हाथरस: हाथरस के सिकंदराराऊ में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 122 लोगों की मौत को लेकर अब जिला प्रशासन पर उंगली उठ रही है. LIU ने भीड़ के बढ़ने का इनपुट दिया था, लेकिन जिला प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया. जिसका नतीजा रहा कि भगदड़ को रोकने का मौके पर कोई इंतजाम नहीं था. LIU की रिपोर्ट की अनदेखी का नतीजा सबके सामने है.
वहीं इस मामले में हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार ने सफाई देते हुए कहा कि, भोले बाबा के सत्संग के लिए उनका आयोजन समिति ही पूरी व्यवस्था देखती है. फूलरई के मैदान में साकार विश्व हरि भोले बाबा का कार्यक्रम मंगलवार को आयोजित किया गया था. जिसमें 80 हज़ार लोगों के आने का आकलन किया गया, लेकिन यहां 140 बीघा में भीड़ करीब ढाई लाख लोगों की पहुंच गई. वहीं यहां आने-जाने के लिए गेट दो ही बनाए गए. पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं थी. एलआईयू ने भीड़ के बढ़ने का इनपुट दिया था, लेकिन जिला प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया.
भगदड़ की घटना के बाद भी घायलों को सही समय पर इलाज नहीं मिल सका. घटना के बाद जब लोग सिकंदराराऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो वहां बिजली नहीं थी. जनरेटर की व्यवस्था न होने से इलाज भी देर से शुरू हुआ.
सिकंद्राराऊ क्षेत्र के फुलरई गांव में भोले बाबा का सत्संग के लिए 15 दिन पहले ही तैयारी शुरू हो गई थी. इसके लिए बाबा के 78 अनुयाई प्रचार प्रसार में जुटे थे. रविवार से ही यहां लोगों का आना शुरू हो गया था. बाबा के काफिले में गाड़ियां इतनी थी कि ट्रैफिक पुलिस का कोई इंतजाम नहीं था
LIU ने जिला प्रशासन को इस कार्यक्रम के बारे में अलर्ट किया था, यह भी अनुमान जताया था की, अनुमान से अधिक भीड़ आ सकती है, लेकिन जिला प्रशासन ने इसको अनदेखा कर दिया. इतना ही नहीं सत्संग में आने वाली भीड़ के लिए केवल एक ही थाने की पुलिस को तैनात किया गया. इतने बड़े आयोजन की मॉनिटरिंग जिला प्रशासन की तरफ से नहीं की गई.
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