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प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर घर में दफना दिया था, दोनों को आजीवन कारावास - BARABANKI NEWS

अवैध संबंधों में बाधक बनने पर उतारा था मौत के घाट, 7 महीने तक छिपाये रखा था राज, बहन ने दर्ज कराया था मुकदमा

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बाराबंकी जिला कोर्ट. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 4, 2024, 10:01 PM IST

बाराबंकीः करीब 6 साल पहले पत्नी ने द्वारा अपने सहयोगी के साथ मिलकर अवैध सम्बन्धों में बाधक बन रहे पति को रास्ते से हटाने के लिए पति की हत्या करके शव को घर मे ही जमीन के अंदर दबा दिए जाने के मामले में आरोपी पत्नी और उसके सहयोगी को यूपी की बाराबंकी की एक अदालत ने दोषी करार देते हुए दोनों को आजीवन कारावास और प्रत्येक को 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-2 अनिल कुमार शुक्ल ने शुक्रवार को सुनाया.


एडीजीसी रमाकांत द्विवेदी ने बताया कि संगीता ने थाना रामनगर में 29 जुलाई 2018 को तहरीर दी कि अमोली कीरतपुर निवासी उसका भाई अनुरुद्ध कुमार गोस्वामी करीब 7 माह पहले घर से लापता है. काफी खोजबीन की गई लेकिन कोई पता नहीं चल सका. जब वह अपने अपने मायके आई तो भाई के कमरे के अंदर जमीन काफी धंसी हुई दिखाई दी. जमीन में सरिया डालकर देखा गया तो तेज बदबू आ रही थी.

संगीता ने बताया कि उसके भाई अनुरुद्ध कुमार से उनकी पत्नी रीता अक्सर लड़ाई झगड़ा करती थी. जिस दिन उसके भाई लापता हुए थे, उसी रात को करीब 9 बजे उसकी भाभी रीता का झगड़ा हुआ था. रीता के कुछ लोगों से अवैध सम्बंध थे, जिनका उसका भाई हमेशा विरोध करता रहता था. जिसके कारण उनके बीच आपस में आये दिन झगड़ा होता रहता था. रीता करीब 3 माह से घर छोड़कर अपने बच्चों सहित लखनऊ में रहकर प्राइवेट नौकरी कर रही है.

संगीता ने तहरीर में लिखा कि उसे पूर्ण विश्वास है कि भाभी रीता ने अवैध सम्बन्धों में बाधक बन रहे पति अनुरुद्ध कुमार को रास्ते से हटाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हत्या कर उसकी लाश को कमरे के अंदर जमीन में गाड़ दिया है.

संगीता की तहरीर पर रामनगर थाने में रीता और गांव के ही रहने वाले अजय कुमार गोस्वामी, तेज प्रताप गोस्वामी उर्फ तेजऊ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलित कर कोर्ट में तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट फाइल की. मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्षों द्वारा पेश किए गए गवाहों की गवाही और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-2 अनिल कुमार शुक्ल ने रीता और अजय कुमार गोस्वामी को दोषी करार देते हुए दोनों को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. जबकि तीसरे आरोपी तेज प्रताप गोस्वामी उर्फ तेजऊ को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया.

इसे भी पढ़ें-पिता की हत्या करने वाले पुत्र व पौत्र को कोर्ट ने दी आजीवन कारावास की सजा

बाराबंकीः करीब 6 साल पहले पत्नी ने द्वारा अपने सहयोगी के साथ मिलकर अवैध सम्बन्धों में बाधक बन रहे पति को रास्ते से हटाने के लिए पति की हत्या करके शव को घर मे ही जमीन के अंदर दबा दिए जाने के मामले में आरोपी पत्नी और उसके सहयोगी को यूपी की बाराबंकी की एक अदालत ने दोषी करार देते हुए दोनों को आजीवन कारावास और प्रत्येक को 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-2 अनिल कुमार शुक्ल ने शुक्रवार को सुनाया.


एडीजीसी रमाकांत द्विवेदी ने बताया कि संगीता ने थाना रामनगर में 29 जुलाई 2018 को तहरीर दी कि अमोली कीरतपुर निवासी उसका भाई अनुरुद्ध कुमार गोस्वामी करीब 7 माह पहले घर से लापता है. काफी खोजबीन की गई लेकिन कोई पता नहीं चल सका. जब वह अपने अपने मायके आई तो भाई के कमरे के अंदर जमीन काफी धंसी हुई दिखाई दी. जमीन में सरिया डालकर देखा गया तो तेज बदबू आ रही थी.

संगीता ने बताया कि उसके भाई अनुरुद्ध कुमार से उनकी पत्नी रीता अक्सर लड़ाई झगड़ा करती थी. जिस दिन उसके भाई लापता हुए थे, उसी रात को करीब 9 बजे उसकी भाभी रीता का झगड़ा हुआ था. रीता के कुछ लोगों से अवैध सम्बंध थे, जिनका उसका भाई हमेशा विरोध करता रहता था. जिसके कारण उनके बीच आपस में आये दिन झगड़ा होता रहता था. रीता करीब 3 माह से घर छोड़कर अपने बच्चों सहित लखनऊ में रहकर प्राइवेट नौकरी कर रही है.

संगीता ने तहरीर में लिखा कि उसे पूर्ण विश्वास है कि भाभी रीता ने अवैध सम्बन्धों में बाधक बन रहे पति अनुरुद्ध कुमार को रास्ते से हटाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ मिलकर हत्या कर उसकी लाश को कमरे के अंदर जमीन में गाड़ दिया है.

संगीता की तहरीर पर रामनगर थाने में रीता और गांव के ही रहने वाले अजय कुमार गोस्वामी, तेज प्रताप गोस्वामी उर्फ तेजऊ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई. तत्कालीन विवेचक द्वारा वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग करते हुए साक्ष्य संकलित कर कोर्ट में तीनों आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट फाइल की. मामले में अभियोजन ने ठोस गवाह पेश किए. अभियोजन और बचाव पक्षों द्वारा पेश किए गए गवाहों की गवाही और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनने के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-2 अनिल कुमार शुक्ल ने रीता और अजय कुमार गोस्वामी को दोषी करार देते हुए दोनों को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. जबकि तीसरे आरोपी तेज प्रताप गोस्वामी उर्फ तेजऊ को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया.

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