बलौदाबाजार : जिला एवं सत्र न्यायालय बलौदाबाजार ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म और फिर हत्या किए जाने के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. इस केस में अरेस्ट हुए नाबालिग समेत उसकी मां और पड़ोसी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इस केस में ऐसा पहली बार देखा गया जिसमें नाबालिग को जुवेनाइल नहीं मानकर एक अपराधी के जैसे ही सजा सुनाई गई है.
क्या था मामला ? : ये घटना 25 मई 2021 के दिन घटी थी. गांव के एक कुएं में बच्ची का शव मिला. शव को जब निकाला गया तो पता चला कि उसके हाथ और पैर बंधे थे. बच्ची के नाक से खून बह रहा था. पुलिस ने जब मामला दर्ज करके जांच शुरु की तो पता चला बच्ची की हत्या से पहले उसके साथ दुष्कर्म हुआ है. इस केस में पुलिस ने पड़ोसी को हिरासत में लेकर पूछताछ की. जिसमें जो सच आया वो हैरान करने वाला था. बच्ची पड़ोसी के घर खेलने गई थी. उसी समय आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया. बच्ची किसी को ये बात बता ना दें इसलिए उसकी हत्या कर दी. हत्या की जानकारी उसने अपने पड़ोसी दोस्त को दी.दोनों ने मिलकर बच्ची के हाथपैर बांधे और शव को कुंए में फेंक दिया. इस बात की जानकारी आरोपी की मां को भी थी, लेकिन उसने सारा सच छिपाया था.
पॉक्सो एक्ट में हुआ है संशोधन :लोक अभियोजक समीर अग्रवाल ने के मुताबिक अपराध की स्थिति को देखते हुए पॉक्सो एक्ट में संशोधन किया गया है. इसके तहत अब 16 साल के नाबालिग पर भी वयस्क की तरह केस चलेगा. शर्त ये है कि आरोपी नाबालिग मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए. इस केस में आरोपी ने नाबालिग होने के बाद भी सोची समझी साजिश के तहत कुकर्म और हत्या का जुर्म छिपाने की कोशिश की थी.