पटना: बिहार में दूसरे चरण के चुनाव से ठीक पहले इलेक्टोरल बांड को लेकर जदयू ने आज बड़ा खुलासा किया है. जदयू मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल को कुल 74 करोड़ इलेक्ट्रोल बांड मिले हैं. जिसमें से जुलाई 2023 से लेकर जनवरी 2024 तक केवल 7 महीने में ही 70 करोड़ का चंदा मिला है. उसमें भी 46 करोड़ 64 लाख यानी कि 63 फीसदी चुनावी चंदा शराब कंपनियों ने दिया है. नीरज कुमार ने कहा कि ये सभी कंपनियां पश्चिम बंगाल की हैं.
"18 साल से जदयू सत्ता में है तो हमको मिलता है केवल 14 करोड़. और ई राजनीति के धंधेबाज राष्ट्रीय जनता दल को मिलता है 74 करोड़ रुपया. और उसमें भी शराब कंपनियों का हिस्सा है 63 फीसदी. जब बिहार में शराबबंदी कानून लागू है तो आपको शराब बनाने वाली कंपनियों ने चंदा कैसे दिया."- नीरज कुमार, जदयू मुख्य प्रवक्ता
जदयू ने शराब कंपनियों की सूची जारी कीः जदयू मुख प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि जब बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू थी तो शराब बनाने वाली कंपनियों से आपने चंदा कैसे लिया. उन्होंने कहा कि राजद बिहार में शराबबंदी को विफल करना चाहते थे. जदयू मुख्य प्रवक्ता ने 42 शराब बनाने वाली कंपनियों की सूची जारी की जिसने राजद को इलेक्टोरल बांड के जरीये चंदा दिया है. उन्होंने बताया कि ये सभी कंपनियां बंगाल की हैं. साथ नीरज कुमार ने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव इसीलिए कोलकाता बार-बार जाते थे.
तेजस्वी कर रहे थे पावर का दुरुपयोगः जदयू प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव सत्ता में आने के बाद पावर का दुरुपयोग कर रहे थे. शराब कंपनियों को भरोसा दिलाया था कि बिहार में फिर से शराबबंदी समाप्त हो सकती है. नीरज ने कहा कि सत्ता से उन्हें बाहर करने के बड़े कारणों में से एक यह भी है. नीरज ने यह भी कहा कि एक कंपनी खुद को घाटे में बता रही है, लेकिन राजद को 35 करोड़ चंदा दे दिया. बता दें कि बिहार में राजद, जदयू और कांग्रेस की अगस्त 2022 में सरकार बनी थी. जनवरी 2024 तक यह सरकार चली. इसी दौरान राजद को पश्चिम बंगाल की शराब कंपनियों ने कथित रूप से चंदा दिया है.
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