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गोवा की तरह अब यूपी में भी किराए पर कार लेकर खुद ही घूम सकेंगे शहर, परिवहन विभाग की ये है तैयारी - यूपी रेंट ए कैब सुविधा

गोवा जैसी सुविधा (UP Rent A Cab Facility) अब यूपी में भी मिलने जा रही है. यहां घूमने आने वाले लोग किराए पर कार लेकर खुद ही घूम सकेंगे. जल्द ही लोगों को यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 16, 2024, 1:16 PM IST

लखनऊ : देश-विदेश से लखनऊ घूमने आने वाले पर्यटकों को आने वाले दिनों में किसी भी पर्यटन स्थल तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होगी. उनके पास कई सारे विकल्प मौजूद होंगे. वर्तमान में जो सुविधाएं उपलब्ध हैं उनका तो इस्तेमाल कर ही सकते हैं, साथ ही अगर खुद कार लेकर टहलना-घूमना चाहते हैं तो उन्हें रेंट पर कार भी आसानी से मिल सकेगी. परिवहन विभाग में फर्म मालिक रेंट पर कार देने के लिए आवेदन करने लगे हैं. अब परिवहन विभाग इन्हें अनुमति देने की तैयारी कर रहा है. यानी आने वाले दिनों में गोवा की तर्ज पर ही लखनऊ में भी रेंट पर पर्यटकों को कारें उपलब्ध हो सकेंगी. रेंट ए कैब स्कीम के तहत आवेदन आने शुरू हुए हैं.

रेंट ए कैब स्कीम के तहत हो रहा काम : गोवा में बड़ी संख्या में सैलानी घूमने टहलने जाते हैं और वे किराए पर प्राइवेट कार लेकर सैर करते हैं. उसी तरह अब लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में भी रेंट ए कैब का कारोबार शुरू होने जा रहा है. लखनऊ की राइड ऑन व्हील्स रेंटल सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से राज्य परिवहन प्राधिकरण में आवेदन किया गया है कि रेंट ए कैब स्कीम के तहत कैब संचालन के लिए लाइसेंस दिया जाए. राज्य परिवहन प्राधिकरण ने अनुच्छेद पांच में आवेदक की निर्धारित अर्हताओं के संबंध में जांच आख्या उपलब्ध कराने के लिए आरटीओ लखनऊ को फर्म की जांच करने का निर्देश दिया है. अब आरटीओ की तरफ से राइड ऑन व्हील्स रेंटल सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड के आवेदन पत्र पर जांच की जा रही है. जांच पूरी होने के बाद राज्य परिवहन प्राधिकरण में आख्या प्रस्तुत की जाएगी.

यूपी में भी किराए पर मिलेंगी कारें.
यूपी में भी किराए पर मिलेंगी कारें.

ये होंगी नियम व शर्ते : परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि किराए पर कार का कारोबार संचालित करने के लिए परिवहन विभाग की तरफ से नियम और शर्तें तय की गईं हैं. लाइसेंस के लिए आवेदक को राज्य परिवहन प्राधिकरण में आवेदन करना होता है. ₹5000 इसकी फीस होती है. आवेदक को लाइसेंस तभी मिल सकता है जब उसके पास काम से कम 50 कारें हों. कम से कम पांच अलग-अलग शहरों में दफ्तर हों. फर्म या व्यक्ति का चरित्र बिल्कुल स्वच्छ हो. ज्यादा कारें वातानुकूलित हों. उसके पास गाड़ियों की पार्किंग के लिए अपनी जगह हो. किराए पर अगर जगह ले रखी है तो भी पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए. विभाग की सभी अर्हताएं पूरी करने के बाद ही लाइसेंस प्रदान किए जाने का प्रावधान है.

परिवहन विभाग ने तैयार की रणनीति.
परिवहन विभाग ने तैयार की रणनीति.

