के मैनेजर के साथ दरवाजे पर आते थे. मशीन पर अंगूठा लगाने के बाद चले जाते थे. लोन पास होने के बाद हमे एक या दो हजार रुपया दे दिया जाता था.''- पन्ना देवी, पीड़ित महिला

नोटिस आने पर खुली पोल : यह मामला तब सामने आया जब बैंकों से मजदूरों के नाम पर लोन चुकाने का नोटिस आना शुरू हुआ. किसी के नाम पर तीन लाख तो किसी के नाम पर 40 हजार. कुछ तो ऐसे भी लोग है जिनके नाम पर एक से अधिक बैंकों में लोन लिए गए. पीड़ितों ने थाने जाकर अपने साथ हुई ठगी की शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस की टीम आरोपियों को ढूंढ रही है. इस पूरे ठग कांड की मास्टरमाइंड एक 'दादी' है.

''पहले सभी बैंकों में उनका एक नया खाता खुलवाया जाता था. उसका पासबुक प्रिंट कराकर ठग परिवार अपने पास पासबुक रख लेते थे. उसके बाद लोन निकाल कर खुद अपने और अपने परिवार के खातों में पैसे भेज दिया जाता था. मेरे नाम पर 70 हजार का लोन निकाला गया और मुझे उसके एवज में केवल चार हजार रुपया दिया गया. बाकी बचे पैसा ठग परिवार अपने अकाउंट में लेकर भाग गया.''- उषा देवी, पीड़ित

10 साल से चल रहा था ठगी का खेल : घटना को बड़ी ही शातिर तरीके से अंजाम दिया गया है. करीब दस वर्षों से ठग परिवार लोगों के नाम पर लोन निकालता व जामा करता था. कुछ वर्षों तक ऐसे सिलसिला चलता रहा. जब लोगों का विश्वास पूरी तरह जीत लिया तो एक बड़ी घटना को पूरे परिवार के साथ मिलकर अंजाम दिया और करीब 8 करोड़ रूपये लेकर गांव छोड़ कर भाग गया.

8 करोड़ लोन लेकर फुर्र हुए ठग : काराकाट थानाध्यक्ष फूलदेव चौधरी से जब इस मामले में जानकारी लिया गया तो उन्होंने घटना की पुष्टि की और मामले को साझा किया. उन्होंने कहा कि मोथा गांव के सैकड़ों लोगों ने अपने गांव के ही एक परिवार पर ठगी का आरोप लगाया है. आरोप है की लोगों के नाम पर लोन निकाल कर थोड़े पैसे का लालच देकर बाकी रुपये अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करा लेता था. पिछले कुछ महीनों से घर पर ताला लगाकर सपरिवार गायब हो गया है.

''मोथा गांव में एक परिवार पर सैकड़ों ग्रामीणों ने ठगी का आरोप लगाया है. पीड़ितों के लिखित आवेदन व बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में सभी बैंकों के मैनेजर की संलिप्तता संदिग्ध है. मामले की जानकारी वरीय पुलिस अधिकारियों को दी गई है.''-फूलदेव चौधरी थानाध्यक्ष काराकाट

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