मुजफ्फरनगर : जिले के पुरकाजी क्षेत्र के एक गांव में किशोरी का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म के मामले में अदालत ने दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. अदालत ने 8 साल बाद दोनों दोषियों को सजा सुनाई है. दुष्कर्म करने वाला आरोपी दर्शन राजमिस्त्री का कार्य करता है.
मुजफ्फरनगर में 8 साल पहले कक्षा 10 की छात्रा का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के मामले में राजमिस्त्री दर्शन और उसके साथी वंसी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. यह फैसला विशेष अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट संख्या-एक की पीठासीन अधिकारी मंजुला भालोटिया ने सुनाया है. अभियोजन के अनुसार, थाना पुरकाजी क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने मुकदमा दर्ज कराया था कि 14 नवंबर 2016 को हरिद्वार के लक्सर थाना क्षेत्र के मेहसरी गांव निवासी राजमिस्त्री दर्शन उनकी बेटी का अपहरण कर बहला फुसलाकर ले गया था.
इसके बाद आरोपियों ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था, जिसके बाद पीड़िता गर्भवती हो गई थी. पुलिस ने राजमिस्त्री के अलावा पीड़िता के गांव के ही वंश के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. पीड़ित पक्ष का कहना था कि आरोपी राजमिस्त्री ने उनके घर पर निर्माण कार्य भी किया था. पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. प्रकरण की सुनवाई विशेष अपर सत्र न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट संख्या एक में हुई. अभियोजन पक्ष ने छह गवाह पेश कर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की बात कही.
अदालत ने आज दोनों आरोपियों पर दोष सिद्ध होने के बाद आजीवन कारावास और 30-30 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. आजीवन कारावास के साथ-साथ इसमें और धाराओं में भी पांच-पांच साल का कारावास और 20-20 हजार का जुर्माना व सजा सुनाई गई.
12 साल के बालक के साथ किया घिनौना काम, पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा : फिरोजाबाद जिले की विशेष पॉक्सो अदालत ने लगभग तीन साल 40 दिन पहले (8 अगस्त 2021) एक बालक के साथ हुए अप्राकृतिक मैथुन की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने दोषी युवक पर अर्थदंड भी लगाया है, जिसे अदा न करने पर अतिरिक्त सजा भी भुगतनी पड़ेगी. इस मामले में एक युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. आरोप था कि युवक 12 साल के एक बालक को पकड़कर एक कारखाने में ले गया, जहां उसने बालक के साथ मारपीट और अप्राकृतिक मैथुन की वारदात को अंजाम दिया.
विशेष लोक अभियोजक संजीव शर्मा ने बताया कि मुकदमे के दौरान कई गवाहों ने गवाही दी. कई साक्ष्य भी न्यायालय के सामने पेश किए गए. गवाहों की गवाही तथा साक्ष्य के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी माना. न्यायालय ने आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है. न्यायालय ने उस पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड न देने पर उसे छः माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.