कई फर्म ने किया है आवेदन : राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव सगीर अंसारी रेंट ए कैब स्कीम के तहत अगर कोई आवेदक राज्य परिवहन प्राधिकरण में आवेदन करता है तो फर्म की जांच कराकर अर्हताएं पूरी करने वाली फर्म को लाइसेंस दिए जाने का प्रावधान है. कुछ फर्म ने रेंट ए कैब स्कीम के तहत इसके लिए आवेदन किए हैं. उनकी जांच आख्या प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें : आज यूपी में प्रवेश करेगी राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा, कांग्रेस को कितना होगा फायदा ? पढ़िए डिटेल










लखनऊ : देश-विदेश से लखनऊ घूमने आने वाले पर्यटकों को आने वाले दिनों में किसी भी पर्यटन स्थल तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होगी. उनके पास कई सारे विकल्प मौजूद होंगे. वर्तमान में जो सुविधाएं उपलब्ध हैं उनका तो इस्तेमाल कर ही सकते हैं, साथ ही अगर खुद कार लेकर टहलना-घूमना चाहते हैं तो उन्हें रेंट पर कार भी आसानी से मिल सकेगी. परिवहन विभाग में फर्म मालिक रेंट पर कार देने के लिए आवेदन करने लगे हैं. अब परिवहन विभाग इन्हें अनुमति देने की तैयारी कर रहा है. यानी आने वाले दिनों में गोवा की तर्ज पर ही लखनऊ में भी रेंट पर पर्यटकों को कारें उपलब्ध हो सकेंगी. रेंट ए कैब स्कीम के तहत आवेदन आने शुरू हुए हैं.

रेंट ए कैब स्कीम के तहत हो रहा काम : गोवा में बड़ी संख्या में सैलानी घूमने टहलने जाते हैं और वे किराए पर प्राइवेट कार लेकर सैर करते हैं. उसी तरह अब लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में भी रेंट ए कैब का कारोबार शुरू होने जा रहा है. लखनऊ की राइड ऑन व्हील्स रेंटल सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से राज्य परिवहन प्राधिकरण में आवेदन किया गया है कि रेंट ए कैब स्कीम के तहत कैब संचालन के लिए लाइसेंस दिया जाए. राज्य परिवहन प्राधिकरण ने अनुच्छेद पांच में आवेदक की निर्धारित अर्हताओं के संबंध में जांच आख्या उपलब्ध कराने के लिए आरटीओ लखनऊ को फर्म की जांच करने का निर्देश दिया है. अब आरटीओ की तरफ से राइड ऑन व्हील्स रेंटल सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड के आवेदन पत्र पर जांच की जा रही है. जांच पूरी होने के बाद राज्य परिवहन प्राधिकरण में आख्या प्रस्तुत की जाएगी.

यूपी में भी किराए पर मिलेंगी कारें.
यूपी में भी किराए पर मिलेंगी कारें.

ये होंगी नियम व शर्ते : परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि किराए पर कार का कारोबार संचालित करने के लिए परिवहन विभाग की तरफ से नियम और शर्तें तय की गईं हैं. लाइसेंस के लिए आवेदक को राज्य परिवहन प्राधिकरण में आवेदन करना होता है. ₹5000 इसकी फीस होती है. आवेदक को लाइसेंस तभी मिल सकता है जब उसके पास काम से कम 50 कारें हों. कम से कम पांच अलग-अलग शहरों में दफ्तर हों. फर्म या व्यक्ति का चरित्र बिल्कुल स्वच्छ हो. ज्यादा कारें वातानुकूलित हों. उसके पास गाड़ियों की पार्किंग के लिए अपनी जगह हो. किराए पर अगर जगह ले रखी है तो भी पार्किंग के लिए पर्याप्त स्थान होना चाहिए. विभाग की सभी अर्हताएं पूरी करने के बाद ही लाइसेंस प्रदान किए जाने का प्रावधान है.

परिवहन विभाग ने तैयार की रणनीति.
परिवहन विभाग ने तैयार की रणनीति.

कई फर्म ने किया है आवेदन : राज्य परिवहन प्राधिकरण के सचिव सगीर अंसारी रेंट ए कैब स्कीम के तहत अगर कोई आवेदक राज्य परिवहन प्राधिकरण में आवेदन करता है तो फर्म की जांच कराकर अर्हताएं पूरी करने वाली फर्म को लाइसेंस दिए जाने का प्रावधान है. कुछ फर्म ने रेंट ए कैब स्कीम के तहत इसके लिए आवेदन किए हैं. उनकी जांच आख्या प्राप्त होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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