नई दिल्ली: दिल्ली की तिहाड़ जेल में कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 3,247 अतिरिक्त पदों के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. कर्मचारियों की कमी को लेकर बीते कुछ सालों से मांग की जा रही थी. इनमें जेल सुपरिंटेंडेंट से लेकर डिप्टी सुपरिंटेंडेंट, अस्सिटेंट सुपरीटेंडेंट, हेड वार्डर, अकाउंट ऑफिसर, असिस्टेंट और ड्राइवर जैसे पद शामिल हैं. नए पदों के गठन और नियुक्ति की प्रक्रिया छह माह के भीतर पूरी करने को कहा गया है. साथ ही उपराज्यपाल ने जेल कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए जेल कैडर के पुनर्गठन को भी मंजूरी दी है. जेल कर्मियों के समय पर प्रमोशन को सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया है.
उपराज्यपाल सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार के जेल विभाग में गठित और जल्द भरे पदों में जेल कैडर के ग्रुप ए, बी और सी श्रेणी के तकनीकी नियुक्तियां भी शामिल हैं. नई नियुक्तियां जो होंगी उन्हें दिल्ली के तिहाड़ जेल के अंतर्गत आने वाले मंडोली और रोहिणी जेल में भी तैनात किया जाएगा. जेल विभाग ने कर्मचारियों की कमी और भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए उचित प्रक्रिया के बाद नए पदों के सृजन का प्रस्ताव रखा था. जिसे गत माह विभाग द्वारा स्वीकृति मिलने के बाद इसकी वित्तीय प्रभावों का आकलन के बाद अंतिम मंजूरी के लिए उपराज्यपाल को भेजी गई थी. अब उपराज्यपाल ने अतिरिक्त पदों के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
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तिहाड़ जेल प्रशासन के अनुसार जेल प्रबंधन में सुधार के लिए उठाए गए इस कदम से काफी मदद मिलेगी. उपराज्यपाल ने छह महीने के अंदर इन पदों को भरने की भी निर्देश दिए हैं ताकि नियुक्तियों में विलंब ना हो. उपराज्यपाल सचिवालय के अनुसार पिछले डेढ़ वर्षों में दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों में 17 हज़ार लोगों की नियुक्ति हुई है. इस तेजी से खाली पदों को भरने से हमारी सेवा में सुधार हुआ है. पिछले 10 वर्षों में जितनी नियुक्तियां नहीं हुई थी, उतनी पिछले दो वर्षों में हुई हैं. तिहाड़ जेल के अलावे सरकार के अन्य विभागों में 10 हज़ार पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, अगले तीन महीने में यह पूरी हो जाएंगी.
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